अपहरण-फिरौती, छेड़छाड़ और ताबड़तोड़ हत्याओं से आमजन में पसरा भय व सन्नाटा टूट भी नहीं पा रहा था कि सहारनपुर व हापुड़ से लेकर गोरखपुर व आजमगढ़ तक नाबालिग लड़कियों-बच्चियों से दरिंदगी और हैवानियत ने प्रदेशवासियों को हिलाकर रख दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह ज़िले गोरखपुर में हैवानों ने दलित नाबालिग से रेप के बाद उसके शरीर को जगह-जगह सिगरेट से दाग कर जला दिया। लखीमपुर खीरी में 13 साल की दलित छात्रा से गैंगरेप और गला घोंटकर हत्या के साथ आंख फोड़ने व जीभ काटने के आरोप हैं। यही नहीं, पिछले हफ्ते हापुड़ में 6 साल की बच्ची से निर्मम दरिंदगी ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया था। अब सहारनपुर में कक्षा 12 की दलित छात्रा से उसके तीन सहपाठियों द्वारा ब्लैकमेल कर रेप का मामला सामने आया है।
उत्तर प्रदेश में अपराधियों के हौसले किस कदर बुलंद हैं, यह उसकी बानगीभर है। लखीमपुर खीरी में नाबालिग लड़की से रेप का मामला सामने आने के ठीक बाद गोरखपुर में दरिदों ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं। यहां गोला इलाके के बड़हलगंज थाना क्षेत्र में 17 वर्षीय दलित लड़की से रेप किया और आरोपियों द्वारा सिगरेट से नाबालिग के शरीर को जगह जगह से जला दिया गया। पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीड़िता के माता पिता भट्ठे पर मजदूरी करते हैं। पीड़िता के पिता ने बताया कि शनिवार रात 8 बजे के आसपास लड़की घर के सामने हैंड पंप पर पानी भरने गई थी। तभी अर्जुन नाम का युवक अपने साथी के साथ बाइक से आया और लड़की का मुंह दबाकर उसे उठा ले गया। घरवालों ने लड़की को ढूंढा, लेकिन कहीं पता नहीं चला। रविवार सुबह कुछ लोगों ने लड़की को डेहरीभार गांव के पास बदहवास देखा। नाबालिग ने परिजनों को घटना की जानकारी दी। सूचना पर पहुंची पुलिस लड़की को गोला के अस्पताल लेकर गई, जहां उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। एसएसपी सुनील गुप्ता के अनुसार, पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया है।
लखीमपुर खीरी में दरिंदों ने नाबालिग दलित लड़की के साथ वहशीपन की सारी हदें पार कीं। शौच के लिए घर से बाहर गई 13 साल की छात्रा के साथ न सिर्फ बदमाशों ने गैंगरेप किया, बल्कि गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी, आंख फोड़ दीं। लड़की का क्षत-विक्षत शव पैर बंधे हुए मिला। लड़की के पिता का आरोप है कि बेटी का गला घोंटा। आंख फोड़ दी व जीभ काटी। हालांकि पुलिस ने पिता के दावे से इनकार करते हुए कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आंख फोड़ने या जीभ काटने जैसी कोई बात नहीं आई। पुलिस के अनुसार, आंख के पास चोट जरूर लगी है। लेकिन पोस्टमार्टम में बलात्कार व गला घोंटने का ही उल्लेख है। पुलिस के अनुसार, आरोपियों को पकड़कर 302 के तहत जेल भेजा गया है।
गोरखपुर, लखीमपुर, हापुड़, बुलंदशहर, आजमगढ़, सीतापुर के साथ सहारनपुर में भी गैंगरेप की वारदात सामने आई हैं। यहां सदर थाना क्षेत्र में दलित नाबालिग से उसके 3 सहपाठियों द्वारा अश्लील फोटो-वीडियो से ब्लैकमेल कर रेप का मामला सामने आया है। पुलिस के अनुसार, एससी एक्ट में मामला दर्ज किया है। एक आरोपी पकड़ा है। उधर, एक के बाद एक घटना से सपा, बसपा व कांग्रेस योगी सरकार पर हमलावर हो चलीं हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा के साथ सपा को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से सपा व वर्तमान बीजेपी सरकार में क्या अंतर रह गया है। उन्होंने दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की। पूर्व मुख्यमंत्री व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘भाजपाकाल में उप्र की बच्चियों व महिलाओं का उत्पीड़न चरम पर है। बलात्कार, अपहरण, अपराध व हत्याओं के मामले में भाजपा सरकार प्रश्रयकारी क्यों बन रही है?
