पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर बेतुका बयान दिया है। हेगड़े ने रविवार 2 जनवरी को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी के द्वारा स्वाधीनता की लड़ाई को ड्रामा करार दिया।
हेगड़े ने कहा कि स्वाधीनता का पूरा संघर्ष ही बनावटी था और इसे ब्रिटिश साम्राज्य का समर्थन हासिल था। उस दौर के तथाकथित बड़े नेताओं ने एक बार भी पुलिस से मार नहीं खाई थी। उनका स्वाधीनता आंदोलन ड्रामा था। इन बड़े नेताओं ने अंग्रेजों की इजाजत के बाद यह ड्रामा किया। यह कोई असल लड़ाई नहीं थी, यह संघर्ष दिखावटी था।
भाजपा सांसद ने आगे कहा, ‘जो लोग कांग्रेस का समर्थन करते हैं, वे यही कहते हैं कि भारत को आजादी भूख हड़ताल और सत्याग्रह से मिली। यह सच नहीं है। अंग्रेजों ने देश को सत्याग्रह की वजह से नहीं छोड़ा। उन्होंने हमें निराशा और हार की वजह से आजादी दी। जब मैं इतिहास पढ़ता हूं, तो मेरा खून खौलता है। ऐसे लोग हमारे देश में महात्मा बन जाते हैं।’
वहीं हेगड़े के इस बयान के बाद भाजपा ने भी उनसे किनारा करना शुरू कर दिया है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि अगर यह किसी का व्यक्तिगत विचार है तो इसको पार्टी देखेगी, ये विचार भाजपा है ही नहीं, अगर उनसे ऐसी गलती हुई है तो पार्टी उसका संज्ञान लेगी।
ये पहली बार नहीं जब अनंत कुमार हेगड़े ने कोई विवादित बयान दिया हो। इससे पहले साल 2014 से 2019 तक जब वह मोदी सरकार-I में कौशल विकास मंत्री रहे। तब साल 2017 में उन्होंने कहा था कि भाजपा उस संविधान को बदल देगी जिसमें धर्मनिरपेक्ष शब्द लिखा है।
अनंत कुमार हेगड़े ने कहा था कि धर्मनिरपेक्ष वो होते हैं जिन्हें अपने मां—बाप के खून का पता नहीं होता। इसलिए मेरा प्रस्ताव है कि संविधान में धर्मनिरपेक्षता की प्रस्तावना को बदल दिया जाना चाहिए।
उन्होंने रविवार को ही ट्वीट किया कि बेंगलुरु को हिंदुत्व की राजधानी बन जाना चाहिए और भारत को हिंदुत्व की राजधानी बन जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि मैं यह कहने से कभी नहीं कतराऊंगा। मुझे इसकी कोई परवाह नहीं।
हेगड़े ने कहा कि स्वाधीनता का पूरा संघर्ष ही बनावटी था और इसे ब्रिटिश साम्राज्य का समर्थन हासिल था। उस दौर के तथाकथित बड़े नेताओं ने एक बार भी पुलिस से मार नहीं खाई थी। उनका स्वाधीनता आंदोलन ड्रामा था। इन बड़े नेताओं ने अंग्रेजों की इजाजत के बाद यह ड्रामा किया। यह कोई असल लड़ाई नहीं थी, यह संघर्ष दिखावटी था।
भाजपा सांसद ने आगे कहा, ‘जो लोग कांग्रेस का समर्थन करते हैं, वे यही कहते हैं कि भारत को आजादी भूख हड़ताल और सत्याग्रह से मिली। यह सच नहीं है। अंग्रेजों ने देश को सत्याग्रह की वजह से नहीं छोड़ा। उन्होंने हमें निराशा और हार की वजह से आजादी दी। जब मैं इतिहास पढ़ता हूं, तो मेरा खून खौलता है। ऐसे लोग हमारे देश में महात्मा बन जाते हैं।’
वहीं हेगड़े के इस बयान के बाद भाजपा ने भी उनसे किनारा करना शुरू कर दिया है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि अगर यह किसी का व्यक्तिगत विचार है तो इसको पार्टी देखेगी, ये विचार भाजपा है ही नहीं, अगर उनसे ऐसी गलती हुई है तो पार्टी उसका संज्ञान लेगी।
ये पहली बार नहीं जब अनंत कुमार हेगड़े ने कोई विवादित बयान दिया हो। इससे पहले साल 2014 से 2019 तक जब वह मोदी सरकार-I में कौशल विकास मंत्री रहे। तब साल 2017 में उन्होंने कहा था कि भाजपा उस संविधान को बदल देगी जिसमें धर्मनिरपेक्ष शब्द लिखा है।
अनंत कुमार हेगड़े ने कहा था कि धर्मनिरपेक्ष वो होते हैं जिन्हें अपने मां—बाप के खून का पता नहीं होता। इसलिए मेरा प्रस्ताव है कि संविधान में धर्मनिरपेक्षता की प्रस्तावना को बदल दिया जाना चाहिए।
उन्होंने रविवार को ही ट्वीट किया कि बेंगलुरु को हिंदुत्व की राजधानी बन जाना चाहिए और भारत को हिंदुत्व की राजधानी बन जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि मैं यह कहने से कभी नहीं कतराऊंगा। मुझे इसकी कोई परवाह नहीं।