गणतंत्र दिवस पर देशभर में तिरंगा फहराया गया। इस बीच दिल्ली के शाहीन बाग का ध्वजारोहण चर्चा में बना हुआ है। ये तिरंगा JNU के लापता छात्र नजीब अहमद की मां और रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला और शाहीन बाग की दबंग दादियों ने एक साथ मिलकर शाहीन बाग में उस जगह फहराया, जहां पिछले करीब डेढ़ महीने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
शाहीन बाग में रविवार को करीब 10 लाख लोगों द्वारा एक साथ राष्ट्रगीत जन-गण-मन गाकर विश्व के किसी भी राष्ट्रगान को एक साथ गाए जाने वाले रिकॉर्ड को तोड़ने की बात कही गई थी।
इसके बाद नारों का दौर शुरू हुआ, जिसमें सभी एकसाथ 'इंकलाब जिंदाबाद', 'आजादी', 'भारतमाता की जय' जैसे नारे शामिल थे। तकरीबन ग्यारह बजे के बाद शाहीन बाग प्रदर्शन स्टेज पर बच्चों ने देशभक्ति गाने गाए। वहीं, झंडा फहराने के बाद दादियों के चेहरे पर एक अलग ही चमक थी। दादियों का कहना था कि इससे पहले सिर्फ टीवी पर ही यह सब देखा था।
शाहीन बाग के भारत के नक्शे के पास 'हम देखेंगे' नाम से फोटो प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें जामिया के एजेके मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर (एमसीआरसी) के 11 छात्रों द्वारा ली गई 100 से ज्यादा तस्वीरों को लगाया गया। इनमें सीएए और एनआरसी को लेकर लगातार हो रहे विभिन्न राज्यों में हो रहे प्रदर्शन और छात्रों के संघर्ष को दर्शाया गया। छात्र एमडी मेहरबान ने कहा कि इस प्रदर्शनी का एक ही मकसद है कि प्रदर्शन में शामिल होनेवाले लोगों को पता चल कि किस तरह लोग सीएए और एनआरसी को संघर्ष कर रहे है।
रात 12 बजे पढ़ी संविधान की प्रस्तावना
शाहीन बाग में रात 12 बजे से ही गणतंत्र दिवस का जश्न मनाना शुरू कर दिया गया था। 12 बजे के करीब लोगों ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी। साथ ही प्रदर्शनकारियों के लिए 'नागरिकता पर चर्चा' विषय पर कार्यक्रम रखा गया था, जिसमें प्रोफेसर निवेदिता मेनन ने नागरिकता के बारे में जानकारी दी।
शाहीन बाग में रविवार को करीब 10 लाख लोगों द्वारा एक साथ राष्ट्रगीत जन-गण-मन गाकर विश्व के किसी भी राष्ट्रगान को एक साथ गाए जाने वाले रिकॉर्ड को तोड़ने की बात कही गई थी।
इसके बाद नारों का दौर शुरू हुआ, जिसमें सभी एकसाथ 'इंकलाब जिंदाबाद', 'आजादी', 'भारतमाता की जय' जैसे नारे शामिल थे। तकरीबन ग्यारह बजे के बाद शाहीन बाग प्रदर्शन स्टेज पर बच्चों ने देशभक्ति गाने गाए। वहीं, झंडा फहराने के बाद दादियों के चेहरे पर एक अलग ही चमक थी। दादियों का कहना था कि इससे पहले सिर्फ टीवी पर ही यह सब देखा था।
शाहीन बाग के भारत के नक्शे के पास 'हम देखेंगे' नाम से फोटो प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें जामिया के एजेके मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर (एमसीआरसी) के 11 छात्रों द्वारा ली गई 100 से ज्यादा तस्वीरों को लगाया गया। इनमें सीएए और एनआरसी को लेकर लगातार हो रहे विभिन्न राज्यों में हो रहे प्रदर्शन और छात्रों के संघर्ष को दर्शाया गया। छात्र एमडी मेहरबान ने कहा कि इस प्रदर्शनी का एक ही मकसद है कि प्रदर्शन में शामिल होनेवाले लोगों को पता चल कि किस तरह लोग सीएए और एनआरसी को संघर्ष कर रहे है।
रात 12 बजे पढ़ी संविधान की प्रस्तावना
शाहीन बाग में रात 12 बजे से ही गणतंत्र दिवस का जश्न मनाना शुरू कर दिया गया था। 12 बजे के करीब लोगों ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी। साथ ही प्रदर्शनकारियों के लिए 'नागरिकता पर चर्चा' विषय पर कार्यक्रम रखा गया था, जिसमें प्रोफेसर निवेदिता मेनन ने नागरिकता के बारे में जानकारी दी।