बैटमार MLA के पक्ष में बीजेपी अनुशासन समिति के संयोजक, बोले- आकाश के लिए नहीं थी PM की नसीहत

Written by sabrang india | Published on: July 22, 2019
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश भाजपा की राज्य अनुशासनात्मक समिति के संयोजक बाबूसिंह रघुवंशी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दो जुलाई को पार्टी के लोगों द्वारा किसी दुर्व्यवहार को अस्वीकार्य बताने वाली टिप्पणी आकाश विजयवर्गीय को लेकर नहीं की गयी थी।

मालूम हो कि भाजपा नेताओं द्वारा कहा गया था कि इंदौर से विधायक और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय द्वारा नगर निगम के अधिकारी को बल्ले से पीटने की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाराजगी जताई थी। भाजपा संसदीय दल की बैठक के बाद भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी ने एक टीवी चैनल से कहा था कि मोदी ने एक बैठक में कहा कि ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर किया जाना चाहिए, चाहे वो किसी का भी बेटा हो कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने बहुत कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया और कहा कि इस तरह का कोई भी कार्य अस्वीकार्य है।

प्रधानमंत्री का ये बयान उस समय काफी सुर्खियों में रहा था। हालांकि अब राज्य अनुशासनात्मक समिति के संयोजक बाबूसिंह रघुवंशी का बयान इसके विपरीत है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक विजयवर्गीय के व्यवहार का बचाव करते हुए रघुवंशी ने कहा, ‘मैं एक वकील भी हूं और जब किसी को उकसाया जाता है, जैसे आकाश को किया गया था, तो सजा अलग होती है।’ उन्होंने कहा, ‘क्या उन्होंने (प्रधानमंत्री ने) आकाश का नाम लिया था? उस समय अनुशासनहीनता के कई और मामले सामने आए थे, हो सकता है कि उन्होंने इन सभी मामलों को मिलाकर टिप्पणी की हो। क्या कोई साउंड बाइट या वीडियो है, जिसमें उन्हें आकाश के लिए कुछ कहते हुए सुना जा सकता है।’

रघुवंशी ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री ने खुद इसकी आलोचना की है तो ये सजा से भी ज्यादा है। मालूम हो कि दो जुलाई को प्रधानमंत्री द्वारा आकाश के व्यवहार की कथित निंदा के अगले दिन ही रघुवंशी ने कहा था कि यह मामला सुनवाई के लिए उनकी समिति तक नहीं पहुंचा है। उन्होंने तब कहा था कि अगर यह मामला हमारे सामने आएगा, तो पार्टी के नियम-कायदों के मुताबिक सुनवाई की जाएगी।

उन्होंने प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया था कि आमतौर पर प्रदेश अध्यक्ष पार्टी के अनुशासनात्मक मामलों में संबंधित लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हैं और जवाब मिलने पर पार्टी की अनुशासन समिति ऐसे मामलों की सुनवाई करती है।

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार रघुवंशी ने इस बात की पुष्टि की है कि अब तक यह मामला तीन-सदस्यीय अनुशासन समिति के पास नहीं भेजा गया है। उन्होंने अपनी पिछली बात ही दोहराई, ‘आकाश का मामला मेरे सामने तभी आएगा अगर राज्य भाजपा अध्यक्ष द्वारा आकाश को नोटिस दिया गया हो और उनके जवाब से राज्य भाजपा अध्यक्ष खुश न हों… और वैसे भी जब किसी आपराधिक घटना के बारे में मामला दर्ज करवाया जाता है, तब इस पर अदालत को कार्रवाई करनी होती है।’

ऐसा भी बताया गया था कि प्रधानमंत्री ने यह भी कहा था कि आकाश के जेल से छूटने के बाद जिन लोगों ने उनका फूल माला से स्वागत किया, उन्हें पार्टी से बाहर किया जाना चाहिए। लेकिन ऐसा कोई कदम उठाया गया या नहीं, इस बारे में पार्टी की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गयी है। प्रधानमंत्री की टिप्पणी के बाद आकाश भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह से पार्टी मुख्यालय में दो बार मिले थे और ऐसा कहा जा रहा है कि दूसरी बार मिलने पर उन्होंने अपने व्यवहार के लिए माफ़ी मांगी। इस बारे में पूछे जाने पर राकेश सिंह ने कहा कि उचित समय आने पर मीडिया को यह जानकारी मुहैया करवा दी जाएगी।

हालांकि पार्टी की राज्य इकाई के इस रवैये पर वरिष्ठ भाजपा नेता खुश नहीं हैं। उनका कहना है कि आकाश की हरकत पर पार्टी का कार्रवाई न करना शर्मनाक है, और वो भी तब जब एक वीडियो को लेकर उत्तराखंड के विधायक प्रवीण सिंह ‘चैंपियन’ और पूर्व विधायक सुरेंद्रनाथ सिंह के मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ दिए गए बयान को लेकर कार्रवाई हुई है। प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘क्या प्रदेश संगठन प्रधानमंत्री से भी बड़ा हो गया है? प्रधानमंत्री के बयान के बावजूद अब तक कुछ नहीं किया गया। प्रदेशाध्यक्ष को इस मामले पर पार्टी का रुख स्पष्ट करना चाहिए।’

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