लखीमपुर: किसानों की दो टूक- मंत्री की बर्खास्तगी, मंत्री पुत्र की गिरफ्तारी और मृतकों को 1-1 करोड़ मुआवजा

Written by Navnish Kumar | Published on: October 4, 2021
कृषि कानूनों व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की टिप्पणी का विरोध कर रहे किसानों को रौंदे जाने में आठ लोगों की मौत के बाद उत्तर प्रदेश में बवाल मचा हुआ है। केंद्रीय मंत्री और उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य के दौरे को रोकने के लिए एकत्रित हुए किसानों ने कहा कि कार द्वारा प्रदर्शनकारियों को कुचलने के बाद हिंसा शुरू हुई। इस पर लखीमपुर खीरी पहुंचे भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत व अन्य किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि केंद्रीय राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के बेटे ने किसानों को गोली मारी है।



भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक का दावा है कि उन्होंने एक घायल युवा को स्वस्थ रूप से पुलिस प्रशासन को सौंपा था लेकिन बाद में उसका शव बरामद हुआ है। इसके बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस करके दो टूक कहा है कि मांगें माने जाने के बाद ही मृतक किसानों का अंतिम संस्कार किया जाएगा। उधर, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को लखीमपुर जाते हुए पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनके साथ दीपेंद्र हुड्डा भी हैं। आरोप है प्रियंका के साथ अभद्रता की गई। उन्हें सीतापुर ले जाया गया जहां कांग्रेसी उन्हें रिहा किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रशासन ने 8 किसानों की मौत को लेकर केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ हत्‍या, आपराधिक साजिश और बलवा सहित कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। 

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत भी रात में ही पीलीभीत के पूरनपुर पहुंच गए थे। उनके साथ पुलिस का एक बड़ा लश्कर भी दिख रहा है। पूरनपुर से आयी तस्वीर में उन्हें भारी किसानों के साथ बैठे देखा जा सकता है। लखीमपुर के बनबीरपुर गांव में राकेश टिकैत ने संवाददाताओं से कहा कि हम पहले किसानों और ग्रामीणों से मिलेंगे और उनके साथ स्थिति पर चर्चा करेंगे। ग्रामीणों और किसानों से चर्चा के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उनका फैसला मान्य होगा। इसके बाद उन्होंने प्रशासन के सामने तीन मांग रखीं। पहली केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्रा को मंत्री पद से बर्ख़ास्त किया जाए। दूसरी मांग केंद्रीय मंत्री के पुत्र को गिरफ़्तार करने की है। तीसरी मांग मारे गए लोगों के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपये का मुआवजा तथा सरकारी नौकरी दी जाए। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि कमेटी ने फ़ैसला लिया है कि जब तक मांगें नहीं मानी जाएंगी तब तक मारे गए लोगों के शवों को लखीमपुर खीरी से नहीं उठाया जाएगा। दूसरी ओर उन्होंने कहा कि हर ज़िला मुख्यालय पर किसान प्रदर्शन के लिए तैयार हैं। मांगें नहीं मानी गईं तो बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होंगे। 

उधर लखीमपुर खीरी में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने जा रहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को सीतापुर में हिरासत में लिया गया है। इससे पहले उनके साथ धक्का-मुक्की हुई। कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि प्रियंका गांधी को हिरासत में लिए जाते समय पुरुष पुलिस अधिकारी ने उन पर हाथ उठाया है। वीडियो फ़ुटेज में हुड्डा को कहते सुना जा सकता है कि उन्होंने प्रियंका गांधी पर हाथ कैसे उठाया। यूपी पुलिस के अधिकारी जब प्रियंका गांधी को हिरासत में ले रहे थे तब उनकी उनसे ख़ासी बहस भी हुई। प्रियंका गांधी ने कहा कि उनकी गिरफ़्तारी का वॉरंट दिखाया जाए और वो सिर्फ़ दो लोग लखीमपुर जा रहे हैं और उनके साथ कोई भीड़ भी नहीं है। कहा कि उनको अगर ज़बरदस्ती हिरासत में लिया तो वो किडनैपिंग का चार्ज लगवाएंगी। 

