मध्यप्रदेश में अब सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर विरोध-प्रदर्शन करते हुए शिवराज सरकार की मुश्किलें बढ़ाने लगे हैं।
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स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर सोमवार को इंदौर के प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल एमवाय अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर अस्पताल के बाहर अलग ओपीडी लगाई।
पत्रिका की खबर के अनुसार जूनियर डॉक्टरों की एसोसिएशन का कहना है कि जूडा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को स्टाइपेंड बढ़ाने के लिए ज्ञापन दे चुका है, लेकिन सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया है, इस वजह से वे विरोध-प्रदर्शन करने पर मजबूर हुए हैं।
जूडा का कहना है कि अन्य राज्यों के मेडिकल कॉलेजों में मध्यप्रदेश की तुलना में ज्यादा स्टाइपेंड मिलता है, जबकि जूनियर डॉक्टर ओपीडी और इमरजेंसी समेत सभी ड्यूटी करते हैं।
जूडा ने बताया कि पूरे प्रदेश में एक साथ ये आंदोलन किया गया है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपनी माँगों के बारे में याद दिलाया गया है।
एमवाय अस्पाल के प्रबंधन के सामने जूनियर डॉक्टरों ने कुछ और मांगें भी रखी हैं, जिनमें सबसे मुख्य ड्यूटी रूमों की संख्या बढ़ाने की है। जूनियर डॉक्टर लंबे समय से ड्यूटी रूम बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रबंधन उनकी मांग पर ध्यान नहीं दे रहा है। इन जूनियर डॉक्टरों को सर्जरी में ही 4 रूम दिए गए हैं जिससे उन्हें दिक्कत होती है।
जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि वो अपनी परेशानी के बदले मरीज़ों को परेशान करना नहीं चाहते, इसलिए काम बंद करने के बजाय, उन्होंने अलग से ओपीडी लगाई है।