यूपी में योगी सरकार को झटका, सीएम के एनकाउंटर वाले बयान पर मानवाधिकार आयोग का नोटिस

Written by सबरंगइंडिया स्टाफ | Published on: November 23, 2017


यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ के कामकाज करने के तरीकों पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं. उनकी सरकार पर कानून के जरिये सुलझने वाले मसलों को जोर-जबरदस्ती से हल करने के आरोप लगते रहते हैं. हाल में उन्होंने यूपी में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने का ऐलान करते हुए कहा था कि अपराधी जेल जाएंगे या एनकाउंटर में मारे जाएंगे. लेकिन योगी जी का यह बयान उन पर भारी पड़ गया है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस पर स्वतः संज्ञान लेते हुए यूपी के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर दिया है. आयोग ने इस संबंध में छह हफ्ते में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मानवाधिकार के नोटिस में कहा गया है कि भले ही यूपी में कानून-व्यवस्था की स्थिति गंभीर हो लेकिन राज्य ‘एनकाउंटर’ जैसे ‘हथियार’ का सहारा नहीं ले सकता. आयोग का कहना है कि मुख्यमंत्री का यह कथित बयान का मतलब पुलिस या राज्य सरकार के बलों को अपराधियों से निपटने के लिए फ्री हैंड देना है. यह सभ्य समाज के लिए नहीं है.

 आयोग ने आंकड़ों को हवाला देते हुए कहा है कि मार्च 2017 से 5 अक्तूबर 2017 के बीच राज्य में 433 एनकाउंटर हो चुके हैं. इनमें 19 अपराधी मारे गए  हैं जबकि 89 जख्मी हुए हैं. इनमें 98 पुलिस अधिकारी भी जख्मी हुए हैं और एक शहीद हुआ है.

योगी का अपराधियों को एऩकाउंटर में मार गिराने का ऐलान अपरिपक्व सीएम की निशानी है. कानून व्यवस्था का हल सिर्फ बंदूक से नहीं हो सकता. इसके लिए पुलिस और प्रशासन में व्यापक सुधार और समाज में सहिष्णुता बढ़ाने की जरूरत है. योगी को यूपी में आर्थिक विकास को रफ्तार देनी होगी. तभी अपराध भी कम होंगे. सिर्फ पुलिस के जरिये कानून-व्यवस्था नहीं सुधर सकती. सामाजिक समरसता बढ़ानी होगी, नौजवानों को काम देना होगा और कृषि और उद्योग की स्थिति ठीक करनी होगी.   
 

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