नई दिल्ली। सबरीमाला मंदिर में दो महिला श्रद्धालुओं (जिनकी उम्र 50 साल से कम है) ने अयप्पा भगवान के दर्शन कर लिए हैं। इन दोनों महिलाओं के दर्शन के बाद हंगामा मचा हुआ है। जिन लोगों को लगता है कि माहवारी की उम्र वाली महिलाओं के दर्शन से अयप्पा भगवान का ब्रह्मचर्य भंग हो जाएगा वे प्रलय का ऐलान कर रहे हैं। महिलाओं के दर्शन से अयप्पा भगवान ने भले ही प्रलय नहीं मचाई हो लेकिन सोशल मीडिया यूजर्स ने दाकियानूसी सवाल करने वालों पर जरूर निशाना साधा है।
ट्विटर पर इन महिलाओं को खूब तारीफ मिल रही है। दरअसल बुधवार को केरल की दो महिलाओं ने सबरीमाला में भगवान अयप्पा के मंदिर में दर्शन किए। इन महिलाओं का नाम बिंदु और कनकदुर्गा है। सीपीआई (एमएल) की कार्यकर्ता बिंदु की उम्र 42 साल है और वो कोझीकोड जिले की रहने वाली हैं। जबकि 44 वर्षीय कनकदुर्गा मल्लपुरम जिले की रहने वाली हैं।
महिलाओं ने न्यूज 18 के साथ बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने मंगलवार आधी रात से मंदिर की सीढियां चढ़ना शुरू किया और रात 3।45 तक वो दर्शन के लिए पहुंच चुकी थीं। कनकदुर्गा ने बताया कि उन्होंने अपनी यात्रा पुलिस सुरक्षा के बगैर पूरी की। इस दौरान किसी भी प्रदर्शनकारी से उनका सामना नहीं हुआ। उन्होंने कहा, 'हम आधी रात तक पंबा पहुंच चुके थे। इसके बाद हम पुलिस स्टेशन भी गए। लेकिन फिर हम बिना पुलिस सुरक्षा के आगे बढ़े।'
इन महिलाओं ने बीते साल भी शनिधनम में जाने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें प्रदर्शन की वजह से वापस जाना पड़ा था। ट्विटर पर इन दोनों महिलाओं के साहस की खूब तारीफ हो रही है।
टी सुधीश नाम के ट्विटर यूजर ने कहा, 'केरल के प्रोगेसिव मूवमेंट के लिए 2019 की बहुत अच्छी शुरुआत हुई है। सबरीमाला में महिलाओं ने प्रवेश किया है, हम कभी भी एकजुट राजनीति में नहीं फंसे और आगे बढ़ते जा रहे हैं।'
ट्विटर पर इन महिलाओं को खूब तारीफ मिल रही है। दरअसल बुधवार को केरल की दो महिलाओं ने सबरीमाला में भगवान अयप्पा के मंदिर में दर्शन किए। इन महिलाओं का नाम बिंदु और कनकदुर्गा है। सीपीआई (एमएल) की कार्यकर्ता बिंदु की उम्र 42 साल है और वो कोझीकोड जिले की रहने वाली हैं। जबकि 44 वर्षीय कनकदुर्गा मल्लपुरम जिले की रहने वाली हैं।
महिलाओं ने न्यूज 18 के साथ बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने मंगलवार आधी रात से मंदिर की सीढियां चढ़ना शुरू किया और रात 3।45 तक वो दर्शन के लिए पहुंच चुकी थीं। कनकदुर्गा ने बताया कि उन्होंने अपनी यात्रा पुलिस सुरक्षा के बगैर पूरी की। इस दौरान किसी भी प्रदर्शनकारी से उनका सामना नहीं हुआ। उन्होंने कहा, 'हम आधी रात तक पंबा पहुंच चुके थे। इसके बाद हम पुलिस स्टेशन भी गए। लेकिन फिर हम बिना पुलिस सुरक्षा के आगे बढ़े।'
इन महिलाओं ने बीते साल भी शनिधनम में जाने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें प्रदर्शन की वजह से वापस जाना पड़ा था। ट्विटर पर इन दोनों महिलाओं के साहस की खूब तारीफ हो रही है।
टी सुधीश नाम के ट्विटर यूजर ने कहा, 'केरल के प्रोगेसिव मूवमेंट के लिए 2019 की बहुत अच्छी शुरुआत हुई है। सबरीमाला में महिलाओं ने प्रवेश किया है, हम कभी भी एकजुट राजनीति में नहीं फंसे और आगे बढ़ते जा रहे हैं।'