जहर, नफरत और तनाव फैलाने वाली वट्सअप सुरक्षा खामी को दुरुस्त करें

Written by Samir Kelekar | Published on: May 26, 2017

भारतीय एजेंसियां वट्सअप की खामियों के खात्मे के ल‌िए कदम क्यों नहीं उठातीं ताकि गुनाहगार बच न न‌िकलें। उन्हें दबोचा जा सके।  




रास्तों को बंद करने में नाकाम रही हैं जिसके कारण भड़काऊ और बहकाने वाले बयानबाजी करने वाले गुनाह करके बच निकलने में कामयाब हो जाते हैं।

देश में वट्सअप की सुरक्षा में सेंध लगने की वजह से कोई भी इस पर गुमनाम होकर अपने कारनामों को अंजाम दे सकता है। वट्सअप पर पहचान जानने के दो तरीके हैं-  या तो एसएमएस के जरिये या फिर वॉयस कॉल के जरिये,  जिसे कॉल मी ऑप्शन कहा जाता है।

कोई भी शख्स सार्वजन‌िक फोन, जिसका कोई मालिकाना नहीं होता है,  से फोन करके उस पर आवाज में ओटीपी मंगा सकता है और इसका किसी की पहचान जानने में इस्तेमाल कर सकता है। इन नंबरों का कोई मालकि नहीं होता इसलिए इस पर पहचान आसानी से छिपाई जा सकती है।  

वट्सअप कम्यूनिकेशन का सबसे बड़ा माध्यम बन चुका है और यह कहा जाता है कि वट्सअप यूजर उसके मोबाईल नंबर से जुड़ा होता है इसलिए उसकी पहचान की जा सकती है।

उदाहरण के तौर पर रेडियो स्टेशन पर सुनने वालों के मैसेज आते हैं वट्सअप पर।  बैंगलुरू एयरपोर्ट अथॉरिटी फीडबैक या कम्पलेंट वट्सअप पर ही मांगती है।

इससे आप आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं कि गुमना रह कर अपनी पहचान बताए बिना वट्सअप का कितना गलत इस्तेमाल हो सकता है। वट्सअप को उसकी सुरक्षा में यह बड़ी खामी बताई जा चुकी है। लेक‌िन वह इसे ठीक करने को तैयार नहीं। लिहाजा यह माकूल वक्त है, जब भारतीय सुरक्षा एजेंस‌ियां इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।

वट्सअप पर शातिर तरीके से झूठ फैलाया सकता है।  जिंदगी ली जा सकती है। सामाज‌िक तनाव या अराजकता फैलाई जा सकती है। और यह हो रहा है।

झारखंड

झारखंड में 7 लोगों की हत्या कर दी गई। बच्चों की अपहरण की झूठी खबर फैला कर।  उसके बाद लोकल पुलिस एक्शन में आई।

आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वट्सअप पर कितना गलत काम किया जा सकता है।  

अक्टूबर 2016 में 22 वर्षीय मिन्हा अंसारी को झारखंड में मार दिया गया। वट्सअप पर एक तस्वीर भेजी गई,  जिसमें उसे एक बछड़े को मारते हुए दिखाया गया।  विश्व हिंदू परिषद की जामताड़ा यूनिट के प्रमुख सोनू सिंह ने पुलिस में श‌िकायत की थी अंसारी ने वटसअप पर बछड़े को मारते हुए अपनी फोटो भेजी थी।  

महाराष्ट्र

कुछ महीने पहले ही एक प्रोफेसर को मारा गया, पीटा गया और ससपेंड कर दिया गया। प्रोफेसर को सरेआम कैंपस में पीटा गया अपमान‌ित किया गया। प्रोफेसर सुनील बाघमारे ने कहा कि उसने ऐसा अन्याय कभी नही देखा। एक झूठे वट्सअप ने मेरी नौकरी, मेरी गरिमा ले ली। प्रोफेसर को भीड़ ने मारा, अपमानित क‌िया। वट्सअप पर झूठी अफवाह की वजह से इस  प्रोफेसर ने अपने पर‌िवार के साथ वह जगह छोड़ दी, जहां वह रहते थे।

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