लखीमपुर: दो आरोपी हिरासत में, घटनास्थल से मिले खाली कारतूस, मंत्री के बेटे को समन, सिद्धू नजरबंद

Written by Navnish Kumar | Published on: October 7, 2021
लखीमपुर हिंसा मामले में कांग्रेस के सरकार पर हमले जारी हैं। गुरुवार को प्रियंका गांधी बहराइच में मृतक किसान के घर गईं तो पंजाब प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू सैकड़ों वाहनों के काफिले के साथ लखीमपुर खीरी जाने के लिए निकले। हालांकि सिद्धू को सहारनपुर में यूपी हरियाणा बॉर्डर पर हिरासत में ले लिया गया। उनके साथ कई विधायक भी हैं। सभी को हिरासत में लेकर सरसावा थाने में रखा गया है और आगे न जाने के लिए मनाने की कोशिश हो रही है।



रोकने से नाराज पंजाब कांग्रेस वर्कर्स ने बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की लेकिन भारी तादाद में पुलिस की तैनाती की गई है। खास है कि सिद्धू ने चेतावनी दी थी कि यदि लखीमपुर में किसानों की हत्या मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो कांग्रेस की पंजाब इकाई, लखीमपुर खीरी के लिए कूच करेगी। उधर, लखीमपुर मामले में पुलिस ने गृह राज्यमंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को पूछताछ के लिए समन भेजा है। यही नहीं, घटना में आरोपी आशीष पांडे व लवकुश को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है। साथ ही घटनास्थल से पुलिस को खाली कारतूस के रूप में अहम सुराग मिले हैं जिससे मामले के और गर्माने के आसार हैं। 

नवजोत सिंह सिद्धू का कहना था कि या तो उन्हें लखीमपुर जाने की इजाजत दी जाए या फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाए। सिद्धू ने रोके जाने पर भाजपा पर बड़े हमले करते हुए कहा कि 54 घंटे बाद किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। इससे सब समझ आता है कि राज्य सरकार की मंशा क्या है। सिद्धू ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार मानवाधिकारों का हनन कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र के नक्शे कदम पर ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार है, बिना किसी कारण के प्रियंका गांधी को गिरफ्तार किया गया और किसी भी कोर्ट में पेश नहीं किया गया। उन्होंने यूपी सरकार को खुली चुनौती देते हुए कहा था कि जब तक केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के बेटे को गिरफ्तार नहीं किया गया तो वे लखीमपुर के लिए मार्च निकलेंगे।


उधर पुलिस का कहना है कि वहां के हालात अभी भी सामान्य नहीं है। ऐसे भी उत्तर प्रदेश शासन की ओर से सिर्फ 5 नेताओं को यूपी में प्रवेश की इजाजत दी है। जबकि सिद्धू के साथ पूरा काफिला आगे बढ़ रहा था।

यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। कांग्रेस, सपा, बसपा और आप आदि राजनीतिक दल (विपक्ष) हर तरह से सरकार को घेरने को कोशिश कर रहा है। गुरुवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखीमपुर पहुंच कर पीड़ितों का हाल जाना। वहीं बसपा नेता सतीश मिश्रा भी पीड़ितों से मिले। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी मौके पर डटी हैं और राजनीतिक रूप से इस मुद्दे ने यूपी में कांग्रेस को काफी एक्टिव कर दिया है। 2017 में जब प्रियंका गांधी को पश्चिमी यूपी का प्रभारी बनाया गया था, उसके बाद से ये कहा जा रहा था कि कांग्रेस यूपी में मजबूत होगी, लेकिन ऐसा पहली बार 2021 में आकर हुआ है, जब किसी मुद्दे के साथ सबसे ज्यादा चर्चा प्रियंका गांधी की हो रही है। महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी से लेकर कश्मीर में महबूबा मुफ्ती तक ने प्रियंका के स्टैंड की तारीफ की है।

उधर, लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गुरुवार को आरोपी आशीष पांडे और लव कुश को हिरासत में लिया गया है। दोनों से पूछताछ की जा रही है। खास है कि इस घटना में आशीष पांडे व लव कुश भी शामिल थे और दोनों घायल भी हुए थे। दोनों से आईजी रेंज पूछताछ कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस को घटनास्थल से खाली कारतूस भी मिले हैं जिनकी फॉरेंसिक जांच की जाएगी। यही नहीं, लखीमपुर में किसानों पर कार चढ़ाने के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के आरोपी बेटे आशीष मिश्रा को पुलिस ने पूछताछ के लिए समन जारी किया है। यूपी पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर में आशीष मिश्रा को हत्‍या और लापरवाही का आरोपी बनाया गया है।

खास है कि लखीमपुर खीरी की घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट के सख्त रुख से यूपी पुलिस की सक्रियता बढ़ती नजर आई है। पुलिस ने आशीष पांडे और लव कुश नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों पर उस गाड़ी में मौजूद रहने का आरोप है जो जीप थार के पीछे-पीछे चल रही थी। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें नजर आ रहा है कि जीप थार कुछ लोगों को रौंदते हुए आगे बढ़ रही है। इस मामले के सामने आने के बाद सियासत के साथ ही बीजेपी सांसद के बेटे की गिरफ्तारी की मांग तेज हो गई है। 

इससे पहले प्रियंका गांधी ने गुरुवार को कहा लखीमपुर के दोषियों को अभी तक न्याय नहीं मिला। मिलेगा भी कैसे अगर वे गृहराज्य मंत्री रहेंगे। ये सब उनके अंडर आता है न। जब तक वे बर्खास्त नहीं होंगे निष्पक्ष जांच कौन करेगा? मृतक परिवारों ने एक ही बात कही कि मुआवजे से मतलब नहीं है, हमें न्याय चाहिए। प्रियंका ने आगे कहा, 'इसके लिए मैं लडूंगी। जब तक ये मंत्री बर्खास्त नहीं होंगे, ये लड़का गिरफ्तार नहीं होगा तब तक मैं बिल्कुल अडिग रहूंगी क्योंकि मैंने उन परिवारों को वचन दिया है। सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज के अंडर जांच होनी चाहिए। कहा- मंत्री नैतिक आधार पर इस्तीफा दें।

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