सुशांत मामला फेक ट्वीट: NBSA ने आज तक पर लगाया 1 लाख का जुर्माना, ऑन एयर माफी भी मांगनी पड़ेगी

Written by Sabrangindia Staff | Published on: April 17, 2021
नई दिल्ली। आज तक चैनल की समीक्षा याचिका को खारिज करते हुए न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी (एनबीएसए) ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में गलत रिपोर्टिंग के लिए हिंदी समाचार चैनल आज तक को 23 अप्रैल को रात 8 बजे माफीनामा प्रकाशित करने की मांग की है।



लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, एनबीएसए ने पिछले साल 6 अक्तूबर को जारी किए गए अपने आदेश को बरकरार रखा है जिसमें उसने पाया था कि सुशांत सिंह राजपूत के कुछ ट्वीट को उनके अंतिम शब्द बताते हुए गलत रिपोर्टिंग की थी और प्रसारण नियमों की अवहेलना की थी।

एनबीएसए ने आज तक से 23 अप्रैल, 2021 को रात के 8 बजे निम्नलिखित शब्दों के साथ पूरी स्क्रीन पर बड़े शब्दों में धीमी रफ्तार की आवाज के साथ माफीनामा प्रकाशित करने का अनुरोध किया है।

आजतक ने माफी मांगते हुए कहा, ‘सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या से संबंधित घटनाओं पर रिपोर्टिंग करते हुए हमने आज तक चैनल पर कुछ ट्वीट्स चलाए थे और गलत तरीके से स्क्रीनशॉट को असली बताते हुए उन्हें अभिनेता के आखिरी ट्वीट्स के रूप में जिम्मेदार ठहराया था। ऐसा करने से हमने सटीकता से संबंधित रिपोर्ट को कवर के विशिष्ट दिशानिर्देशों के खंड 1 का उल्लंघन किया है, जिसमें कहा गया है कि जानकारी को एक से अधिक स्रोतों से पहले इकट्ठा किया जाना चाहिए और यदि संभव हो तो समाचार-एजेंसियों से प्राप्त रिपोर्ट को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और जहां संभव हो सत्यापित किया जाना चाहिए। आरोपों को सही रूप में रिपोर्ट किया जाना चाहिए और तथ्य के सही संस्करण के प्रसारण को पर्याप्त प्रमुखता देते हुए तथ्य की त्रुटियों को जल्द से जल्द ठीक किया जाना चाहिए।’

एनबीएसए ने आज तक चैनल पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। आज तक के खिलाफ अक्तूबर, 2020 का मूल आदेश फिल्म निर्माता नीलेश नवलखा की ओर से अपने वकील राजेश इनामदार और शाश्वत आनंद के माध्यम से दर्ज कराई गई शिकायत पर जारी हुआ था।

मूल आदेश के अनुसार, चैनल से 27 अक्तूबर को माफीनामा प्रकाशित करने के लिए कहा गया था। 6 अक्टूबर के आदेश में यह भी कहा गया था कि आज तक ने सुशांत के नाम से ट्वीट्स दिखाने से पहले जरूरी सावधानी नहीं बरती। यह फेक ट्वीट्स थे, जिन्हें बाद में चैनल ने डिलीट कर दिया था।

इस बीच आज तक एक आवेदन दाखिल कर आदेश की समीक्षा करने या उसे वापस लेने की मांग की और कहा कि शिकायतकर्ता प्रसारित प्रसारण की जानकारी नहीं दे सके। उसने कहा कि शिकायतकर्ता ने केवल एक फैक्ट चेकिंग वेबसाइट बूमलाइव डॉट इन का लिंक दिया जिसमें आज तक की कथित रिपोर्ट का उल्लेख था। इसलिए उसने कहा कि शिकायत नहीं बनती है।

हालांकि एनबीएसए ने कहा कि समीक्षा याचिका में कोई तथ्य नहीं है। उसने कहा कि समीक्षा कार्यवाही में नए तथ्य नहीं पेश किए जा सकते हैं। आज तक ने इन तथ्यों को मूल कार्यवाही में शामिल नहीं किया जबकि उसके पास ऐसा मौका था।

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