जीवाजी यूनिवर्सिटी में तेज हुआ छात्र आंदोलन, बाबा साहब का अपमान करने वालों पर कार्रवाई की मांग

Published on: April 10, 2017
ग्वालियर। ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी में अंबेडकर जयंती पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता न करने देने के बाद छात्रों का आंदोलन अब उग्र होता जा रहा है। यूनिवर्सिटी प्रशासन अब आंदोलनकारी छात्रों के दमन पर उतारू हो गया है। कैंपस में धरना दे रहे करीब 200 छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

Jivaji University

विवाद की शुरुआत पिछले सप्ताह हुई थी। विधि विभाग के कुछ छात्रों ने अंबेडकर जयंती पर एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन कराने की अनुमति माँगी लेकिन जातिवादी मानसिकता से ग्रस्त विभागाध्यक्ष प्रोफेसर गणेश दुबे ने इसकी अनुमति देने से इन्कार कर दिया, और छात्रों के साथ बदसलूकी भी कर दी।

इसके बाद डॉ अंबेडकर स्टूडेंट्स फ्रंट ऑफ इंडिया- डस्फी के सदस्य छात्रों ने नारेबाजी शुरू कर दी। कुलपति संगीता शुक्ला से भी उन्होंने बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने एक और प्रोफेसर आर ए शर्मा को बातचीत के लिए भेजा जो आते ही छात्रों से उलझ गए।

छात्रों का कहना है कि छोटे से मामले को जानबूझकर तूल देने के लिए अंबेडकर विरोधी मानसिकता के प्रोफेसर एकजुट हो गए और सबने मिलकर छात्रों के खिलाफ एफआईआर तक करा दी। नाराज छात्रों ने हड़ताल कर दी और धरने पर बैठ गए।

छात्रों ने भी दोनों प्रोफेसरों- गणेश दुबे और आर ए शर्मा के खिलाफ मारपीट और एससी-एसटी एक्ट का मामला दर्ज करा दिया। अब प्रोफेसरों की गिरफ्तारी का खतरा मँडरा रहा है। भास्कर में प्रकाशित खबर के मुताबिक पूरा कैंपस तनावग्रस्त है।

सवर्ण प्रोफेसरों को बचाने के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भी मैदान में उतर आई है। एबीवीपी ने प्रोफेसरों पर एफआआईआर कराने वाले छात्रों को बर्खास्त करने की माँग की है। हालात संभालने के बहाने कैंपस में भारी पुलिस तैनात कर दी गई है। धरना दे रहे करीब 200 छात्रों को पुलिस गिरफ्तार करके भी ले गई है।

संपादन- भवेंद्र प्रकाश

Courtesy: National Dastak

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