बिहार में मुजफ्फरपुर में बालिकागृह की रेप पीड़ित बच्चियों ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने अपनी रोंगटें खड़ी कर देने वाली दास्तान सुनाई है। इसके बाद सीबीआई जांच से इन्कार कर रही बिहार सरकार ने आखिरकार सीबीआई जांच के आदेश दे दिये हैं। लड़कियों के साथ ये अमानवीय व्यवहार सरकार के खर्चे पर होता था।
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, लड़कियों ने बताया है कि ‘नेताजी’ और ‘हंटरवाले अंकल’ उनके साथ रोज़ बलात्कार करते थे। डरी-सहमी लड़कियों ने बताया, ‘जैसे ही सूरज डूबता था, लड़कियां डरी हुई रहने लगती थीं।वे रातें आतंक से भरी हुई थीं।’
बताया जा रहा है कि नेताजी, बिहार सरकार में एक मंत्री का पति है, और हंटरवाला अंकल बालिका गृह संचालक ब्रजेश ठाकुर है, जिसे गिरफ्तार किया जा चुका है।
लड़कियों ने बताया कि उन्हें टॉर्चर किया जाता था, भूखा रखा जाता था, इंजेक्शन लगाए जाते थे और कोई लड़की उनकी बात मानने से इनकार करे या विरोध करे तो हंटरवाला अंकल छड़ी से खूब पिटाई करता था।
लड़कियों ने बताया कि वे किरण मैडम को इस बारे में बताती थीं और बचाने का अनुरोध करती थीं, लेकिन वे कुछ नहीं करती थीं, न ही उनकी बात सुनती थीं। लड़कियों की देखभाल के लिए तैनात किरण को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।
प्रभात खबर की रिपोर्ट में एक लड़की के हवाले से बताया गया है कि उनके साथ यौन शोषण में महिला कर्मचारियों समेत सारे कर्मचारियों की मिलीभगत होती थी। बालिकागृह की कर्मचारी किरण, चंदा, नीलम, मंजू, मीनू, नेहा और हेमा उन्हें ब्रजेश ठाकुर और अन्य पुरुषों के कमरे में सोने को बोलती थीं और उनकी बात न मानने पर वो उनकी पिटाई करती थीं। रात को जब वे सो रही होती थीं, तभी ये महिलाएं उन्हें उठाकर ले जाती थीं।
लड़कियों ने बताया कि एनजीओ के लोगों ने नहीं, कई बाहरी लोग भी उनके साथ रेप करते थे। कई बार उन्हें बालिकागृह से बाहर भी ले जाया जाता था और रेप के बाद वापस अगले दिन बालिकागृह में छोड़ दिया जाता था।
बालिकागृह की रेप पीड़ित लड़कियों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। कुछ बच्चियों ने ये भी बताया है कि उन्हें नींद की गोलियां खाने में मिलाकर खिलाई जाती थीं और फिर उनकेसाथ रेप होता था। सुबह जागने पर इंदु आंटी ही बताती थी कि उनके साथ गलत काम किया गया है। लगातार यौन शोषण और भय के माहौल में रहीं इन लड़कियों को कई बीमारियां हो गई हैं।
लड़कियों के साथ ये यौन शोषण सरकारी खर्चे पर होता था। ऐसे 10 बालिकागृह सरकार एनजीओ के जरिए चला रही है और हर बालिकागृह पर 30 लाख रुपए का खर्चा बताया जाता है जिसमें से 90 फीसदी रकम सरकार ही देती थी।
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, लड़कियों ने बताया है कि ‘नेताजी’ और ‘हंटरवाले अंकल’ उनके साथ रोज़ बलात्कार करते थे। डरी-सहमी लड़कियों ने बताया, ‘जैसे ही सूरज डूबता था, लड़कियां डरी हुई रहने लगती थीं।वे रातें आतंक से भरी हुई थीं।’
बताया जा रहा है कि नेताजी, बिहार सरकार में एक मंत्री का पति है, और हंटरवाला अंकल बालिका गृह संचालक ब्रजेश ठाकुर है, जिसे गिरफ्तार किया जा चुका है।
लड़कियों ने बताया कि उन्हें टॉर्चर किया जाता था, भूखा रखा जाता था, इंजेक्शन लगाए जाते थे और कोई लड़की उनकी बात मानने से इनकार करे या विरोध करे तो हंटरवाला अंकल छड़ी से खूब पिटाई करता था।
लड़कियों ने बताया कि वे किरण मैडम को इस बारे में बताती थीं और बचाने का अनुरोध करती थीं, लेकिन वे कुछ नहीं करती थीं, न ही उनकी बात सुनती थीं। लड़कियों की देखभाल के लिए तैनात किरण को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।
प्रभात खबर की रिपोर्ट में एक लड़की के हवाले से बताया गया है कि उनके साथ यौन शोषण में महिला कर्मचारियों समेत सारे कर्मचारियों की मिलीभगत होती थी। बालिकागृह की कर्मचारी किरण, चंदा, नीलम, मंजू, मीनू, नेहा और हेमा उन्हें ब्रजेश ठाकुर और अन्य पुरुषों के कमरे में सोने को बोलती थीं और उनकी बात न मानने पर वो उनकी पिटाई करती थीं। रात को जब वे सो रही होती थीं, तभी ये महिलाएं उन्हें उठाकर ले जाती थीं।
लड़कियों ने बताया कि एनजीओ के लोगों ने नहीं, कई बाहरी लोग भी उनके साथ रेप करते थे। कई बार उन्हें बालिकागृह से बाहर भी ले जाया जाता था और रेप के बाद वापस अगले दिन बालिकागृह में छोड़ दिया जाता था।
बालिकागृह की रेप पीड़ित लड़कियों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। कुछ बच्चियों ने ये भी बताया है कि उन्हें नींद की गोलियां खाने में मिलाकर खिलाई जाती थीं और फिर उनकेसाथ रेप होता था। सुबह जागने पर इंदु आंटी ही बताती थी कि उनके साथ गलत काम किया गया है। लगातार यौन शोषण और भय के माहौल में रहीं इन लड़कियों को कई बीमारियां हो गई हैं।
लड़कियों के साथ ये यौन शोषण सरकारी खर्चे पर होता था। ऐसे 10 बालिकागृह सरकार एनजीओ के जरिए चला रही है और हर बालिकागृह पर 30 लाख रुपए का खर्चा बताया जाता है जिसमें से 90 फीसदी रकम सरकार ही देती थी।