राजस्थान: अब साधु-संत पढ़ाएंगे स्कूली बच्चों को

राजस्थान की वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार अब छात्र-छात्राओं को स्कूलों से ही भगवा शिक्षा देना शुरू करने जा रही है। बच्चों को संस्कारित करने के नाम पर अब स्कूलों में संतों के प्रवचन कराए जाएंगे।

Rajasthan School
Image: Amar Ujala

आरएसएस द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिरों में पहले से ही भगवा शिक्षा दी जाती है लेकिन अब दूसरे सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को भी संतों के प्रवचन कराने के लिए बाध्य किया जा रहा है।

राज्य के बदहाल सरकारी स्कूलों में व्यवस्था दुरुस्त करने और बच्चों को वैज्ञानिक शिक्षा देने के बजाय वसुंधरा राजे अब छोटी कक्षा से ही हिंदू धर्म के संस्कार डालेगी। ये व्यवस्था जुलाई से शुरू होने जा रहे नए शिक्षा सत्र से की जा रही है।

नईदुनिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक राजस्थान के माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के शिविरा पंचांग में बताया गया है कि हर महीने के तीसरे शनिवार को स्थानीय संतों के प्रवचन कराए जाएंगे।

बाकी शनिवारों को कहानियों का वाचन और संस्कार सभा का आयोजन होगा। बच्चों को कहानियां सुनाने के लिए दादियों-नानियों को बुलाया जाएगा। महाकाव्यों पर प्रश्नोत्तरी भी आयोजित होगी।

अमर उजाला के अनुसार, संतों के प्रवचन कराने का ये निर्देश राजस्थान के सभी सरकारी, निजी, सीबीएसई के स्कूलों और आवासीय विद्यालयों पर लागू होंगे।

शिक्षा विभाग के अधिकारी इसे बच्चों को संस्कारित करने की कोशिश बता रहे हैं, जबकि विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे स्कूलों के भगवाकरण की कोशिश बताया है। 

बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि ये संत ऐसा कौन-सा ज्ञान देंगे जो राजस्थान सरकार के शिक्षक उन्हें नहीं दे पा रहे हैं। फिर, अगर धार्मिक शिक्षा देनी ही है तो क्या सभी धर्मों के धर्मगुरु प्रवचन के लिए बुलाए जाएंगे। जिन महापुरुषों की कहानियां बच्चों को सुनाई जाएंगी, वो क्या किसी एक धर्म या एक ही विचारधारा के महापुरुषों की नहीं होंगी। जिन महाकाव्यों पर प्रश्नोत्तरी होगी क्या उसमें कुरान, गुरु ग्रंथ साहिब और बाइबिल भी शामिल होंगे।

दरअसल वसुंधरा राजे ने खासकर अपने मौजूदा कार्यकाल में अंधविश्वास को बुरी तरह से बढ़ावा दिया है। उनके विधायक नए विधान भवन से भूतों का साया दूर करने के लिए पूजा करा चुके हैं। 

इसके पहले वसुंधरा राजे ने सीमाओं की सुरक्षा के लिए राष्ट्र रक्षा यज्ञ भी कराया था। इतना ही नहीं, उन्होंने जादू-टोना सिखाने के लिए तंत्र-मंत्र अकादमी खोलने का भी ऐलान कर रखा है।

स्कूलों में संतों के प्रवचन कराने के पीछे वसुंधरा का मकसद राजनीतिक भी लगता है। भाजपा का मानना है कि इस तरह के फैसले का विपक्षी दल विरोध करेंगे जिसके बाद उन्हें धर्म विरोधी साबित करके उनके खिलाफ धर्मभीरू जनता को भड़काया जा सकता है।
 
 

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