वाराणसी। उत्तर प्रदेश के चंदौली में जलाए गए युवक की मौत हो गई है। करीब 70 फीसदी जले युवक अब्दुल खालिक को वाराणसी के कबीर चौरा मंडलीय अस्पताल में रविवार सुबह भर्ती कराया गया था। आज यानी सोमवार को उसने दम तोड़ दिया।
बता दें कि अब्दुल खालिक ने आरोप लगाया था कि उसे कुछ लोगों ने जय श्रीराम का नारा लगाने के लिए कहा था। नारा न लगाने पर उसे जिंदा जला दिया गया था। लड़के का यह बयान अस्पताल के कैमरे में रिकॉर्ड हो गया था। हालांकि पुलिस मामले को संदिग्ध मानकर जांच में जुटी है।
आज तक के मुताबिक, अस्पताल के कैमरा में लड़के ने बयान दिया कि जय श्री राम बोलने से मना करने पर उसे आग लगा दी गई। उसने कहा, "मैं दुधारी पुल पर टहल रहा था जब चार लोगों ने मेरा अपहरण कर लिया। उनमें से दो लोगों ने मेरे हाथ बांध दिए और तीसरा व्यक्ति मेरे ऊपर केरोसिन तेल डालने लगा। इसके बाद उन्होंने आग लगा दी और भाग गए।"
उसने बाद में कहा कि उसे 'जय श्री राम' बोलने के लिए मजबूर किया गया था। पुलिस का कहना है कि किशोर जली हुई अवस्था में घर पहुंचा। जिसके बाद पुलिस वहां पहुंची। मनराजपुर गांव में कुछ लड़के थे, जो उसे दौड़ते समय खेत में ले गए और आग लगा दी। पुलिस इस पूरे मामले को संदिग्ध मान रही है।
चंदौली पुलिस ने खालिक की मौत के बाद उसकी मां का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इसमें उसकी मां नारा लगाने की बात से इंकार कर रही हैं। उनका कहना है कि मेरा बेटा चला गया मैं उसके बारे में झूठ नहीं बोलूंगी। उसने घर आकर नारे के बारे में कुछ नहीं बताया।
अब्दुल खालिक की मां का बयान
इसके बाद चंदौली पुलिस नेपुलिस अधीक्षक सन्तोष कुमार सिंह का भी बयान जारी किया है। इसमें संतोष कुमार सिंह मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस विभिन्न एंगल से इस घटना की जांच कर रही है। सिंह ने नारे वाली बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान में किशोर ने नारे को लेकर कुछ नहीं कहा है। इस मामले की जांच के लिए कई टीमें गठित की गई हैं।
बता दें कि अब्दुल खालिक ने आरोप लगाया था कि उसे कुछ लोगों ने जय श्रीराम का नारा लगाने के लिए कहा था। नारा न लगाने पर उसे जिंदा जला दिया गया था। लड़के का यह बयान अस्पताल के कैमरे में रिकॉर्ड हो गया था। हालांकि पुलिस मामले को संदिग्ध मानकर जांच में जुटी है।
आज तक के मुताबिक, अस्पताल के कैमरा में लड़के ने बयान दिया कि जय श्री राम बोलने से मना करने पर उसे आग लगा दी गई। उसने कहा, "मैं दुधारी पुल पर टहल रहा था जब चार लोगों ने मेरा अपहरण कर लिया। उनमें से दो लोगों ने मेरे हाथ बांध दिए और तीसरा व्यक्ति मेरे ऊपर केरोसिन तेल डालने लगा। इसके बाद उन्होंने आग लगा दी और भाग गए।"
उसने बाद में कहा कि उसे 'जय श्री राम' बोलने के लिए मजबूर किया गया था। पुलिस का कहना है कि किशोर जली हुई अवस्था में घर पहुंचा। जिसके बाद पुलिस वहां पहुंची। मनराजपुर गांव में कुछ लड़के थे, जो उसे दौड़ते समय खेत में ले गए और आग लगा दी। पुलिस इस पूरे मामले को संदिग्ध मान रही है।
चंदौली पुलिस ने खालिक की मौत के बाद उसकी मां का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इसमें उसकी मां नारा लगाने की बात से इंकार कर रही हैं। उनका कहना है कि मेरा बेटा चला गया मैं उसके बारे में झूठ नहीं बोलूंगी। उसने घर आकर नारे के बारे में कुछ नहीं बताया।
अब्दुल खालिक की मां का बयान
इसके बाद चंदौली पुलिस नेपुलिस अधीक्षक सन्तोष कुमार सिंह का भी बयान जारी किया है। इसमें संतोष कुमार सिंह मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस विभिन्न एंगल से इस घटना की जांच कर रही है। सिंह ने नारे वाली बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान में किशोर ने नारे को लेकर कुछ नहीं कहा है। इस मामले की जांच के लिए कई टीमें गठित की गई हैं।