पीड़ित परिवार का आरोप है कि जितेंद्र पाल मेघवाल के लाइफ स्टाइल मूछें रखने के चलते उन्हें मार दिया गया।
राजस्थान के पाली जिले के बाली तहसील के बारवा गांव में रहने वाले कोविड हेल्थ सहायक जितेंद्र पाल मेघवाल की बीते मंगलवार हत्या कर दी गई। जितेंद्र पाल के परिवार के आरोपों के अनुसार जितेंद्र मेघवाल को दलित होते हुए गुड लुकिंग पर्सनैलिटी मैनटैन करने के चलते मार दिया गया। लेकिन पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया है। मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने हत्या के आरोप में आरोपी सूरज सिंह और रमेश सिंह को बाड़मेर जिले के पचपदरा के दूदवा गांव से गुरुवार को गिरफ्तार किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जितेंद्र ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि मैं अमीर नहीं हूं लेकिन दिल से रॉयल हूं। जितेंद्र का स्टाइल देखकर आरोपी सूरज सिंह जलता था। यहीं जलन नफरत में बदल गई और उसने चाकू से पीठ और सीने पर वारकर जितेंद्र को मौत के घाट उतार दिया। सूरज को जितेंद्र से उसे इतनी जलन थी कि उसे मारने सूरत से आया था। जितेंद्र की कद-काठी और लुक सूरज सिंह से काफी अच्छा था। जितेंद्र का रॉयल स्टाइल आरोपी सूरज सिंह के दिल में नफरत पैदा कर रहा था।
हत्या के बाद से जितेन्द्र पाल के परिजन धरने पर बैठ गए थे। पुलिस-प्रशासन के समझाने के बाद शुक्रवार 17 जनवरी को यह लोग पोस्टमॉर्टम के लिए राजी हो गए। प्रशासन ने मृतक के भाई को सरकारी नौकरी देने, पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुआवजा देने और बारवा गांव में स्थाई चौकी की मांग को सीएम तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है।
हत्या को लेकर विधानसभा में बाली विधायक पुष्पेंद्र सिंह राणावत व मारवाड़ जंक्शन विधायक खुशवीर सिंह ने यह मामला उठाया। उन्होंने आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने, पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने एवं परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने की बात कही। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच में तत्परता दिखाते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
जहां एक ओर परिवार का आरोप है कि मृतक जितेन्द्र पाल को लम्बी मूंछ और अच्छे पहनावे से चिढ़कर मार दिया गया वहीं पुलिस ने इसे पुरानी रंजिश का मामला बताया है और इन आरोपों को गलत करार दिया है।
पुलिस में दर्ज मामले के मुताबिक मृतक जितेन्द्र पाल अपने दोस्त कोविड हेल्थ सहायक हरीश कुमार के साथ मंगलवार को बाइक से बाली से बारवा जा रहा था। जितेन्द्रपाल बाइक पर पीछे बैठा था। बाली से दो किलोमीटर दूर पीछे से बाइक पर आए दो युवकों ने उन्हें रूकने के लिए आवाज लगाई। हरीश ने जैसे ही बाइक धीमी की, पीछे से आए युवक ने जितेन्द्र की पीठ पर चाकू घोंप दिया। घायल होकर वह बाइक से नीचे गिर गया। उसके बाद युवक ने उसके पेट-सीने में चाकू से ताबड़तोड़ 4 वार किए। हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई।
बता दें कि राजस्थान में दलित उत्पीड़न की घटनाएं आए दिन सामने आती रहती हैं। य़हां सबसे ज्यादा घटनाएं दलित दूल्हों के घोड़ी पर बैठकर बारात निकालने और दलित लड़कियों द्वारा बिंदौरी निकालने को लेकर आती हैं। बिंदौरी यहां की एक प्रथा है जिसमें लड़कियां अपनी शादी से पहले घोड़ी पर बैठकर अपने गांव में घूमती हैं। यह मायके में ही बारात की तरह निकाली जाती है। लेकिन इस पर सवर्णों का एकाधिकार माना जाता है। लेकिन अब दलित लड़कियों ने भी कुछ स्थानों पर बिंदौरी निकालना शुरू कर दिया है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जितेंद्र ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि मैं अमीर नहीं हूं लेकिन दिल से रॉयल हूं। जितेंद्र का स्टाइल देखकर आरोपी सूरज सिंह जलता था। यहीं जलन नफरत में बदल गई और उसने चाकू से पीठ और सीने पर वारकर जितेंद्र को मौत के घाट उतार दिया। सूरज को जितेंद्र से उसे इतनी जलन थी कि उसे मारने सूरत से आया था। जितेंद्र की कद-काठी और लुक सूरज सिंह से काफी अच्छा था। जितेंद्र का रॉयल स्टाइल आरोपी सूरज सिंह के दिल में नफरत पैदा कर रहा था।
हत्या के बाद से जितेन्द्र पाल के परिजन धरने पर बैठ गए थे। पुलिस-प्रशासन के समझाने के बाद शुक्रवार 17 जनवरी को यह लोग पोस्टमॉर्टम के लिए राजी हो गए। प्रशासन ने मृतक के भाई को सरकारी नौकरी देने, पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुआवजा देने और बारवा गांव में स्थाई चौकी की मांग को सीएम तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है।
हत्या को लेकर विधानसभा में बाली विधायक पुष्पेंद्र सिंह राणावत व मारवाड़ जंक्शन विधायक खुशवीर सिंह ने यह मामला उठाया। उन्होंने आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने, पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने एवं परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने की बात कही। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच में तत्परता दिखाते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
जहां एक ओर परिवार का आरोप है कि मृतक जितेन्द्र पाल को लम्बी मूंछ और अच्छे पहनावे से चिढ़कर मार दिया गया वहीं पुलिस ने इसे पुरानी रंजिश का मामला बताया है और इन आरोपों को गलत करार दिया है।
पुलिस में दर्ज मामले के मुताबिक मृतक जितेन्द्र पाल अपने दोस्त कोविड हेल्थ सहायक हरीश कुमार के साथ मंगलवार को बाइक से बाली से बारवा जा रहा था। जितेन्द्रपाल बाइक पर पीछे बैठा था। बाली से दो किलोमीटर दूर पीछे से बाइक पर आए दो युवकों ने उन्हें रूकने के लिए आवाज लगाई। हरीश ने जैसे ही बाइक धीमी की, पीछे से आए युवक ने जितेन्द्र की पीठ पर चाकू घोंप दिया। घायल होकर वह बाइक से नीचे गिर गया। उसके बाद युवक ने उसके पेट-सीने में चाकू से ताबड़तोड़ 4 वार किए। हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई।
बता दें कि राजस्थान में दलित उत्पीड़न की घटनाएं आए दिन सामने आती रहती हैं। य़हां सबसे ज्यादा घटनाएं दलित दूल्हों के घोड़ी पर बैठकर बारात निकालने और दलित लड़कियों द्वारा बिंदौरी निकालने को लेकर आती हैं। बिंदौरी यहां की एक प्रथा है जिसमें लड़कियां अपनी शादी से पहले घोड़ी पर बैठकर अपने गांव में घूमती हैं। यह मायके में ही बारात की तरह निकाली जाती है। लेकिन इस पर सवर्णों का एकाधिकार माना जाता है। लेकिन अब दलित लड़कियों ने भी कुछ स्थानों पर बिंदौरी निकालना शुरू कर दिया है।
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