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि 'पुलिस और प्रशासन न तो सुरक्षा दे पा रहे हैं और न ही उचित कार्रवाई कर पा रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था की समीक्षा करे और महिलाओं की सुरक्षा सम्बंधित हर कदम गंभीरता से उठाए'।
अब राजनीतिक दलों का हमला अपनी जगह है लेकिन, आज जब केंद्र की मोदी सरकार लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र दोबारा से तय करने पर विचार कर रही है, वहीं उप्र में नाबालिग लड़कियों व बच्चियों से हैवानियत, बेटी बचाओ से एंटी रोमियो अभियान तक, योगी सरकार और उसके घोषित-अघोषित रामराज को भी कटघरे में खड़ा कर दे रही हैं। ऐसे में बेटियो की सुरक्षा पर नए सिरे से सोचने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह ज़िले गोरखपुर में हैवानों ने दलित नाबालिग से रेप के बाद उसके शरीर को जगह-जगह सिगरेट से दाग कर जला दिया। लखीमपुर खीरी में 13 साल की दलित छात्रा से गैंगरेप और गला घोंटकर हत्या के साथ आंख फोड़ने व जीभ काटने के आरोप हैं। यही नहीं, पिछले हफ्ते हापुड़ में 6 साल की बच्ची से निर्मम दरिंदगी ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया था। अब सहारनपुर में कक्षा 12 की दलित छात्रा से उसके तीन सहपाठियों द्वारा ब्लैकमेल कर रेप का मामला सामने आया है।
उत्तर प्रदेश में अपराधियों के हौसले किस कदर बुलंद हैं, यह उसकी बानगीभर है। लखीमपुर खीरी में नाबालिग लड़की से रेप का मामला सामने आने के ठीक बाद गोरखपुर में दरिदों ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं। यहां गोला इलाके के बड़हलगंज थाना क्षेत्र में 17 वर्षीय दलित लड़की से रेप किया और आरोपियों द्वारा सिगरेट से नाबालिग के शरीर को जगह जगह से जला दिया गया। पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीड़िता के माता पिता भट्ठे पर मजदूरी करते हैं। पीड़िता के पिता ने बताया कि शनिवार रात 8 बजे के आसपास लड़की घर के सामने हैंड पंप पर पानी भरने गई थी। तभी अर्जुन नाम का युवक अपने साथी के साथ बाइक से आया और लड़की का मुंह दबाकर उसे उठा ले गया। घरवालों ने लड़की को ढूंढा, लेकिन कहीं पता नहीं चला। रविवार सुबह कुछ लोगों ने लड़की को डेहरीभार गांव के पास बदहवास देखा। नाबालिग ने परिजनों को घटना की जानकारी दी। सूचना पर पहुंची पुलिस लड़की को गोला के अस्पताल लेकर गई, जहां उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। एसएसपी सुनील गुप्ता के अनुसार, पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया है।
लखीमपुर खीरी में दरिंदों ने नाबालिग दलित लड़की के साथ वहशीपन की सारी हदें पार कीं। शौच के लिए घर से बाहर गई 13 साल की छात्रा के साथ न सिर्फ बदमाशों ने गैंगरेप किया, बल्कि गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी, आंख फोड़ दीं। लड़की का क्षत-विक्षत शव पैर बंधे हुए मिला। लड़की के पिता का आरोप है कि बेटी का गला घोंटा। आंख फोड़ दी व जीभ काटी। हालांकि पुलिस ने पिता के दावे से इनकार करते हुए कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आंख फोड़ने या जीभ काटने जैसी कोई बात नहीं आई। पुलिस के अनुसार, आंख के पास चोट जरूर लगी है। लेकिन पोस्टमार्टम में बलात्कार व गला घोंटने का ही उल्लेख है। पुलिस के अनुसार, आरोपियों को पकड़कर 302 के तहत जेल भेजा गया है।
गोरखपुर, लखीमपुर, हापुड़, बुलंदशहर, आजमगढ़, सीतापुर के साथ सहारनपुर में भी गैंगरेप की वारदात सामने आई हैं। यहां सदर थाना क्षेत्र में दलित नाबालिग से उसके 3 सहपाठियों द्वारा अश्लील फोटो-वीडियो से ब्लैकमेल कर रेप का मामला सामने आया है। पुलिस के अनुसार, एससी एक्ट में मामला दर्ज किया है। एक आरोपी पकड़ा है। उधर, एक के बाद एक घटना से सपा, बसपा व कांग्रेस योगी सरकार पर हमलावर हो चलीं हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा के साथ सपा को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से सपा व वर्तमान बीजेपी सरकार में क्या अंतर रह गया है। उन्होंने दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की। पूर्व मुख्यमंत्री व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘भाजपाकाल में उप्र की बच्चियों व महिलाओं का उत्पीड़न चरम पर है। बलात्कार, अपहरण, अपराध व हत्याओं के मामले में भाजपा सरकार प्रश्रयकारी क्यों बन रही है?
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि 'पुलिस और प्रशासन न तो सुरक्षा दे पा रहे हैं और न ही उचित कार्रवाई कर पा रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था की समीक्षा करे और महिलाओं की सुरक्षा सम्बंधित हर कदम गंभीरता से उठाए'।
अब राजनीतिक दलों का हमला अपनी जगह है लेकिन, आज जब केंद्र की मोदी सरकार लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र दोबारा से तय करने पर विचार कर रही है, वहीं उप्र में नाबालिग लड़कियों व बच्चियों से हैवानियत, बेटी बचाओ से एंटी रोमियो अभियान तक, योगी सरकार और उसके घोषित-अघोषित रामराज को भी कटघरे में खड़ा कर दे रही हैं। ऐसे में बेटियो की सुरक्षा पर नए सिरे से सोचने की जरूरत है।