अपराधियों की सरकार कही जाने वाली राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार में अपराधियों को बढ़ावा देने की नीति खुद भाजपा नेताओं को भारी पड़ने लगी है। हनुमानगढ़ जिले में रावतसर में नगरपालिका अध्यक्ष के पति और भाजपा के दबंग नेता हरवीर सहारण की एसडीएम ऑफिस में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई।
Image Courtesy: https://www.patrika.com
हमलावर ने दिन में ही एसडीएम ऑफिस में हरवीर सहारण पर करीब दर्जन भर गोलियां दागीं और फरार हो गया। वारदात के बाद एसडीएम ऑफिस में हड़कंप मच गया। हरवीर सहारण को तुरंत स्थानीय अस्पताल ले जाया गया जहां से उन्हें हनुमानगढ़ जिला अस्पताल रेफर किया गया लेकिन जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
पत्रिका के अनुसार हरवीर सहारण के खिलाफ भी हत्या के दो मामले दर्ज हैं जिनकी जांच चल रही है। प्रेम कालीरावणा की हत्या के मामले में एसओजी ने हरवीर को पिछले दिनों गिरफ्तार भी किया था लेकिन वह जमानत पर रिहा हो गए थे। पूछताथ में हरवीर ने लीलाधर सोनी की हत्या करना भी कबूल किया था। हरवीर की पत्नी नगर पालिका अध्यक्ष नीलम सहारण ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था, लेकिन वे भाजपा से जुड़े थे।
नईदुनिया के अनुसार हरवीर की हत्या से गुस्साए उनके समर्थकों ने रावतसर में मेगा हाइवे पर जाम लगा दिया। काफी समझाने के बाद भी जब उन लोगों ने जाम नहीं हटाया तब पुलिस ने बलप्रयोग करके जाम खुलवाया।
वारदात सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे की है जब हरवीर एसडीएम से मिलकर बाहर आए तो सफेद रंग की कार में सवार होकर चार-पांच अज्ञात व्यक्ति आए और पार्षद पर पिस्तौल से छह फायर किए। इसके बाद अज्ञात हमलावर हरियाणा की तरफ भाग गए।
पूरे घटनाक्रम से राजस्थान की कानून-व्यवस्था की पोल भी खुल गई है। सवाल उठने लगा है कि जब भाजपा सरकार अपने ही नेताओं की जान नहीं बचा पा रही है तो आम जनता की रक्षा कौन करेगा?
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हमलावर ने दिन में ही एसडीएम ऑफिस में हरवीर सहारण पर करीब दर्जन भर गोलियां दागीं और फरार हो गया। वारदात के बाद एसडीएम ऑफिस में हड़कंप मच गया। हरवीर सहारण को तुरंत स्थानीय अस्पताल ले जाया गया जहां से उन्हें हनुमानगढ़ जिला अस्पताल रेफर किया गया लेकिन जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
पत्रिका के अनुसार हरवीर सहारण के खिलाफ भी हत्या के दो मामले दर्ज हैं जिनकी जांच चल रही है। प्रेम कालीरावणा की हत्या के मामले में एसओजी ने हरवीर को पिछले दिनों गिरफ्तार भी किया था लेकिन वह जमानत पर रिहा हो गए थे। पूछताथ में हरवीर ने लीलाधर सोनी की हत्या करना भी कबूल किया था। हरवीर की पत्नी नगर पालिका अध्यक्ष नीलम सहारण ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था, लेकिन वे भाजपा से जुड़े थे।
नईदुनिया के अनुसार हरवीर की हत्या से गुस्साए उनके समर्थकों ने रावतसर में मेगा हाइवे पर जाम लगा दिया। काफी समझाने के बाद भी जब उन लोगों ने जाम नहीं हटाया तब पुलिस ने बलप्रयोग करके जाम खुलवाया।
वारदात सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे की है जब हरवीर एसडीएम से मिलकर बाहर आए तो सफेद रंग की कार में सवार होकर चार-पांच अज्ञात व्यक्ति आए और पार्षद पर पिस्तौल से छह फायर किए। इसके बाद अज्ञात हमलावर हरियाणा की तरफ भाग गए।
पूरे घटनाक्रम से राजस्थान की कानून-व्यवस्था की पोल भी खुल गई है। सवाल उठने लगा है कि जब भाजपा सरकार अपने ही नेताओं की जान नहीं बचा पा रही है तो आम जनता की रक्षा कौन करेगा?