राज्य के कांग्रेस प्रमुख अजय कुमार लल्लू ने मीडिया से कहा है कि ‘प्रियंका गांधीजी को गिरफ़्तार किया गया है, क्या किसी के दुख में शामिल होना अपराध है। इसके पहले प्रियंका गांधी जब दिल्ली से लखनऊ पहुंची तो उन्हें लखनऊ स्थिति उनके घर में प्रशासन ने नजरबंद कर दिया था। उसके बाद प्रियंका गांधी पुलिस को झांसा देते हुए अपने मकान से निकल गयी थीं और फिर वह एक गाड़ी पर सवार होकर लखीमपुर के लिए रवाना हो गयी थीं। लेकिन तभी पुलिस को पता चल गया कि वह घर से निकल चुकी हैं लिहाजा पुलिस ने नाकेबंदी कर दी और उन्हें लखनऊ से बाहर नाके पर रोक दिया गया। लेकिन यहां एक बार फिर प्रियंका गांधी पूरे पुलिस अमले को झांसा देने में कामयाब रहीं और वह एक दूसरी गाड़ी में सवार होकर लखीमपुर के लिए चल दीं। रात तकरीबन डेढ़ बजे तक वह रास्ते में थीं। इस दौरान वह किसानों के पक्ष में और वहां जाने को लेकर अपनी जरूरत से संबंधित कई वीडियो भी जारी करती रहीं। जिसमें उन्होंने बीजेपी और योगी पर लोकतंत्र को हड़पे जाने और अपनी तानाशाही स्थापित करने का आरोप लगा रही थीं। उन्होंने कहा कि यह देश किसानों का है और उन्हीं के देश में उनकी हत्या की जा रही है। और यह सब कुछ सरकार और उसमें शामिल लोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह चुप बैठने वाली नहीं हैं। इस समय जब पीड़ितों को उनकी जरूरत है तो वह उनसे मिलकर ही रहेंगी और ऐसा करने से उन्हें कोई नहीं रोक सकता है।

वरुण गांधी का CM योगी को पत्र  
लखीमपुर खीरी घटना के बाद बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। इस पत्र में किसानों को हक दिलाने और मामला CBI को सौंपने की गुजारिश की है। पत्र में कहा गया है कि संलिप्त संदिग्धों को तत्काल चिन्हित कर आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। 
 
समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लखीमपुर खीरी जाने के लिए लखनऊ स्थित घर से निकले तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद सपा सुप्रीमो पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर ही बैठ गए। इस दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। अखिलेश यादव के घर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

वहीं बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्र ने कहा है कि उन्हें लखीमपुर खीरी जाने से प्रशासन ने रोक दिया है। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को भी देर रात लखीमपुर खीरी जाने से रोक दिया गया है। लखीमपुर में हुई घटना के विरोध में आज कई नेता खीरी पहुंचेंगे। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लखीमपुर जाने का फैसला किया है। पंजाब के डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा और हाल ही में यूपी के ऑबजर्वर बनाए गए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी लखीमपुर का दौरा करना चाहते हैं। लेकिन, स्थानीय प्रशासन ने उन्हें इसकी अनुमित नहीं दी है। उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने लखनऊ एयरपोर्ट से छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और पंजाब के डिप्टी सीएम सुखजिंदर एस रंधावा को एयरपोर्ट पर उतरने की अनुमति नहीं देने के लिए कहा है। 



चरणजीत सिंह चन्नी ने ट्विटर पर बताया कि उत्तर प्रदेश में किसानों के साथ जो वहशी व्यवहार हुआ वह अक्षम्य है। मैं किसान हूं। किसान का दर्द समझता हूं। इन कठिन परिस्थितियों में उनके साथ खड़े होने के लिए लखीमपुर जाउंगा। राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी भी सोमवार को लखीमपुर खीरी पहुंच रहे हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि किसान का खून बहाया गया है। सोमवार घटनास्थल पर पहुंचूंगा। टीएमसी भी अपना प्रतिनिधिमंडल खीरी भेजेगी।

