प्रदर्शन: हम अगर ऊट्ठे नहीं तो...

Written by sabrang india | Published on: September 23, 2020
ऐडवा, एडमम, अनहद, इंडियन क्रिश्चन फॉर डेमोक्रेसी, मजदूर एकता समिति, मदर टेरेसा फाउंडेशन, एन एफ आई डब्लू, एनटीयूआई, पेहचान, पुरोगामी महिला संगठन, रिहैबिलिटेशन रिसर्च इनिशिएटिव, सतर्क नागरिक संगठन, यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम, यूनिटी ऑफ़ क्राइस्ट सहित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों  ने कॉंस्टीटूशन क्लब, नई दिल्ली के बाहर इफ वी डू नॉट राइज अभियान के बैनर तले "बोल के लब आज़ाद हैं तेरे" प्रतिरोध व्यक्त किया।



इफ वी डू नॉट राइज - हम अगर ऊट्ठे नहीं तो... अभियान, जो  632 महिलाओं के समूहों (राष्ट्रीय महिला संगठनों और स्वायत्त लोगों) LGBTQIA समुदाय; मानवाधिकार संगठन; ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों का का प्रतिनिधित्व करते हैं, के मांग पत्र को तख्तियों पर प्रदर्शित किया गया था। मांगों का चार्टर 13 विषयगत क्षेत्रों को कवर करता है: लोकतांत्रिक अधिकार, पारदर्शिता और जवाबदेही, संस्थागत स्वायत्तता और अखंडता, जीवन और सुरक्षा का अधिकार, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा का अधिकार, कार्य का अधिकार, राजनीतिक भागीदारी का अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार, प्राकृतिक तक पहुंच संसाधन, प्रौद्योगिकी और निगरानी, शारीरिक व मानसिक रूप से बाधित व्यक्तियों और मीडिया के अधिकार। इसमें कुल 110 मांगें हैं। तख्तियों पर हिंदी और अंग्रेजी दोनों में मांगों को प्रदर्शित किया गया था।

प्रदर्शनकारियों ने संसद में हाल ही में पारित किए गए किसानों के बिलों के खिलाफ जोरदार आवाज उठाई और साथ ही राज्यसभा में वोट के विभाजन की मांग से इनकार किये जाने का जमकर विरोध किया। उन्होंने इसे भारत में संसदीय लोकतंत्र के लिए एक काला दिन कहा। इफ वी डू नॉट राइज - हम अगर ऊट्ठे नहीं तो ... अभियान ने प्रदर्शनकारी किसानों के लिए एकजुटता जताई। उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पूरी तरह से सत्तावादी हो गई है और यूएपीए और  देशद्रोह जैसे कठोर कानूनों का प्रतिरोध की आवाज़ों को रोकने के लिए का इस्तेमाल कर रही है।

भाग लेने वालों में एनएफआईडब्ल्यू से एनी राजा, दिप्ती भारती, एआईडीडब्ल्यूए की मरियम धवले, मैमून मोल्ला,आशा शर्मा, अखिल भारतीय महिला दलित अधिकार  मंच से अबिरमी जोठी, क्राइस्ट ऑफ यूनिटी से मिनाक्षी सिंह, पुरोगामिनी महिला समिति से सुचित्रा, मज़दूर एकता समिति से बिरजू नाइक, अनहद से शबनम हाशमी, तरुण सागर, गौहर रज़ा, कवि, वैज्ञानिक और कई अन्य शामिल थे।

इससे पहले कनिमोझी करुणानिधि (DMK), डी राजा (महासचिव CPI), बिनॉय विश्वम (CPI), संजय सिंह (AAP), मनोज झा (RJD), कुंवर दानिश अली  (बीएसपी), जावेद अली (एसपी), शक्ति सिन्ह (आईएनसी), एलाराम करीम (सीपीएम), कुमार केतकर (नामित सदस्य) और केके रागेश (सीपीएम) सहित कई सांसदों और राजनीतिक नेताओं को मांगों का चार्टर सौंपा गया।

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