मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा मोदी के संसदीय क्षेत्र का गांव रमना और राष्ट्रवाद पर मांगे जा रहे वोट

Written by sabrang india | Published on: May 10, 2019
वाराणसी: 2019 लोकसभा चुनाव अब अपने अंतिम दौर में है। ऐसे में देश की सभी पार्टियां अपने पक्ष में वोट करने के लिए भगवान से लेकर जातिवाद तक के हथियार अपना रहे हैं। 19 अप्रैल को पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मतदान होना है ऐसे में विभिन्न सामाजिक संस्थाएं और सरकार ज्यादा से ज्यादा मतदान करने के लिए लोगों को प्रेरित कर रही है और मौजूदा बीजेपी की सरकार वाली पार्टी राष्ट्रवाद पर वोट करने की अपील कर रही है लेकिन बनारस में ग्रामीण क्षेत्रों का हाल आज भी बुरा है। इससे पहले ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों ने सड़क ना बनने पर रोड नहीं तो वोट नहीं का स्लोगन दिया था।

एशिया के सबसे बड़े भूभाग वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पीछे रमुना गांव इस गांव को वर्ष 2010 में निर्मली करण के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार मिल चुका है। इस गांव के लोग बिजली व्यवस्था से पिछले 2 महीने से पूरी तरह परेशान हैं ग्राम वासियों ने प्रधान के साथ निर्णय लिया है कि अगर हमारे गांव की बिजली व्यवस्था नहीं सुधरी तो 19 अप्रैल को वोट नहीं देंगे। हाथों में तख्तियां लिए इस गांव के लोगों ने कड़ी धूप में बैठे नारे लगाए थे और तख्तियों पर लिखा था 'पावर नहीं तो वोट नहीं' बिजली नहीं तो वोट नहीं। पिछले 2 दिनों से धरने पर बैठे ग्रामीणों से आज बिजली विभाग के अधिकारियों ने सुध ली और समस्या हल करने के लिए उनसे 48 घंटे का समय लिया।

प्रधान पति अमित पटेल का कहना है कि हम लोग पिछले 2 महीने से लो वोल्टेज और पावर कट से परेशान हैं। हमारा गांव बीएचयू के पास मां गंगा किनारे बसा है। हमारे यहां सब्जी की खेती होती है और जिस तरह की गर्मी पड़ रही है अगर सब्जियों को समय पर पानी नहीं मिला तो वह नष्ट हो जाएंगी। हमारी बहुत सी सब्जियां नष्ट हो गई हैं। हमने कई बार अधिकारियों से मुलाकात की लेकिन वह सुन नहीं रहे हैं इसके लिए हम लोग दो दिनों से धरने पर बैठे हैं। आज बिजली विभाग के कुछ अधिकारी हमसे मिले और उन्होंने हमें 24 घंटे का समय मांगा जिस पर हमने उन्हें 48 घंटे का समय दिया। अगर हमारी मांग नहीं पूरी होती है और हमारे गांव में बिजली व्यवस्था ठीक नहीं होगी हम वोट नहीं देंगे हमारा साफ कहना है बिजली नहीं तो वोट नहीं।

बिजली अधिकारी का कहना है कि हम सूचना मिलने पर रमना गांव पहुंचे यहां पर ग्रामीण धरने पर बैठे थे। हमने उनकी समस्या को जाना तो हमें पता चला वहां मुख्य दो रूप समस्या हैं पहला पावर कट और दूसरा लो वोल्टेज। हम जल्दी इन दोनों समस्याओं से ग्रामीणों को निजात दिलाएंगे जिसके लिए उन्होंने हमें 48 घंटे का समय दिया है हम 48 घंटे के अंदर ग्रामीणों की समस्याओं को दूर करेंगे।

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