देशभर में ज़िला मुख्यालयों पर होगा प्रदर्शन 
भाकियू ने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा पर चर्चा के लिए यहां रविवार को तत्काल एक पंचायत बुलाई और सोमवार को देश भर के हर जिले में विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया। भाकियू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि यह फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत की अध्यक्षता में सिसौली गांव में हुई पंचायत में लिया गया। मलिक ने कहा यह तय किया गया है कि किसानों के समूह हर जिले में जिला प्रशासन के कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन करेंगे। पंचायत के दौरान, भाकियू ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा लिए गए निर्णय पर टिके रहने का भी संकल्प लिया, जो नवंबर 2020 से केंद्र के विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध का नेतृत्व कर रहा है।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हिंसक झड़प के दौरान किसानों की मौत को लेकर केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ हत्‍या, आपराधिक साजिश और बलवा सहित कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। लखीमपुर के तिकुनिया थाने में उनके खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश, दुर्घटना और बलवा की धाराओं 302, 120B और 147, 148 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। यह एफआईआर बहराइच नानपारा के जगजीत सिंह की तहरीर पर दर्ज की गई है। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से कहा कि लखीमपुर की घटना में सरकार ने अपना अमानवीय चेहरा दर्शा दिया है। जब सरकार किसान आंदोलन को नहीं कुचल पाई तो अब सरकार ने किसानों को ही गाड़ी के नीचे कुचलना शुरू कर दिया। सरकार ने यह सब करके अपने ताबूत में आखिरी कील ठोक दी है। टिकैत ने कहा कि सड़क दुर्घटना में हल्की धाराएं लगती हैं, इसलिए किसानों को जानबूझकर कार से रौंदा गया। उन्होंने कहा कि मंत्री-नेताओं की गाड़ी में गुंडे घूमते हैं। पूरे प्रकरण की निष्पक्ष व उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। किसानों को जानबूझ कर रौंदा गया है, इसलिए आरोपियों के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज की जाए।

योगी बोले दोषियों को बख्शेंगे नहीं
सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने का भी आग्रह किया। वहीं केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र ने कहा कि आंदोलन में शामिल अराजक तत्वों से हिंसक झड़प में चालक व तीन कार्यकर्ताओं की मौत हुई है। मेरा बेटा गाड़ी में नहीं था। कार्यकर्ता उपमुख्यमंत्री के स्वागत के लिए जा रहे थे। दूसरी ओर, विपक्षी नेताओं ने लगभग एक सुर घटना के सरकार और उसके दंभ को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पूर्व सीएम अखिलेश यादव, प्रियंका वाड्रा, आप नेता संजय सिंह, रालोद के जयंत चौधरी, राजद के तेजस्वी यादव व टीएमसी की ममता बैनर्जी आदि नेताओं ने घटना के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यूपी दंभी सरकार नहीं सहेगा।

विवाद की जड़ में मंत्री का बयान- सुधर जाओ वरना सुधार देंगे!
विवाद की जड़ में केंद्रीय मंत्री के बयान 'सुधर जाओ वरना सुधार देंगे' को माना जा रहा है। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र को 25 सितंबर को लखीमपुर जाते समय किसानों ने काले झंडे दिखाए थे। मिश्र इससे खफा हो गए। उन्होंने जनसभा में कहा कि अगर हम कार से उतर जाते तो उन्हें भागने का रास्ता नहीं मिलता। कृषि कानून के खिलाफ केवल 10-15 लोग शोर मचा रहे हैं। सुधर जाओ, वरना हम सुधार देंगे, दो मिनट लगेंगे। किसान एक सप्ताह से इस टिप्पणी का विरोध कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे को रोकने के लिए एकत्रित हुए थे। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य रविवार को मिश्र के गांव बनवीरपुर में विकास योजनाओं का शिलान्यास करने पहुंचे थे। उनका हेलिकॉप्टर न उतरे इसलिए किसानों ने हेलीपैड कब्जा लिया। इस कारण मौर्य सड़क मार्ग से खीरी पहुंचे। दोपहर 12 बजे शिलान्यास हुआ। इसके बाद मौर्य को दंगल का उद्घाटन करना था। रास्ते में तिकुनिया में किसान बड़ी संख्या जमा थे, तो मौर्य का रूट बदल दिया गया। यहीं पर मंत्री के बेटे और किसानों में विवाद शुरू हुआ। 

किसानों ने कहा कि लखीमपुर खीरी जिले में उनकी कार द्वारा प्रदर्शनकारियों को कुचलने के बाद हिंसा शुरू हुई। वहां की तस्वीरों में लोग आगजनी और वाहनों को आग लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता डॉ दर्शन पाल, चढूनी व योगेंद्र यादव आदि ने कहा कि "किसानों ने मंत्रियों के आगमन को रोकने के लिए हेलीपैड का घेराव करने की योजना बनाई थी। एक बार यह समाप्त हो गया और अधिकांश लोग वापस जा रहे थे, तीन कारें आईं और किसानों को कुचल दिया। एक किसान की मौके पर ही मौत हो गई और दूसरे की अस्पताल में। किसान नेताओं का आरोप है कि मंत्री का बेटा कार में था जिससे गुरुविंदर सिंह (22), दलजीत सिंह (24), लवप्रीत सिंह (25) और नक्षत्र सिंह की मौत हो गई। इसके बाद किसानों ने काफिले पर धावा बोल दिया और गाड़ियों में आग लगा दी। 

