लखनऊ। उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री कार्यालय लोक भवन के गेट नंबर तीन पर दो महिलाओं ने शुक्रवार को आत्मदाह करने का प्रयास किया। इससे दोनों बुरी तरह झुलस गईं। दो में एक महिला की हालत गंभीर है।
दोनों महिलाएं अमेठी की रहने वाली हैं और जमीन संबंधी शिकायत की सुनवाई नहीं होने से परेशान हैं। जिला स्तर पर उनके मामले की सुनवाई नहीं हुई तो वे राजधानी पहुंचीं। जानकारी के अनुसार, महिलाओं ने मिट्टी का तेल छिड़क कर खुद को आग लगा ली। इसके बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। आत्मदाह करने वाली दोनों महिलाएं मां-बेटी हैं। मां की हालत अधिक गंभीर है और एक अस्पताल में दोनों का इलाज चल रहा है।
इस मामले में एसीपी हजरगंज अभय कुमार मिश्र ने कहा है कि बापू भवन के पास मां-बेटी ने खुद पर मिट्टी तेल छिड़क लिया और और दोनों टहलते हुए लोकभवन के पास आ गईं, जहां उन्होंने खुद को आग लगा लिया। मौके पर मौजूद पुलिस ने आग पर नियंत्रण पाया और दोनों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। एसीपी के अनुसार, मां-बेटी अमेठी के जामो थाना क्षेत्र की रहने वाली हैं। उनका नाम सोफिया और गुड़िया है। गुड़िया आग से मामूली रूप से झुलसी हैं।
दिन का वक्त होने के कारण सड़क पर ट्रैफिक भी था और आग पूरे शरीर में फैल जाने के कारण दोनों महिलाएं बेचैनी से इधर-उधर दौड़ने लगीं। मौके पर मौजूद एक टीवी रिपोर्टर ने आग लगा चुकी महिलाओं को बचाने में मदद की।
वहीं, राज्य के चर्चित रिटायर्ड आइएएस सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट किया कि जिला प्रशासन से परेशान होकर महिला ने लोकभवन के सामने आत्मदाह करने का प्रयास किया। अब उसके ऊपर आत्मदाह कर मुख्यमंत्री की छवि खराब करने के जुर्म में एफआइआर दर्ज कर दी जाएगी, पर असल गुनहगार पर कार्यवाही नहीं होगी। यही है आज का उत्तरप्रदेश।
पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मां-बेटी द्वारा विधानसभा के सामने आत्मदाह मामले पर योगी सरकार को घेरा है। अखिलेश ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'लखनऊ में लोकभवन के सामने दो महिलाओं द्वारा दबंगों के खिलाफ़ कोई कार्रवाई न होने से हताश होकर आत्मदाह करने की दुःखद ख़बर आयी है। सपा ने लोकभवन इसलिए बनवाया था कि वहां बिना भेदभाव आम जनता अपनी शिकायतों के निवारण के लिए जा सके, लेकिन इस भाजपा सरकार में गरीबों की कोई सुनवाई नहीं।'
मायावती ने शनिवार को ट्वीटर के माध्यम से लिखा, 'जमीन विवाद प्रकरण में अमेठी जिला प्रशासन से न्याय न मिलने पर मां-बेटी को लखनऊ में सीएम कार्यालय के सामने आत्मदाह करने को मजबूर होना पड़ा। यूपी सरकार इस घटना को गंभीरता से ले तथा पीड़ित को न्याय दे व लापरवाह अफसरों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करे ताकि ऐसी घटना पुन: न हों।'
एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'जमीन विवाद को लेकर अमेठी जिला निवासी माँ-बेटी द्वारा कल लखनऊ सीएम कार्यालय के सामने आत्मदाह करने का प्रयास दुःखद, किन्तु राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए अगर उन्हें ऐसा करने के लिए उकसाया गया है तो यह गंभीर आपराधिक मामला है, जिसकी सही जाँच कराकर दोषी को सख्त सजा दी जानी चाहिए।'
दोनों महिलाएं अमेठी की रहने वाली हैं और जमीन संबंधी शिकायत की सुनवाई नहीं होने से परेशान हैं। जिला स्तर पर उनके मामले की सुनवाई नहीं हुई तो वे राजधानी पहुंचीं। जानकारी के अनुसार, महिलाओं ने मिट्टी का तेल छिड़क कर खुद को आग लगा ली। इसके बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। आत्मदाह करने वाली दोनों महिलाएं मां-बेटी हैं। मां की हालत अधिक गंभीर है और एक अस्पताल में दोनों का इलाज चल रहा है।
इस मामले में एसीपी हजरगंज अभय कुमार मिश्र ने कहा है कि बापू भवन के पास मां-बेटी ने खुद पर मिट्टी तेल छिड़क लिया और और दोनों टहलते हुए लोकभवन के पास आ गईं, जहां उन्होंने खुद को आग लगा लिया। मौके पर मौजूद पुलिस ने आग पर नियंत्रण पाया और दोनों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। एसीपी के अनुसार, मां-बेटी अमेठी के जामो थाना क्षेत्र की रहने वाली हैं। उनका नाम सोफिया और गुड़िया है। गुड़िया आग से मामूली रूप से झुलसी हैं।
दिन का वक्त होने के कारण सड़क पर ट्रैफिक भी था और आग पूरे शरीर में फैल जाने के कारण दोनों महिलाएं बेचैनी से इधर-उधर दौड़ने लगीं। मौके पर मौजूद एक टीवी रिपोर्टर ने आग लगा चुकी महिलाओं को बचाने में मदद की।
वहीं, राज्य के चर्चित रिटायर्ड आइएएस सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट किया कि जिला प्रशासन से परेशान होकर महिला ने लोकभवन के सामने आत्मदाह करने का प्रयास किया। अब उसके ऊपर आत्मदाह कर मुख्यमंत्री की छवि खराब करने के जुर्म में एफआइआर दर्ज कर दी जाएगी, पर असल गुनहगार पर कार्यवाही नहीं होगी। यही है आज का उत्तरप्रदेश।
पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मां-बेटी द्वारा विधानसभा के सामने आत्मदाह मामले पर योगी सरकार को घेरा है। अखिलेश ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'लखनऊ में लोकभवन के सामने दो महिलाओं द्वारा दबंगों के खिलाफ़ कोई कार्रवाई न होने से हताश होकर आत्मदाह करने की दुःखद ख़बर आयी है। सपा ने लोकभवन इसलिए बनवाया था कि वहां बिना भेदभाव आम जनता अपनी शिकायतों के निवारण के लिए जा सके, लेकिन इस भाजपा सरकार में गरीबों की कोई सुनवाई नहीं।'
मायावती ने शनिवार को ट्वीटर के माध्यम से लिखा, 'जमीन विवाद प्रकरण में अमेठी जिला प्रशासन से न्याय न मिलने पर मां-बेटी को लखनऊ में सीएम कार्यालय के सामने आत्मदाह करने को मजबूर होना पड़ा। यूपी सरकार इस घटना को गंभीरता से ले तथा पीड़ित को न्याय दे व लापरवाह अफसरों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करे ताकि ऐसी घटना पुन: न हों।'
एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'जमीन विवाद को लेकर अमेठी जिला निवासी माँ-बेटी द्वारा कल लखनऊ सीएम कार्यालय के सामने आत्मदाह करने का प्रयास दुःखद, किन्तु राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए अगर उन्हें ऐसा करने के लिए उकसाया गया है तो यह गंभीर आपराधिक मामला है, जिसकी सही जाँच कराकर दोषी को सख्त सजा दी जानी चाहिए।'