शतक से कुछ दूर पेट्रोल, 40 रुपये लीटर बिकवाने वाले रामदेव कहां हैं?

Written by Sabrangindia Staff | Published on: September 9, 2018
नई दिल्ली. अच्छे दिन लाने और महंगाई भगाने के दावे के जरिए सत्ता में आई मोदी सरकार हर मुद्दे पर विफल नजर आ रही है. 2014 चुनाव से पहले बीजेपी और उसके सहयोगियों ने जिस तरह का माहौल बनाया था उससे लोग आशान्वित थे लेकिन अब सब बिखर रहा है. योग गुरू बाबा रामदेव दावा करते थे कि मोदीजी आएंगे तो पेट्रोल 40 रुपये में मिलेगा, गैस 300 रुपये की मिलेगी. लेकिन मोदीजी आए और जनता को जमकर महंगाई का स्वाद चखाया. 


पीएम मोदी ने नोटबंदी की तो बताया कि इसके बहुत सारे लाभ होंगे. उस दौरान सौ से ज्यादा लोग मरे लेकिन नोटबंदी की रिपोर्ट के बाद उनका एक भी लाभ नजर नहीं आया. इस दौरान रुपये की वैल्यू लगातार गिर रही है और पेट्रोल डीजल महंगे हो रहे हैं. रविवार को फिर से पेट्रोल के दाम 12 पैसे की बढ़ोतरी हुई है जबकि डीजल के दाम में 10 पैसों की बढ़ोतरी देखने को मिली है. नई कीमतें लागू होने के बाद दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 80.50 रुपए प्रति लीटर तो डीजल की कीमत 72.61 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गई है. 

रुपए की विनिमय दर में गिरावट और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में तेज उछाल के बीच देश में पेट्रोल तथा डीजल की कीमतें मंगलवार को अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गईं. इस मौके पर बाबा रामदेव का बयान भी नहीं आ रहा जो चुनाव से पहले 40 रुपये लीटर पेट्रोल दिलवाने का दावा कर रहे थे. 


महंगाई से त्रस्त आम आदमी के लिए तेल की कीमतें जेब पर और भी बोझ बढ़ा सकती हैं. वहीं पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को कहा कि डॉलर के खिलाफ रुपये के कमजोर होने तथा आपूर्ति पक्ष की बाधाओं के कारण पेट्रोल-डीजल महंगे हो रहे हैं. लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि डॉलर के खिलाफ अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपया अधिक मजबूती से टिका हुआ है.

दिल्ली

 पेट्रोल - 80.50

डीजल - 72.61

मुंबई

 पेट्रोल - 87.89

 डीजल - 77.09


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि डॉलर के मुकाबले रुपये के 71 तक पहुंच जाने और कच्चे तेल की कीमतें पिछले कुछ समय में सात डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ने से मुख्य तौर पर ईंधन की खुदरा कीमतें बढ़ीं हैं. रुपये की विनिमय दर में एक माह के अंद 2.5 प्रतिशत की गिरावट आयी है.

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कांग्रेस ने 10 सितम्बर को भारत बंद का ऐलान किया है. कांग्रेस की अगुवाई में अन्य विपक्षी दल भी इसमें शामिल होंगे. कांग्रेस अन्य दलों से बातचीत कर रही है. कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार ने पिछले साढ़े चार साल में पेट्रोल डीजल पर टैक्स लगाकर करीब 11 लाख करोड़ रुपये जनता से लूटे हैं. यह पैसा किसकी जेब में गया आज तक इसका जवाब नहीं दे पाए. सरकार को जगाने के लिये और देश भर के लोगों के आक्रोश की भावना का सम्मान करते हुए भारत बंद का फैसला लिया गया है.

डीजल और पेट्रोल वस्तु और सेवाकर(जीएसटी) से बाहर हैं. इस लिए राज्यों में इन पर स्थानीय बिक्री कर की दरें अलग अलग होने से पेट्रोलियम ईंधन के मूल्य भी अलग अलग हो जाते हैं.

कर भार कम होने के कारण दिल्ली में ईंधन के दाम अन्य मेट्रो शहरों और राज्यों की राजधानियों की तुलना में सबसे कम है.

पिछले साल मध्य जून से कंपनियों को लागत के हिसाब से ईंधन के भाव में दैनिक स्तर पर संशोधन की छूट दी गयी थी. इस व्यवस्था के तहत डीजल के दाम में मंगलवार को किसी एक दिन की सबसे बढ़ी वृद्धि है.

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