मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए राजस्थान विधानसभा में लाया गया विधेयक पास हो गया। इसके तहत मॉब लिंचिंग की घटनाओं में पीड़ित की मौत पर दोषी को उम्रकैद और एक से पांच लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

बता दें कि बीते सप्ताह संसदीय कार्यमंत्री शांति कुमारी धारीवाल ने राजस्थान मॉब लिंचिंग से संरक्षण 2019 विधेयक को सदन में पेश किया था। इस पर चर्रचा करते हुए शांति कुमारी ने कहा कि भारतीय दंड संहिता और आपराध प्रक्रिया संहिता में मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त कानून नहीं है जिसके चलते यह बिल लाया गया है।
वहीं, विपक्ष ने इस बिल को विधानसभा की प्रवर समिति के पास भेजे जाने की सिफारिश की। विधेयक पर चर्चा के बाद विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने बिल को ध्वनिमत से पारित हुआ घोषित कर दिया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 16 जुलाई को बजट भाषण के जवाब के दौरान मॉब लिंचिंग को लेकर बिल लाने की घोषणा की थी। हाल में ऐसी अनेक घटनाएं हुई हैं, जिनके चलते मॉब लिंचिंग के कारण लोगों को जान गंवानी पड़ी।
लिंचिंग की घटनाओं में पीड़ित की मौत पर दोषी को कठोर उम्रकैद और एक से पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। मॉब लिंचिंग के मामलों में पीड़ित के चोट लगने की स्थिति में दोषी को अधिकतम 10 साल तक का कारावास और तीन लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकेगा। मॉब लिंचिंग की घटनाओं का षड्यंत्र रचने, षड्यंत्र रचने में शामिल होने या घटना में शामिल होने पर भी 10 साल की सजा का प्रावधान है।

बता दें कि बीते सप्ताह संसदीय कार्यमंत्री शांति कुमारी धारीवाल ने राजस्थान मॉब लिंचिंग से संरक्षण 2019 विधेयक को सदन में पेश किया था। इस पर चर्रचा करते हुए शांति कुमारी ने कहा कि भारतीय दंड संहिता और आपराध प्रक्रिया संहिता में मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त कानून नहीं है जिसके चलते यह बिल लाया गया है।
वहीं, विपक्ष ने इस बिल को विधानसभा की प्रवर समिति के पास भेजे जाने की सिफारिश की। विधेयक पर चर्चा के बाद विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने बिल को ध्वनिमत से पारित हुआ घोषित कर दिया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 16 जुलाई को बजट भाषण के जवाब के दौरान मॉब लिंचिंग को लेकर बिल लाने की घोषणा की थी। हाल में ऐसी अनेक घटनाएं हुई हैं, जिनके चलते मॉब लिंचिंग के कारण लोगों को जान गंवानी पड़ी।
लिंचिंग की घटनाओं में पीड़ित की मौत पर दोषी को कठोर उम्रकैद और एक से पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। मॉब लिंचिंग के मामलों में पीड़ित के चोट लगने की स्थिति में दोषी को अधिकतम 10 साल तक का कारावास और तीन लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकेगा। मॉब लिंचिंग की घटनाओं का षड्यंत्र रचने, षड्यंत्र रचने में शामिल होने या घटना में शामिल होने पर भी 10 साल की सजा का प्रावधान है।