नफरत फैलाने वाली काजल हिंदुस्तानी के खिलाफ मीरा रोड पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेकर प्राथमिकी दर्ज की

Written by sabrang india | Published on: April 27, 2023
यह प्राथमिकी एक ऐसे भाषण से संबंधित है जिसने स्थानीय लोगों और अन्य नागरिकों के बीच हंगामा खड़ा कर दिया था, और काजल को एक कुख्यात घृणा अपराधी का तमगा मिल गया था


 
काजल शिंगला उर्फ काजल हिंदुस्तानी के खिलाफ 24 अप्रैल को उनके सबसे कटु भाषण के लिए एक और प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसके कारण उन्हें पहले प्रसिद्धि मिली थी। यह भाषण 12 मार्च को हिंदू जन आक्रोश मोर्चा के कार्यक्रम में 1,500 से अधिक लोगों के सामने मुंबई उपनगर के मीरा रोड इलाके में दिया गया था। उन पर धारा 153ए [विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना आदि] और 505(2) [वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या दुर्भावना पैदा करना या बढ़ावा देने के बयान] के तहत मामला दर्ज किया गया है।  
 
इस भाषण में, काजल ने इस्लामोफोबिक टिप्पणी की, जैसे, "मैं देख रही हूं कि हिंदुओं ने मीरा भायंदर को छोड़ दिया है और जिहादियों ने इस क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया है।" उन्होंने इस्लामिक अतिक्रमण के 3 मुख्य कारकों पर प्रकाश डाला: 1. लव जिहाद 2. अवैध मुस्लिम अतिक्रमण और 3. धर्म परिवर्तन। उन्होंने हिंसा न करने के लिए हिंदुओं को नपुंसक भी कहा। उन्होंने अन्य बातों के साथ-साथ 'फादरवाला' और 'चादरवाला' जैसे अपमानजनक शब्दों का भी इस्तेमाल किया।
 
उनके भाषण का कंटेंट विस्तार से यहां पढ़ा जा सकता है।
 

काजल के इस भाषण ने क्षेत्र के शांतिप्रिय निवासियों में लहर पैदा कर दी थी, जिन्होंने '#GetWellSoonGeetaJain' नाम से एक अभियान चलाया था, क्योंकि स्थानीय विधायक गीता जैन ने भी उन कार्यक्रमों में भाग लिया था जहाँ काजल ने स्पीच दी थी। प्रदर्शनकारियों ने नारों और स्थानीय विधायक के पते वाले पोस्टकार्ड छपवाए थे और आम नागरिकों से इसमें अपना नाम और हस्ताक्षर जोड़ने का अनुरोध किया था। नागरिक काजल द्वारा दिए गए अपमानजनक घृणास्पद भाषण के खिलाफ थे। हालाँकि, इस अभियान को पुलिस ने यह कहते हुए बाधित कर दिया कि विरोध में विधायक के नाम का उपयोग नहीं किया जा सकता है। इसका कारण पूछे जाने पर, पुलिस ने कथित तौर पर आयोजकों से कहा कि अगर विधायक के समर्थक आते हैं तो वे किसी भी 'अप्रिय' घटना को होने से नहीं रोक पाएंगे।
 
अगले दिन, CPI (M), AAP और शिवसेना (UBT) सहित नागरिकों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मीरा-भायंदर वसई विरार के पुलिस आयुक्त से एक पत्र के साथ मुलाकात की जिसमें घृणास्पद भाषण देने वालों को सूचीबद्ध किया गया था और उनसे अनुरोध किया गया था काजल व अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें। पुलिस आयुक्त मधुकर पांडे ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया था कि घटना को रिकॉर्ड किया गया था और उन्हें आश्वासन दिया था कि जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
 
ऐसा प्रतीत होता है कि यह प्राथमिकी प्रतिनिधिमंडल की इस बैठक के बाद हुई है क्योंकि यह मीरा-रोड पुलिस द्वारा स्वत: संज्ञान लेकर की गई कार्रवाई है। प्राथमिकी हवलदार रंजीत बांगे ने दर्ज कराई है। प्राथमिकी में कहा गया है कि रैली गोल्डन नेस्ट सर्कल से सालासर सेंट्रल पार्क मैदान तक निकाली गई और वहां करीब 11.30 बजे खत्म हुई। बताया गया है कि इस रैली में विश्व हिंदू परिषद (विहिप), बजरंग दल, आरएसएस, हिंदू जागरण मंच, हिंदू राष्ट्र सेना आदि के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया था।
 
एफआईआर में बताया गया है कि काजल हिंदुस्तानी ने भूमि जिहाद, लव जिहाद, हिंदू धर्म की रक्षा कैसे की जाए, कैसे मुस्लिम पुरुष फिल्मों के माध्यम से हिंदू लड़कियों को बरगलाते हैं और सोशल मीडिया पर ड्रग्स और लव जिहाद के बारे में बताया और हिंदुओं को ऐसी चीजों से कैसे सावधान रहना चाहिए इस बारे में गैर तथ्यों के बात रखी। प्राथमिकी इस भाषण को आपत्तिजनक बताती है और भाषण के कुछ अंशों को भी उद्धृत करती है, जिसमें 'जिहादियों' के आर्थिक बहिष्कार की उनकी पुकार भी शामिल है। प्राथमिकी में कहा गया है कि भाषण का उद्देश्य विभिन्न धर्मों के बीच दुश्मनी, नफरत पैदा करना और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए हानिकारक था।
 
प्राथमिकी की जांच इंस्पेक्टर विजयकुमार चव्हाण कर रहे हैं।

एफआईआर यहां पढ़ी जा सकती है: 




सोमवार को काजल के खिलाफ वाशी पुलिस स्टेशन, नवी मुंबई में 26 फरवरी को आयोजित जन आक्रोश मोर्चा में उनके भाषण के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उन्हें धारा 153 ए (धर्म, जाति, भाषा, आदि के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 बी (राष्ट्रीय एकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले दावे), 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से किए गए कार्य), और 505 (सार्वजनिक शरारत करने वाले बयान)  के आरोप के तहत मामला दर्ज किया गया था।  
 
13 अप्रैल को, गुजरात की एक अदालत ने काजल हिंदुस्तानी को जमानत दे दी थी, जिन्हें 1 अप्रैल को गुजरात के ऊना में रामनवमी समारोह के दौरान कथित तौर पर नफरत फैलाने वाला भाषण देने के आरोप में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। 9 अप्रैल को उसने ऊना पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
 
हालाँकि जमानत के बाद, दो और एफआईआर उनके खिलाफ हैं लेकिन न तो वाशी पुलिस और न ही मीरा रोड पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने की कार्यवाही की है।

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