सकारात्मक बदलाव: सोलापुर के टाकली गांव से फुले शाहू अंबेडकर की विचारधारा के समर्थक प्रत्याशी की जीत

Written by sabrang india | Published on: January 5, 2024


सोलापुर: नए साल (2024) के पहले दिन सोलापुर जिले स्थित टाकली गांव में सरपंच पद का चुनाव हुआ। इस चुनाव में सेक्युलर विचारों तथा फुले शाहू अंबेडकर की विचारधारा के समर्थक तानाजी सलगर की जीत हुई। 

सोलापुर के टाकली गांव में सरपंच पद के चुनाव में तानाजी सलगर की जीत हुई है। यह जीत सामान्य नहीं है बल्कि, गांव-गांव में व्याप्त जातीय जहर के ऊपर समरसता व संवैधानिक विचारों की जीत है। जातीय राजनीति से लोग ऊब गये हैं और वे संवैधानिक व समरसता के विचारों को जगह देना चाहते हैं, यह जीत इसी का संकेत देती है।

युवा पीढ़ी के एक उभरते प्रतिनिधि तानाजी सलगर महात्मा ज्योतिबा फुले, छत्रपति शाहू जी महाराज और संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की विचारधारा से प्रेरित हैं। सरपंच पद के चुनाव में अपनी जीत के लेकर उत्साहित तानाजी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है कि,"ये जीत गरीब और हाशिये के लोगों की जीत है तथा सबके अधिकारों की जीत है। इस जीत में हर उस घर का प्रतिनिधित्व है जो पिछले कई सालों से अपने अधिकारों से वंचित रहे हैं।" 
        
इस जीत को सामान्य नहीं माना जा सकता है यह कहना है बालासाहेब नागरे का। बालासाहेब नागरे कहते हैं कि आने वाले दिनों में उप-सरपंच पद पर माननीय आशोक गायकवाड़ जी की नियुक्ति होने वाली है। वे आगे कहते हैं कि, आमतौर पर दलितों का प्रतिनिधित्व रिजर्व जगह ही होता है मगर गांव के लोगों की बदलती विचारधारा की वजह से एक दलित पिछड़े प्रतिनिधि को चुना जाना छोटी बात नहीं है। 

तानाजी सलगर आगे कहते हैं कि आने वाले दिन महत्वपूर्ण होने वाले हैं और मेरे ऊपर और जिम्मेदारी बढ़ेगी। मैं उनको पूरी क्षमता तथा दायित्व से निभाने की कोशिश करूंगा।" इस चुनाव में सारे गांव के लोग उपस्थित थे। चुने गये लोगों ने सभी साथी तथा गांव के लोगों का शुक्रिया अदा किया और अपने दायित्वों को पूरी ईमानदारी व कर्तव्यबोध के साथ निर्वहन करने का आश्वासन दिया।

Related:

बाकी ख़बरें