एनआरसी की सूची में नाम नहीं होने के कारण निराश असम के युवक ने आत्महत्या करने का प्रयास किया। लेकिन संयोगवश उसके दोस्तों ने उसे बाल-बाल बचा लिया।
असम के हंस चोपरा गांव के हसन ने खुद को फांसी लगाने की कोशिश की लेकिन उसके दोस्तों ने रस्सी काटकर उसकी जान को बचा लिया। एनआरसी के ड्राफ्ट में उसका नाम नहीं था जिस कारण तंग आकर उसने खुद को फांसी लगाने की कोशिश की।
अली ने साल 2015 में आवेदन फॉर्म को भरा था और वह हैरान था कि लिस्ट में उसका नाम नहीं है। जब उसने इसकी शिकायत एनआरसी ऑथोरिटी को की तो उन्होंने कहा कि कोई भी आवेदन जमा नहीं किया गया है। लेकिन अली ने न केवल रसीद पेश की बल्कि आवेदन का रजिस्ट्रेशन नंबर भी दिखाया।
उसने एक शिकायत पत्र एनएसके को भी भेजा जहां उसने आवेदन को जमा किया था। लेकिन बाद में यह पता चला कि उनके आवेदन को गलती से डी वोटर्स दस्तावेजों के साथ रखा गया था और जिसके कारण कागजी कार्रवाई लटकी पड़ी थी।
इसके बाद एनआरसी ऑथोरिटी ने अपनी गलती स्वीकार की और इस समस्या को ठीक करने का आश्वासन दिया। मोरीगांव के उपायुक्त (Deputy Commissioner) ने सर्कल अधिकारी और सीआरसीआर को इस मसले को तुरंत ठीक करने का निर्देश दिया। लेकिन इस प्रक्रिया में कोई प्रगति नहीं हुई तो निराश अली ने आठ मार्च को खुद को फांसी लगाने की कोशिश की। संयोग से उसके बहुत सारे दोस्त थे जिनको वास्तव में उसकी परवाह थी।
उसकी आत्महत्या रोकने के बाद वे अली को लगातार सपोर्ट दे रहे हैं। सीजेपी कम्युनिटी के वालिंटियर्स भी तकरीबन आधे घंटे में घटनास्थल पर पहुंचे जिन्होंने अली को न केवल एनआरसी की प्रक्रिया में सहायता करने की पेशकश की। बल्कि उसे उम्मीद नहीं खोने के लिए भी समर्थन दिया। वे अब इस मामले को तुरंत हल करने के लिए स्थानीय एनएसके के साथ बातचीत कर रहे हैं।
असम के हंस चोपरा गांव के हसन ने खुद को फांसी लगाने की कोशिश की लेकिन उसके दोस्तों ने रस्सी काटकर उसकी जान को बचा लिया। एनआरसी के ड्राफ्ट में उसका नाम नहीं था जिस कारण तंग आकर उसने खुद को फांसी लगाने की कोशिश की।
अली ने साल 2015 में आवेदन फॉर्म को भरा था और वह हैरान था कि लिस्ट में उसका नाम नहीं है। जब उसने इसकी शिकायत एनआरसी ऑथोरिटी को की तो उन्होंने कहा कि कोई भी आवेदन जमा नहीं किया गया है। लेकिन अली ने न केवल रसीद पेश की बल्कि आवेदन का रजिस्ट्रेशन नंबर भी दिखाया।
उसने एक शिकायत पत्र एनएसके को भी भेजा जहां उसने आवेदन को जमा किया था। लेकिन बाद में यह पता चला कि उनके आवेदन को गलती से डी वोटर्स दस्तावेजों के साथ रखा गया था और जिसके कारण कागजी कार्रवाई लटकी पड़ी थी।
इसके बाद एनआरसी ऑथोरिटी ने अपनी गलती स्वीकार की और इस समस्या को ठीक करने का आश्वासन दिया। मोरीगांव के उपायुक्त (Deputy Commissioner) ने सर्कल अधिकारी और सीआरसीआर को इस मसले को तुरंत ठीक करने का निर्देश दिया। लेकिन इस प्रक्रिया में कोई प्रगति नहीं हुई तो निराश अली ने आठ मार्च को खुद को फांसी लगाने की कोशिश की। संयोग से उसके बहुत सारे दोस्त थे जिनको वास्तव में उसकी परवाह थी।
उसकी आत्महत्या रोकने के बाद वे अली को लगातार सपोर्ट दे रहे हैं। सीजेपी कम्युनिटी के वालिंटियर्स भी तकरीबन आधे घंटे में घटनास्थल पर पहुंचे जिन्होंने अली को न केवल एनआरसी की प्रक्रिया में सहायता करने की पेशकश की। बल्कि उसे उम्मीद नहीं खोने के लिए भी समर्थन दिया। वे अब इस मामले को तुरंत हल करने के लिए स्थानीय एनएसके के साथ बातचीत कर रहे हैं।