गोमांस खाने वाले को फांसी पर लटका देना चाहिएः साध्वी सरस्वती

Published on: June 15, 2017
गोहत्या और गोमांस के इस्तेमाल की बहस के बीच साध्वी सरस्वती ने कहा है कि गोमांस खाने वाले को सार्वजनिक रूप से फांसी पर लटका देना चाहिए। उन्होंने गोवा की राजधानी पणजी में सभा के उद्घाटन के दौरान संबोधित करते हुए ये बात कही। साथ ही उन्होंने कहा कि गोरक्षा के लिए घरों में हथियार रखना चाहिए।



साध्वी के इस बयान के बाद कांग्रेस ने प्रतिक्रिया में कहा कि साध्वी के इस बयान से सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है। कांग्रेस ने गोवा सरकार से साध्वी के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है। साध्वी सरस्वती ने कल शाम एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि मैं केंद्र सरकार से अपील करती हूं कि जो कोई स्टेटस सिंबल के रूप में अपनी मां का मांस खाता है उसे फांसी दे देना चाहिए।

रामनाथी गांव में ऑल इंडिया हिंदू कंवेंशन के उद्घाटन के दौरान गोमांस के खाने पर टिप्पणी करते हुए साध्वी ने कहा कि जो लोग गोमांस खाते है उन्हें सार्वजनिक तौर पर फांसी देना चाहिए जिससे लोग गोमाता की रक्षा और अपने कर्तव्यों के बारे में जानेंगे।
 
सनातन धर्म प्रचार सेवा समिति की अध्यक्षा साध्वी सरस्वती ने कहा कि गोरक्षा के लिए हिंदुओं को अपने घरों में हथियार रखना चाहिए। साध्वी ने आगे कहा कि अगर हमलोग हथियार जमा नहीं करेंगे तो भविष्य में हम बर्बाद कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आज भारत पर चौतरफा हमला हो रहा है। साध्वी ने कहा कि भारत से कश्मीर को अलग करने की कोशिश की जा रही है और अमरनाथ यात्रा को रोकने की भी कोशिश हो रही है। भारतमाता-गोमाता की निंदा की जा रही है। हिंदू राष्ट्र को लेकर विपक्षी पार्टियों पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि देश की कोई भी ताकत भारत को हिंदू राष्ट्र बनने से नहीं रोक सकता है।
 
साध्वी ने भगवा आतंकवाद को नकारते हुए कहा कि भगवा का मतलब राष्ट्र और धर्म के लिए जीवन को समर्पित करना है। समारोह के आयोजक के मुताबिक इसमें भारत के 21 राज्यों और बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल से करीब 130 हिंदू संगठन हिस्सा ले रहे हैं।

साध्वी के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के सचिव गिरिश चोदनकर ने मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया है। चोदनकर ने कहा कि समारोह में सांप्रदायिक नफरत फैलाने वाले बयान दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के चुप रहने से साबित होता है कि वह ऐसे बयान का समर्थन करती है। चोदनकर ने इस मामले में गोवा फॉरवर्ड पार्टी के नेता विजयी सरदेसाइ के चुप रहने पर भी सवाल खड़ा किया है। ज्ञात हो कि सरदेसाइ की पार्टी बीजेपी सरकार की सहयोगी पार्टी है।  
 

बाकी ख़बरें