मोहसिन शेख़ की मॉब लिंचिंग के मुख्य आरोपी धनंजय देसाई को ज़मानत

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 19, 2019
पुणे: महाराष्ट्र के पुणे में 24 वर्षीय मोहसिन शेख की भीड़ द्वारा हत्या मामले में मुख्य आरोपी हिंदू राष्ट्र सेना प्रमुख धनंजय देसाई को गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी।

जस्टिस साधना जाधव ने 50,000 रुपये के मुचलके पर जमानत देते हुए देसाई को निर्देश दिया है कि सुनवाई पूरी होने तक वे किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम या उनके संगठन से जुड़े कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, देसाई के वकील अभिजीत देसाई ने दलील दी कि इस मामले में अन्य आरोपियों को जमानत मिल चुकी है, इसलिए उनके मुवक्किल को भी जमानत दी जाए।

अभियोजन पक्ष ने दावा किया था कि जब भीड़ उत्पात मचाते हुए आगे बढ़ रही थी, तब वो ‘धनंजय भाई जिंदाबाद’ और ‘हिंदू राष्ट्र सेना जिंदाबाद’ के नारे लगा रहे थे।

देसाई के वकील का दावा है कि मोहसिन शेख की हत्या वाले वारदात के दौरान वे वहां मौजूद नहीं थे और पुलिस 2014 के उनके एक भाषण को सबूत के रूप में इस्तेमाल कर रही है।

देसाई के वकील मिलिंद पवार ने न्यूज़लांड्री को बताया, ‘अदालत ने उन्हें गुरुवार को जमानत दे दी है, लेकिन अदालत ने शर्तों के साथ एक हलफनामा दायर करने के लिए कहा है। हमने हलफनामा तैयार किया है और उसे भेजा है। एक बार वे इस पर हस्ताक्षर कर देंगे, तो उसे अदालत में पेश किया जाएगा। संभवता अदालत उन्हें शनिवार तक जमानत पर रिहा कर देगा।’

महाराष्ट्र में सोलापुर के रहने वाला मोहसिन शेख की दो जून 2014 को पुणे में कथित तौर पर हिंदू राष्ट्र सेना के कार्यकर्ताओं द्वारा हत्या कर दी गई थी। शाम की नमाज से घर लौट रहे मोहसिन पर भीड़ ने हमला कर बुरी तरह पिटाई की थी, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई।

दरअसल, फेसबुक पर किसी ने शिवाजी महाराज और शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे की आपत्तिजनक तस्वीर डाल दी थी। उस घटना के बाद पुणे में हिंदू राष्ट्र सेना ने विरोध जताते हुए पूरे शहर में तनाव की स्थिति पैदा कर दी।

मोहसिन के पिता अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए सरकार और विपक्ष के नेताओं से भी मिले पर किसी ने भी उनका साथ नहीं दिया। अपने बेटे को न्याय दिलाने के संघर्ष के दौरान 17 दिसंबर, 2018 को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई।

धनंजय देसाई की जमानत मिलने पर मोहसिन की मां शबाना परवीन ने द वायर से कहा, ‘मुझे जानकारी मिली है कि देसाई को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। मैं अपने वकील से बात कर रही हूं और देसाई की जमानत की खारिज करने की जल्द अर्जी दायर करूंगी’

उन्होंने आगे बताया, ‘मोहसिन को न्याय दिलाने के लिए हमारा पूरा परिवार संघर्ष कर रहा है। इसी बीच मेरे पति भी चले गए। हमारे दूसरे लड़के को सरकार ने नौकरी देने का वादा किया था, वो भी पूरा नहीं किया। इसके अलावा 30 लाख रुपये देने के लिए कहा गया था, लेकिन सिर्फ 10 लाख रुपये ही मिले हैं।’

परवीन कहती है, ‘हमें खुदा पर यकीन है कि मेरे बेगुनाह बच्चे के हत्यारों को सजा मिलेगी।’

मोहसिन शेख मामले में याचिका दायर करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अजहर तम्बोली ने द वायर से बताया, ‘यह बेहद दुख की बात है कि देसाई जैसे असामाजिक तत्वों को जमानत मिल गई है। हम इस जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। ऐसे लोग अगर बाहर आ गए तो कई और मोहसिन मारे जा सकते हैं। 2019 चुनाव के चलते इन्हें बाहर लाया जा रहा है और हम इनके गलत मंसूबो में कामयाब नहीं होने देंगे।’

अजहर बताते हैं कि देसाई द्वारा यह 12वीं जमानत याचिका थी, जिसे अदालत ने मंजूर कर दिया है। उन्होंने बताया कि देसाई के वकीलों ने आरोपों को खत्म करने के लिए पुनर्विचार याचिका दायर की थी और उसकी सुनवाई से पहले ही उसे जमानत दे दी गई, जो कि गलत है।

वो आगे कहते हैं, ‘मोहसिन हत्याकांड मामले में 21 लोगों को आरोपी बनाया गया था और जमानत पर रिहा हुए चार लोग वापस मारपीट और हत्या के प्रयास जैसे मामलों में जेल चले गए हैं। ये लोग गुंडे हैं और इनका यही काम है। देसाई को श्रीराम सेना ने शौर्य पुरस्कार दिया है। ये सोचने वाली बात है कि एक मासूम बच्चे की हत्या करने में कौन सा शौर्य है?’

उन्होंने आगे कहा, ‘देसाई बाहर आकर गवाहों को धमकाएंगे और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेंगे। मुझे भी इनके संगठन के लोग अदालत के बाहर डराने की कोशिश करते हैं। मुझे न्यायपालिका पर यकीन है और सुप्रीम कोर्ट से जमानत खारिज होगी ऐसा मुझे विश्वास है।’

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