नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘फ्रंटलाइन’ पत्रिका की एक खबर का हवाला देते हुए 14 फरवरी 2019 में हुए पुलवामा हमले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने सवाल पूछा कि हमले से पहले जब खुफिया जानकारी मिली थी तो आखिर एक्शन क्यों नहीं लिया गया।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, “14 फरवरी 2019 को, पीएम पूर्व खुफिया सूचनाओं की अनदेखी करने और पुलवामा में हमारे जवानों को मरने के लिए छोड़कर एक फिल्म की शूटिंग में व्यस्त थे। कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी की अनदेखी क्यों की गई?”
दो साल पहले 14 फरवरी को पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी थी। इसके बाद जोरदार धमाका हुआ था और बस से जा रहे सीआरपीएफ के जवानों के क्षत विक्षत शव जमीन पर बिखर गए थे।
हमले को अंजाम देने वाले आदिल, कारी यासिर, सज्जाद भट्ट, उमर फारूक, मुदसिर अहमद खान सभी मारे जा चुके हैं। एनआईए ने अगस्त 2020 को पुलवामा हमले को लेकर साढ़े तेरह हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें 19 आरोपियों के नाम शामिल थे। इसमें 6 की मौत हो चुकी है। बाकी के 6 आतंकी अलग-अलग ऑपरेशन में मारे गए।
एनआईए ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने आईएसआई समेत पाकिस्तान की सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर पुलवामा हमले की साजिश रची थी। चार्जशीट में जिन 13 जीवित आरोपियों के नाम हैं, उनमें सबसे ऊपर जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर और उसके दो भाइयों- रऊफ असगर मसूद और मौलाना अम्मार अली के नाम शामिल हैं।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, “14 फरवरी 2019 को, पीएम पूर्व खुफिया सूचनाओं की अनदेखी करने और पुलवामा में हमारे जवानों को मरने के लिए छोड़कर एक फिल्म की शूटिंग में व्यस्त थे। कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी की अनदेखी क्यों की गई?”
दो साल पहले 14 फरवरी को पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी थी। इसके बाद जोरदार धमाका हुआ था और बस से जा रहे सीआरपीएफ के जवानों के क्षत विक्षत शव जमीन पर बिखर गए थे।
हमले को अंजाम देने वाले आदिल, कारी यासिर, सज्जाद भट्ट, उमर फारूक, मुदसिर अहमद खान सभी मारे जा चुके हैं। एनआईए ने अगस्त 2020 को पुलवामा हमले को लेकर साढ़े तेरह हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें 19 आरोपियों के नाम शामिल थे। इसमें 6 की मौत हो चुकी है। बाकी के 6 आतंकी अलग-अलग ऑपरेशन में मारे गए।
एनआईए ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने आईएसआई समेत पाकिस्तान की सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर पुलवामा हमले की साजिश रची थी। चार्जशीट में जिन 13 जीवित आरोपियों के नाम हैं, उनमें सबसे ऊपर जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर और उसके दो भाइयों- रऊफ असगर मसूद और मौलाना अम्मार अली के नाम शामिल हैं।