नई दिल्ली। रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) को स्वीडन की टेलिकॉम गीयर कंपनी एरिक्सन का 453 करोड़ रुपये का बकाया चुकाना है, लेकिन लेंडर्स ने इसके लिए कंपनी का इनकम टैक्स रिफंड रिलीज करने से इनकार कर दिया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एक कदम से अनिल अंबानी पर जेल जाने का खतरा मंडरा रहा है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सोमवार को नैशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल में दी इंडिपेंडेंट पिटीशन में कहा है कि जब तक सभी पार्टियों में एक राय न बन जाएगी, कोई फंड रिलीज नहीं किया जाएगा।
आरकॉम को 19 मार्च तक एरिक्सन का बकाया चुकाना है लेकिन फाइनैंशल क्रेडिटर्स के फंड रिलीज करने से मना करने से वह बड़ी मुश्किल में फंस जाएगी। इस मामले में अगली सुनवाई मंगलवार 12 मार्च को होगी। SBI आरकॉम से बकाया वसूल करने की कोशिश में जुटे 37 बैंकों और फाइनैंशल इंस्टीट्यूशंस के कंसॉर्शियम का लीड बैंकर है। एरिक्सन कंपनी का ऑपरेशनल क्रेडिटर है।
मामले में आरकॉम का पक्ष रख रहे सीनियर ऐडवोकेट कपिल सिब्बल ने NCLAT को सोमवार को बताया कि टेलिकॉम कंपनी को 19 मार्च तक एरिक्सन का बकाया चुकाना है। उन्होंने कहा कि एसबीआई ने लगभग 260 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स रिफंड रोका हुआ है जिसे सीधे स्वीडन की कंपनी के पास जमा कराया जाना चाहिए।
जस्टिस एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली NCLAT की दो मेंबर वाली बेंच ने यह कहकर एसबीआई की आलोचना की है कि अपीलेट ट्राइब्यूनल ने आरकॉम और एरिक्सन के बीच तय कंसेंट टर्म्स किए जाने की इजाजत दी थी क्योंकि बैंक ने अपनी अपील में अनिल अंबानी की टेलिकॉम कंपनी की सुंदर तस्वीर पेश करते हुए कहा था कि उसके ऐसेट्स को रिलायंस जियो खरीदने जा रही है। इस पर एसबीआई ने अपनी अपील में कहा कि फंड रिलीज करने से पहले सभी लेंडर्स की इजाजत लेना जरूरी है। अदालत में मौजूद एक लीगल सोर्स ने कहा, 'लेंडर्स के प्रतिनिधियों का कहना है कि वे सिक्योर्ड लेंडर्स हैं और उन्हें अब तक सबकी मंजूरी नहीं मिली है।'
यह केस 20 फरवरी को जारी सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर से जुड़ा है जिसमें कहा गया था कि आरकॉम ने रकम पास में होने के बावजूद एरिक्सन का 550 करोड़ रुपये का बकाया नहीं चुका करके अदालत की अवमानना की है। अदालत ने टेलिकॉम कंपनी और उसकी यूनिट्स को चार हफ्ते में ऑपरेशनल क्रेडिटर एरिक्सन का बकाया चुकाने का आदेश दिया था।
बैंकरप्ट आरकॉम पहले ही सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री के पास 118 करोड़ रुपये जमा करा चुकी है। उसे एरिक्सन को पेनाल्टी इंट्रेस्ट सहित 453 करोड़ रुपये की रकम और अदा करनी है। इनकम टैक्स रिफंड रिलीज होने से टेलिकॉम कंपनी को डेडलाइन से पहले पेमेंट करने में मदद मिलेगी। मामले में SBI का पक्ष सीनियर ऐडवोकेट नीरज किशन कौल रख रहे थे। सोमवार को अदालत में एरिक्सन के वकील सीनियर ऐडवोकेट अनिल खेर भी मौजूद थे।
आरकॉम को 19 मार्च तक एरिक्सन का बकाया चुकाना है लेकिन फाइनैंशल क्रेडिटर्स के फंड रिलीज करने से मना करने से वह बड़ी मुश्किल में फंस जाएगी। इस मामले में अगली सुनवाई मंगलवार 12 मार्च को होगी। SBI आरकॉम से बकाया वसूल करने की कोशिश में जुटे 37 बैंकों और फाइनैंशल इंस्टीट्यूशंस के कंसॉर्शियम का लीड बैंकर है। एरिक्सन कंपनी का ऑपरेशनल क्रेडिटर है।
मामले में आरकॉम का पक्ष रख रहे सीनियर ऐडवोकेट कपिल सिब्बल ने NCLAT को सोमवार को बताया कि टेलिकॉम कंपनी को 19 मार्च तक एरिक्सन का बकाया चुकाना है। उन्होंने कहा कि एसबीआई ने लगभग 260 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स रिफंड रोका हुआ है जिसे सीधे स्वीडन की कंपनी के पास जमा कराया जाना चाहिए।
जस्टिस एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली NCLAT की दो मेंबर वाली बेंच ने यह कहकर एसबीआई की आलोचना की है कि अपीलेट ट्राइब्यूनल ने आरकॉम और एरिक्सन के बीच तय कंसेंट टर्म्स किए जाने की इजाजत दी थी क्योंकि बैंक ने अपनी अपील में अनिल अंबानी की टेलिकॉम कंपनी की सुंदर तस्वीर पेश करते हुए कहा था कि उसके ऐसेट्स को रिलायंस जियो खरीदने जा रही है। इस पर एसबीआई ने अपनी अपील में कहा कि फंड रिलीज करने से पहले सभी लेंडर्स की इजाजत लेना जरूरी है। अदालत में मौजूद एक लीगल सोर्स ने कहा, 'लेंडर्स के प्रतिनिधियों का कहना है कि वे सिक्योर्ड लेंडर्स हैं और उन्हें अब तक सबकी मंजूरी नहीं मिली है।'
यह केस 20 फरवरी को जारी सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर से जुड़ा है जिसमें कहा गया था कि आरकॉम ने रकम पास में होने के बावजूद एरिक्सन का 550 करोड़ रुपये का बकाया नहीं चुका करके अदालत की अवमानना की है। अदालत ने टेलिकॉम कंपनी और उसकी यूनिट्स को चार हफ्ते में ऑपरेशनल क्रेडिटर एरिक्सन का बकाया चुकाने का आदेश दिया था।
बैंकरप्ट आरकॉम पहले ही सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री के पास 118 करोड़ रुपये जमा करा चुकी है। उसे एरिक्सन को पेनाल्टी इंट्रेस्ट सहित 453 करोड़ रुपये की रकम और अदा करनी है। इनकम टैक्स रिफंड रिलीज होने से टेलिकॉम कंपनी को डेडलाइन से पहले पेमेंट करने में मदद मिलेगी। मामले में SBI का पक्ष सीनियर ऐडवोकेट नीरज किशन कौल रख रहे थे। सोमवार को अदालत में एरिक्सन के वकील सीनियर ऐडवोकेट अनिल खेर भी मौजूद थे।