राजस्थान में अनाज मंडियों में हड़ताल जारी है। राज्य की 247 मंडियों में लगातार चौथे दिन कारोबार बंद रहा। खाद्य पदार्थ व्यापार संघ आढ़त और आढ़तियों को समाप्त करने वाले कानून के विरोध में ये हड़ताल कर रहा है।

हड़ताल के चौथे दिन व्यापारियों ने सूरजपोल और अन्य अनाज मंडियों में आढ़त तथा आढ़तियों को समाप्त करने वाले कानून का पुतला जलाया।
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबू लाल गुप्ता ने बताया कि मंगलवार को कृषि विपणन विभाग के निदेशक के साथ वार्ता हुई लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला।
आगे की रणनीति बनाने के लिए बुधवार को संघ ने वीकेआई एसोसिएशन भवन में बैठक बुलाई है। इस बैठक में प्रदेशभर के व्यापारी भाग लेंगे। बैठक के बाद व्यापारियों का प्रतिनिधि मंडल राज्य के कृषि मंत्री प्रभु लाल सैनी से भी मिलने जाएगा।
बाबू लाल गुप्ता ने बताया कि बंद के कारण राज्य के व्यापारियों का 8000 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ है, और राज्य सरकार को भी इससे 300 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। राज्य के व्यापारियों का 160 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
व्यापारियों का कहना है कि राजस्थान सरकार और भारत सरकार आढ़त और आढ़तियों को बिल्कुल खत्म करना चाहती है, और वे इसका कड़ा विरोध करते हैं। विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक कि ये कानून वापस नहीं लिया जाता और समर्थन मूल्य पर खरीद की जाने वाली सभी जिंसों पर आढ़त नहीं देती है।
व्यापारियों का कहना है कि मंडियों के बंद रहने से तकरीबन 70 हजार व्यापारी, साढ़े 3 लाख मजदूर और पल्लेदार काम नहीं कर रहे हैं। पांच सितबर को फिर से सभी व्यापारी जयपुर में बैठकर और आगे के आंदोलन की रूपरेखा तय करेंगे। इसमें अनिश्चितकालीन व्यापार बंद का निर्णय लिए जाने की भी संभावना है।

हड़ताल के चौथे दिन व्यापारियों ने सूरजपोल और अन्य अनाज मंडियों में आढ़त तथा आढ़तियों को समाप्त करने वाले कानून का पुतला जलाया।
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबू लाल गुप्ता ने बताया कि मंगलवार को कृषि विपणन विभाग के निदेशक के साथ वार्ता हुई लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला।
आगे की रणनीति बनाने के लिए बुधवार को संघ ने वीकेआई एसोसिएशन भवन में बैठक बुलाई है। इस बैठक में प्रदेशभर के व्यापारी भाग लेंगे। बैठक के बाद व्यापारियों का प्रतिनिधि मंडल राज्य के कृषि मंत्री प्रभु लाल सैनी से भी मिलने जाएगा।
बाबू लाल गुप्ता ने बताया कि बंद के कारण राज्य के व्यापारियों का 8000 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ है, और राज्य सरकार को भी इससे 300 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। राज्य के व्यापारियों का 160 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
व्यापारियों का कहना है कि राजस्थान सरकार और भारत सरकार आढ़त और आढ़तियों को बिल्कुल खत्म करना चाहती है, और वे इसका कड़ा विरोध करते हैं। विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक कि ये कानून वापस नहीं लिया जाता और समर्थन मूल्य पर खरीद की जाने वाली सभी जिंसों पर आढ़त नहीं देती है।
व्यापारियों का कहना है कि मंडियों के बंद रहने से तकरीबन 70 हजार व्यापारी, साढ़े 3 लाख मजदूर और पल्लेदार काम नहीं कर रहे हैं। पांच सितबर को फिर से सभी व्यापारी जयपुर में बैठकर और आगे के आंदोलन की रूपरेखा तय करेंगे। इसमें अनिश्चितकालीन व्यापार बंद का निर्णय लिए जाने की भी संभावना है।