पश्चिम बंगाल के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी बच्चा चोर गिरोह का खुलासा हुआ है और कमाल की बात ये है कि यहां भी बच्चा चोरी और बेचने का आरोप जिन पर है, उनका भी आरएसएस से कनेक्शन सामने आ रहा है।
रायपुर में 14 साल की नाबालिग गर्भवती लड़की के गर्भ में पल रहे बच्चे का सौदा किए जाने के मामले में जिस महिला डॉक्टर शानू का हाथ सामने आया है, उसका रजिस्ट्रेशन भी फर्जी है और वह रजिस्ट्रेशन नंबर डॉ पूर्णेंदू सक्सेना के नाम पर है।
नईदुनिया के अनुसार, डॉ शानू मसीह के क्लीनिक का नंबर 1030 है जो कि छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में डॉ पूर्णेंदू सक्सेना के नाम पर है। डॉ पूर्णेंदू सक्सेना कोई मामूली आदमी नहीं हैं, बल्कि आरएसएस के प्रांत सह संचालक हैं और उनकी गिनती आरएसएस तथा भाजपा में बेहद रसूखदार लोगों में होती है।
अब तक इस मामले में 10 लोग गिरफ्तार हुए हैं जिनमें 2 डॉक्टर हैं। पकड़े जाते समय डॉ शानू 15 दिन के नवजात शिशु का सौदा कर रही थी।
पूरे मामले के खुलासे से स्वास्थ्य विभाग भी सवालों के घेरे में आ चुका है। राजधानी में इतना बड़ा और नामी क्लीनिक न केवल फर्जी रजिस्ट्रेशन पर चल रहा है, बल्कि इसमें बच्चा चोरी का काम भी हो रहा है। इस मामले में डॉ पूर्णेंदू सक्सेना की गिरफ्तारी के बाद ही सारे तथ्य सामने आ सकते हैं, लेकिन डॉ सक्सेना के रसूख को देखते हुए लगता नहीं कि उसके खिलाफ कोई कार्रवाई होगी।
सवाल तो अब डॉ शानू मसीह की डॉक्टर की डिग्री पर भी उठ रहे हैं। लोगों को शक है कि डॉ शानू के पास डॉक्टरी की कोई डिग्री ही नहीं है, और वह आरएसएस नेता डॉ पूर्णेंदू सक्सेना के संरक्षण में उनके ही क्लीनिक को अपना क्लीनिक बताकर डॉक्टरी का कारोबार करती है।
महिला डॉक्टर का डॉ पूर्णेंदू सक्सेना के कारण काफी रसूख है। नाबालिग और अविवाहित गर्भवती लड़कियों के बच्चों को बेचकर उसने काफी धन कमाया है। यहां तक कि वह छत्तीसगढ़ी फिल्मों में भी बतौर सह-निर्माता पैसा लगाती है।
रायपुर में 14 साल की नाबालिग गर्भवती लड़की के गर्भ में पल रहे बच्चे का सौदा किए जाने के मामले में जिस महिला डॉक्टर शानू का हाथ सामने आया है, उसका रजिस्ट्रेशन भी फर्जी है और वह रजिस्ट्रेशन नंबर डॉ पूर्णेंदू सक्सेना के नाम पर है।
नईदुनिया के अनुसार, डॉ शानू मसीह के क्लीनिक का नंबर 1030 है जो कि छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में डॉ पूर्णेंदू सक्सेना के नाम पर है। डॉ पूर्णेंदू सक्सेना कोई मामूली आदमी नहीं हैं, बल्कि आरएसएस के प्रांत सह संचालक हैं और उनकी गिनती आरएसएस तथा भाजपा में बेहद रसूखदार लोगों में होती है।
अब तक इस मामले में 10 लोग गिरफ्तार हुए हैं जिनमें 2 डॉक्टर हैं। पकड़े जाते समय डॉ शानू 15 दिन के नवजात शिशु का सौदा कर रही थी।
पूरे मामले के खुलासे से स्वास्थ्य विभाग भी सवालों के घेरे में आ चुका है। राजधानी में इतना बड़ा और नामी क्लीनिक न केवल फर्जी रजिस्ट्रेशन पर चल रहा है, बल्कि इसमें बच्चा चोरी का काम भी हो रहा है। इस मामले में डॉ पूर्णेंदू सक्सेना की गिरफ्तारी के बाद ही सारे तथ्य सामने आ सकते हैं, लेकिन डॉ सक्सेना के रसूख को देखते हुए लगता नहीं कि उसके खिलाफ कोई कार्रवाई होगी।
सवाल तो अब डॉ शानू मसीह की डॉक्टर की डिग्री पर भी उठ रहे हैं। लोगों को शक है कि डॉ शानू के पास डॉक्टरी की कोई डिग्री ही नहीं है, और वह आरएसएस नेता डॉ पूर्णेंदू सक्सेना के संरक्षण में उनके ही क्लीनिक को अपना क्लीनिक बताकर डॉक्टरी का कारोबार करती है।
महिला डॉक्टर का डॉ पूर्णेंदू सक्सेना के कारण काफी रसूख है। नाबालिग और अविवाहित गर्भवती लड़कियों के बच्चों को बेचकर उसने काफी धन कमाया है। यहां तक कि वह छत्तीसगढ़ी फिल्मों में भी बतौर सह-निर्माता पैसा लगाती है।