जयपुर। नीमका थाना में खदान के पानी में डूबने से चार बच्चियों की मौत की जिम्मेदारी वसुंधरा राजे सरकार अब तक तय नहीं कर पा रही है। हादसे के बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप जरूर मचा है और शनिवार को एसडीएम और खनिज विभाग के एमई ने बंद पड़ी खदान का दौरा भी किया। जांच में कई खामियाँ मिली हैं।

लादी का बास में बंद पड़ी खदान में पानी भरा हुआ था और खनन पिट पर फेसिंग तक नहीं थी। सुरक्षा के वहाँ कोई इंतजाम नहीं मिले, यहाँ तक कि बंद पड़ी खदान पर कोई सुरक्षा गार्ड तक नहीं था।
एसडीएम जगदीशचंद्र गौड़ ने इस बारे में कलेक्टर को रिपोर्ट भेज दी है, जिसमें कहा गया है कि लादी का बास खनन हादसे में क्लोजर प्लान साल 2004 और साल 2012 के नियमों का पालन नहीं किया गया है। इस वजह से ये हादसा हुआ है और चार बच्चियों की मौत हुई है।
इसके बाद एसडीएम ने एसपी से खान मालिक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने को कहा है। भास्कर की खबर के मुताबिक खान विभाग और लीज धारक ने क्लोजर प्लान लागू नहीं किया। इस वजह से यह हादसा हुआ। इस खान का पट्टाधारी अर्जुनसिंह कृष्णा और संचालक हरियाणा का अवतारसिंह भड़ाना है।
भास्कर ने लिखा है कि 125 फुट तक गहरी खदानों में पानी भरा है और ऐसी 25 खदानें हैं, जिनमें पांच साल में कई मौतें हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन और खान विभाग कभी कोई कार्रवाई नहीं करता। अब एसडीएम जेपी गौड़ ने तहसीलदार, खनन विभाग और नायब तहसीलदार से सात दिनों में ऐसी खदानों की सर्वे रिपोर्ट मांगी है।
Courtesy: National Dastak

लादी का बास में बंद पड़ी खदान में पानी भरा हुआ था और खनन पिट पर फेसिंग तक नहीं थी। सुरक्षा के वहाँ कोई इंतजाम नहीं मिले, यहाँ तक कि बंद पड़ी खदान पर कोई सुरक्षा गार्ड तक नहीं था।
एसडीएम जगदीशचंद्र गौड़ ने इस बारे में कलेक्टर को रिपोर्ट भेज दी है, जिसमें कहा गया है कि लादी का बास खनन हादसे में क्लोजर प्लान साल 2004 और साल 2012 के नियमों का पालन नहीं किया गया है। इस वजह से ये हादसा हुआ है और चार बच्चियों की मौत हुई है।
इसके बाद एसडीएम ने एसपी से खान मालिक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने को कहा है। भास्कर की खबर के मुताबिक खान विभाग और लीज धारक ने क्लोजर प्लान लागू नहीं किया। इस वजह से यह हादसा हुआ। इस खान का पट्टाधारी अर्जुनसिंह कृष्णा और संचालक हरियाणा का अवतारसिंह भड़ाना है।
भास्कर ने लिखा है कि 125 फुट तक गहरी खदानों में पानी भरा है और ऐसी 25 खदानें हैं, जिनमें पांच साल में कई मौतें हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन और खान विभाग कभी कोई कार्रवाई नहीं करता। अब एसडीएम जेपी गौड़ ने तहसीलदार, खनन विभाग और नायब तहसीलदार से सात दिनों में ऐसी खदानों की सर्वे रिपोर्ट मांगी है।
Courtesy: National Dastak