मध्यप्रदेश में मूक-बधिर छात्र-छात्राओं के आश्रम साईं विकलांग आश्रम में बच्चे-बच्चियों से बलात्कार का एक और दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। इस मामले में भी आश्रम का संचालक पंडित एमपी अवस्थी ही कई सालों से छात्रों और छात्राओं के साथ बलात्कार करता आ रहा था।
एमपी अवस्थी सरकार से अनुदान प्राप्त ऐसे कुल 4 छात्रावास संचालित करता है जिनमें रहने वाली लड़कियों और लड़कों ने इंटरप्रेटर की मदद से संचालक पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। यह बात भी सामने आई है कि फरवरी 2017 में भी एक मूक बधिर लड़की ने होशंगाबाद कलेक्टर से इसकी शिकायत की थी लेकिन तब भी कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
(Courtesy: dhakatribune.com)
एनडीटीवी के मुताबिक हॉस्टल में साल 2003 से लड़के-लड़कियां रह रही हैं। इस समय भी यहां 42 लड़के और 58 लड़कियां रहती हैं। आरोपी पंडित एमपी अवस्थी सेना से रिटायर है। हॉस्टल में कुल 4 टीचर हैं, लेकिन पिछले 10 वर्षों से कोई वार्डन नहीं है।
इस मामले में सोशल जस्टिस विभाग के निदेशक कृष्ण मोहन तिवारी का कहना है कि कुछ मूक बधिर बच्चे अपने इंटरप्रेटर के साथ हमारे ऑफिस आए थे। उन्होंने हॉस्टल संचालक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है और पत्र सौंपा है।
नईदुनिया के अनुसार, इस मामले में हॉस्टल संचालक पंडित एमपी अवस्थी, केयर टेकर मीता मिश्रा, मीता के पति विजय मिश्रा के अलावा छात्रावास संचालक के मित्र राकेश चौधरी को गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेजने के आदेश दे दिए गए हैं।
देर से हरकत में आई पुलिस अब छात्रावास में अक्सर आने वाले उन लोगों की तलाश भी कर रही है, जो छात्राओं के साथ अश्लील हरकत करते थे। आश्रम की 13 छात्राओं ने संकेत भाषा में पुलिस को अपनी पीड़ा बताई है। कुछ छात्राओं को छात्रावास की छत पर ले जाकर उनके साथ दुराचार किया जाता था।
इस घटनाक्रम के बाद ये एक बार फिर साबित हो गया है कि शिवराज सरकार न केवल बलात्कारियों को संरक्षण दे रही है, बल्कि आर्थिक अनुदान देकर उन्हें बलात्कार करने का इनाम भी देती है।
एमपी अवस्थी सरकार से अनुदान प्राप्त ऐसे कुल 4 छात्रावास संचालित करता है जिनमें रहने वाली लड़कियों और लड़कों ने इंटरप्रेटर की मदद से संचालक पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। यह बात भी सामने आई है कि फरवरी 2017 में भी एक मूक बधिर लड़की ने होशंगाबाद कलेक्टर से इसकी शिकायत की थी लेकिन तब भी कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
(Courtesy: dhakatribune.com)
एनडीटीवी के मुताबिक हॉस्टल में साल 2003 से लड़के-लड़कियां रह रही हैं। इस समय भी यहां 42 लड़के और 58 लड़कियां रहती हैं। आरोपी पंडित एमपी अवस्थी सेना से रिटायर है। हॉस्टल में कुल 4 टीचर हैं, लेकिन पिछले 10 वर्षों से कोई वार्डन नहीं है।
इस मामले में सोशल जस्टिस विभाग के निदेशक कृष्ण मोहन तिवारी का कहना है कि कुछ मूक बधिर बच्चे अपने इंटरप्रेटर के साथ हमारे ऑफिस आए थे। उन्होंने हॉस्टल संचालक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है और पत्र सौंपा है।
नईदुनिया के अनुसार, इस मामले में हॉस्टल संचालक पंडित एमपी अवस्थी, केयर टेकर मीता मिश्रा, मीता के पति विजय मिश्रा के अलावा छात्रावास संचालक के मित्र राकेश चौधरी को गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेजने के आदेश दे दिए गए हैं।
देर से हरकत में आई पुलिस अब छात्रावास में अक्सर आने वाले उन लोगों की तलाश भी कर रही है, जो छात्राओं के साथ अश्लील हरकत करते थे। आश्रम की 13 छात्राओं ने संकेत भाषा में पुलिस को अपनी पीड़ा बताई है। कुछ छात्राओं को छात्रावास की छत पर ले जाकर उनके साथ दुराचार किया जाता था।
इस घटनाक्रम के बाद ये एक बार फिर साबित हो गया है कि शिवराज सरकार न केवल बलात्कारियों को संरक्षण दे रही है, बल्कि आर्थिक अनुदान देकर उन्हें बलात्कार करने का इनाम भी देती है।