हालांकि केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने इस बात से इनकार किया है कि उनके बेटे का संबंध हिंसा से था। गृह राज्यमंत्री मिश्रा ने कहा कि मेरा बेटा मौके पर मौजूद नहीं था। कुछ बदमाशों ने कार्यकर्ताओं पर लाठियों और तलवारों से हमला किया। अगर मेरा बेटा वहां होता, तो वह जिंदा नहीं निकलता। उन्होंने कहा, मेरा बेटा (उप मुख्यमंत्री के) कार्यक्रम स्थल पर मौजूद था। पूरे समय मैं उप मुख्यमंत्री के साथ था। मंत्री ने कहा कि किसानों का एक वर्ग विरोध प्रदर्शन कर रहा है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने उनके हवाले से कहा, "उन्होंने काले झंडे दिखाए और कार पर पथराव किया, जिससे वह पलट गई। दो किसान कार के नीचे आ गए और उनकी मौत हो गई। कुछ लोगों ने बीजेपी के तीन कार्यकर्ताओं और कार चालक की पीट-पीटकर हत्या कर दी।

उधर मांगों पर किसानों व प्रशासन के बीच बैठक चल रही है। बैठक में किसान नेता राकेश टिकैत समेत 12 लोग व लखीमपुर के डीएम एसएसपी मौजूद हैं। किसानों ने साफ किया है कि आशीष मिश्र उर्फ मोनू की गिरफ्तारी की शर्त पूरी होने तक अंतिम संस्कार नहीं होने देंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि जिले में इंटरनेट की सेवाएं बहाल होनी चाहिए, जो भी नेता यहां आ रहे हैं, उनको रोका न जाए, कहा काले झंडे दिखाना हमारा मौलिक अधिकार, ऐसी घटनाएं सरकार पर सवाल उठाती है। 

किसानों के साथ हुई बैठक पर लखीमपुर ज़िलाधिकारी अरविंद चौरसिया ने बताया कि चर्चा चल रही है। मांग पत्र प्राप्त हुआ है। किसानों की गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त करने, एफआईआर दर्ज़ करने और मृतकों को एक-एक करोड़ मुआवज़ा और सरकारी नौकरी देने तथा पूरे घटनाक्रम की न्यायिक जांच कराने की मांग की है। 

अन्नदाताओं ने लिखा राष्ट्रपति को पत्र
इस घटना को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है। पत्र इस प्रकार है-

माननीय राष्ट्रपति जी, 
हम हैं देश के नागरिक, देश के अन्नदाता, हमारी सुनो। 

कल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश) में किसानों को रौंदकर दिनदहाड़े उनकी बर्बर हत्या करने की घटना से पूरा देश क्षुब्ध है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र "टेनी" के बेटे और उसके गुंडे साथियों ने जिस बेखौफ तरीके से यह कातिलाना हमला किया वह उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार की एक गहरी साजिश दिखाता है। अजय मिश्रा पहले ही किसानों के खिलाफ भड़काऊ और अपमानजनक भाषण देकर इस हमले की भूमिका बना चुके थे। यह संयोग नहीं कि उसी दिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सार्वजनिक तौर पर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को किसानों के खिलाफ लट्ठ उठाने और हिंसा करने के लिए उकसा रहे हैं।

इस घटना से यह साफ हो जाता है कि संवैधानिक पदों पर बैठे यह व्यक्ति अपने पद का उपयोग शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे अन्नदाता के विरुद्ध सुनियोजित हिंसा के लिए कह रहे हैं। यह कानून, संविधान और देश के प्रति अपराध है। इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा के फैसले के मुताबिक हम आपसे मांग करते हैं कि: 

1. केंद्रीय राज्य गृह मंत्री अजय मिश्र टेनी को तुरंत अपने पद से बर्खास्त किया जाए और उनके विरुद्ध हिंसा उकसाने और सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने का मुकदमा दायर किया जाए।
2. मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा "मोनू" और उसके साथी गुंडों पर तुरंत 302 (हत्या) का मुकदमा दर्ज हो और उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाए।
3. इस वारदात की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक एसआईटी द्वारा की जाये।
4. संवैधानिक पद पर रहते हुए हिंसा के लिए उकसाने के दोषी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को उनके पद से बर्खास्त किया जाए।

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