प्रशांत की गिरफ्तारी एक खतरनाक ट्रेंड का रिफ्लेक्शन है..

Written by Robin kumar | Published on: June 8, 2019
एक महिला दावा करती है कि वो यूपी के मुख्यमंत्री से साल भर से वीडियो चैट कर रही है और उनसे मिलना चाहती है. स्थानीय पत्रकारों ने उसका बाइट लिया. वही एक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई जिसे Prashant ने ट्वीट किया. उसका कैप्शन था, "इश़्क छिपाए नहीं छिपता योगीजी."



अब देखिए, इस ट्वीट पर एफआईआर किसने करवाया? यूपी पुलिस के दारोगा विकास कुमार ने.

सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री कार्यालय ने एसएसपी को कार्रवाई करने को निर्देशित किया. एसएसपी ने साइबर सेल और पुलिस की ज्वाइंट टीम बनवाई और प्रशांत को दिल्ली से गिरफ्तार किया.

पुलिसवाले सिविल ड्रेस में थे. प्रशांत की पत्नी के मुताबिक, पुलिस ने अरेस्ट वारंट नहीं दिखाया. यूपी पुलिस दिल्ली में गिरफ्तारी करती है लेकिन दिल्ली पुलिस का कोई जवान साथ नहीं था.

यह एक खतरनाक ट्रेंड है. कल ही गया, शेरघाटी से दो सामाजिक कार्यकर्ताओं को नक्सली बताकर गिरफ्तार किया गया है. आज भीमा कोरेगांव में हुई गिरफ्तारियों को साल गए हैं और हालात और बिगड़ते ही जा रहे हैं. कल को सत्ता अगर आपको फंसाना चाहे तो किसी भी तरह से आपको फंसा सकती है.

प्रशांत कैसा है, कैसा नहीं यह फिलहाल उसकी क्लास नहीं है. मामला क्या है, उसे गिरफ्तार क्यों किया गया है- यह सबसे महत्वपूर्ण है. प्रशांत महत्वपूर्ण नहीं है हुजूर, महत्वपूर्ण यह है कि कल को आप भी उठा लिये जाएंगें और आपकी फेसबुक/ट्विटर खोदी जाती रहेगी.

(नोटः ये लेख पूर्व में फेसबुक पोस्ट में प्रकाशित किया जा चुका है। ये लेखक के निजी विचार हैं।)

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