क्या CAA पर BJP का सपोर्ट कर रहीं ममता, माया और AAP? विपक्षी दलों की बैठक से किया किनारा

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 13, 2020
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों और उसके कारण हो रही हिंसा के मद्देनजर सोमवार को विपक्षी दलों की एक बैठक बुलाई गई है। माना जा रहा है कि इस बैठक के जरिए विपक्ष नागरिकता कानून के खिलाफ अपनी एकजुटता को प्रदर्शित करना चाहता है। हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती इस बैठक में शामिल नहीं होंगी।



मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बसपा विपक्षी दलों की इस बैठक में शायद अपना कोई प्रतिनिधि भी नहीं भेजेगी। इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने भी शामिल नहीं होने की बात कही है। सीएए पर एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए, और नागरिकता (संशोधन) अधिनियम से छात्रों के खिलाफ पुलिस की बर्बरता पर चर्चा करने के लिए आज दोपहर 2 बजे विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गई है। 

कांग्रेस ने सभी समान विचारधारा वाले दलों को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) पर एक संयुक्त रणनीति को औपचारिक बनाने के लिए बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर कांग्रेस ने सभी समान विचारधारा वाले दलों को एक साझा मंच पर आने का निमंत्रण भेजा है।

इस बैठक में मायावती और ममता बनर्जी दोनों शामिल नहीं हो रही हैं। बीएसपी के सूत्रों ने कहा कि पार्टी कांग्रेस से मतभेद के कारण बैठक में अपना प्रतिनिधि नहीं भेज सकती है। जबकि ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पहले ही बैठक से दूर रहने के अपने फैसले की घोषणा कर चुकी है।

बसपा ने इससे पहले भी किया था किनारा
पिछले साल 17 दिसंबर को जब  संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ केंद्रीय विश्वविद्यालयों में हिंसा के मुद्दे पर हस्तक्षेप की मांग करते हुए जब विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से संपर्क किया था तो भी बीएसपी उनके साथ शामिल नहीं हुई थी। हालांकि, बीएसपी के एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने 18 दिसंबर को इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए कोविंद से मुलाकात की थी।

मायावती ने क्या कहा?
मायावती ने ट्वीट कर कहा है,  “जैसाकि विदित है कि राजस्थान कांग्रेसी सरकार को बीएसपी का बाहर से समर्थन दिये जाने पर भी, इन्होंने दूसरी बार वहां बीएसपी के विधायकों को तोड़कर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है जो यह पूर्णतयाः विश्वासघाती है। ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में आज विपक्ष की बुलाई गई बैठक में बीएसपी का शामिल होना, यह राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने वाला होगा। इसलिए बीएसपी इनकी इस बैठक में शामिल नहीं होगी।  वैसे भी बीएसपी सीएए और एनआरसी आदि के विरोध में है। केन्द्र सरकार से पुनः अपील है कि वह इस विभाजनकारी व असंवैधानिक कानून को वापिस ले। साथ ही, जेएनयू व अन्य शिक्षण संस्थानों में भी छात्रों का राजनीतिकरण करना यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण है।”







ममता ने क्यों बनाई दूरी?
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि उनके राज्य में कांग्रेस और वाम पार्टियां गंदी राजनीति कर रही हैं। उन्होंने कहा है कि वह संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी का विरोध अकेले दम पर करेंगी। पश्चिम बंगाल की विधानसभा में ही उन्होंने घोषणा कर दी थी कि वह विश्वविद्यालय परिसरों में हिंसा और नागरिकता कानून के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा 13 जनवरी को बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगी।

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