राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में पेश किए बजट में कई बड़ी घोषणाएं की हैं। बजट की सबसे खास बात है कि उन्होंने पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी है, 2004 से रिटायर्ड होने वाले सरकारी कर्मचारियों को अगले साल से इसका लाभ मिलेगा। इसके साथ ही इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना भी लागू की गई है। इससे शहरी क्षेत्रों के लोगों को 100 दिन का रोजगार मिलेगा। 800 करोड़ की यह योजना अगले साल से लागू होगी।
राजस्थान में ऐलान होने के साथ ही पेंशन बहाली देश के बाकी राज्यों में भी ये बड़ा मुद्दा बन सकता है। बाकी राज्यों में भी सरकारी कर्मचारी सरकारों के सामने ये मांग जोरशोर से रख सकते हैं। उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपने घोषणापत्र में वादा किया का कि प्रदेश में सपा की सरकारी बनी तो पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल कर दिया जाएगा। माना जा रहा है कि अब केन्द्र पर दबाव बनेगा कि केन्द्रीय सरकार के कर्मचारियों को भी लाभ मिले, मोदी 2014 में सेना की मांग OROP का वादा कर चुनाव जीत चुके हैं।
दरअसल देश के कई राज्यों में सरकारी कर्मचारी फिर से पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए लगातार सरकार पर दवाब बना रहे हैं। यहां तक सड़कों पर भी आंदोलन कर रहे हैं। हाल के दिनों में राजनीतिक गलियारे में भी पुराने पेंशन योजना की चर्चा जोरों पर है। लाखों कर्मचारी आस लगाये हुए हैं कि पुरानी पेंशन योजना फिर से बहाल हो जाये। केवल राज्यों के कर्मचारी ही नहीं केंद्रीय कर्मचारियों को भी इसका इंतजार है।
सीएम गहलोत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि , ''हम सभी जानते हैं सरकारी सेवाओं से जुड़े कर्मचारी भविष्य के प्रति सुरक्षित महसूस करें तभी वे सेवाकाल में सुशासन के लिए अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं. अतः 1 जनवरी 2004 और उसके पश्चात नियुक्त हुए समस्त कार्मिकों के लिए मैं आगामी वर्ष से पूर्व पेंशन योजना लागू करने की घोषणा करता हूं.
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि 2022-23 में डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटी रेट 10 फीसदी की जगह सिर्फ पांच फीसदी बढ़ाया जाएगा। उन्होंने चिरंजीवी योजना की सीमा पांच लाख से बढ़ाकर 10 लाख करने का एलान भी किया है। अगले एक साल में सरकार एक लाख युवाओं को नौकरी देने के साथ 10 हजार होम गार्डस की भर्ती भी करेगी। ये होम गार्डस सरकारी कार्यालयों में तैनात किए जाएंगे।
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में बंद हुई थी पुरानी पेंशन स्कीम
तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने डिफेंस फोर्सेज को छोड़कर एक अप्रैल 2004 से पुरानी पेंशन स्कीम की जगह नई पेंशन योजना को लागू करने का ऐलान किया था। इस तारीख से या उसके बाद जो भी सरकारी नौकरी ज्वाइन करेगा उन्हें अपने वेतन से न्यू पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए योगदान देना जरुरी कर दिया गया।
केंद्र सरकार ने नई पेंशन योजना लागू की, लेकिन इसे राज्यों के लिए अनिवार्य नहीं किया था। बाद में धीरे-धीरे अधिकतर राज्यों ने इसे अपना लिया। लेकिन थोड़े समय के बाद ही नई पेंशन योजना का विरोध शुरू हो गया।
राजस्थान में ऐलान होने के साथ ही पेंशन बहाली देश के बाकी राज्यों में भी ये बड़ा मुद्दा बन सकता है। बाकी राज्यों में भी सरकारी कर्मचारी सरकारों के सामने ये मांग जोरशोर से रख सकते हैं। उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपने घोषणापत्र में वादा किया का कि प्रदेश में सपा की सरकारी बनी तो पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल कर दिया जाएगा। माना जा रहा है कि अब केन्द्र पर दबाव बनेगा कि केन्द्रीय सरकार के कर्मचारियों को भी लाभ मिले, मोदी 2014 में सेना की मांग OROP का वादा कर चुनाव जीत चुके हैं।
दरअसल देश के कई राज्यों में सरकारी कर्मचारी फिर से पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए लगातार सरकार पर दवाब बना रहे हैं। यहां तक सड़कों पर भी आंदोलन कर रहे हैं। हाल के दिनों में राजनीतिक गलियारे में भी पुराने पेंशन योजना की चर्चा जोरों पर है। लाखों कर्मचारी आस लगाये हुए हैं कि पुरानी पेंशन योजना फिर से बहाल हो जाये। केवल राज्यों के कर्मचारी ही नहीं केंद्रीय कर्मचारियों को भी इसका इंतजार है।
सीएम गहलोत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि , ''हम सभी जानते हैं सरकारी सेवाओं से जुड़े कर्मचारी भविष्य के प्रति सुरक्षित महसूस करें तभी वे सेवाकाल में सुशासन के लिए अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं. अतः 1 जनवरी 2004 और उसके पश्चात नियुक्त हुए समस्त कार्मिकों के लिए मैं आगामी वर्ष से पूर्व पेंशन योजना लागू करने की घोषणा करता हूं.
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि 2022-23 में डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटी रेट 10 फीसदी की जगह सिर्फ पांच फीसदी बढ़ाया जाएगा। उन्होंने चिरंजीवी योजना की सीमा पांच लाख से बढ़ाकर 10 लाख करने का एलान भी किया है। अगले एक साल में सरकार एक लाख युवाओं को नौकरी देने के साथ 10 हजार होम गार्डस की भर्ती भी करेगी। ये होम गार्डस सरकारी कार्यालयों में तैनात किए जाएंगे।
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में बंद हुई थी पुरानी पेंशन स्कीम
तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने डिफेंस फोर्सेज को छोड़कर एक अप्रैल 2004 से पुरानी पेंशन स्कीम की जगह नई पेंशन योजना को लागू करने का ऐलान किया था। इस तारीख से या उसके बाद जो भी सरकारी नौकरी ज्वाइन करेगा उन्हें अपने वेतन से न्यू पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए योगदान देना जरुरी कर दिया गया।
केंद्र सरकार ने नई पेंशन योजना लागू की, लेकिन इसे राज्यों के लिए अनिवार्य नहीं किया था। बाद में धीरे-धीरे अधिकतर राज्यों ने इसे अपना लिया। लेकिन थोड़े समय के बाद ही नई पेंशन योजना का विरोध शुरू हो गया।