यूपी: लखीमपुर खीरी में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को गृह राज्यमंत्री के बेटे के काफिले ने रौंदा, 8 की मौत !

Written by Navnish Kumar | Published on: October 3, 2021
यूपी के लखीमपुर खीरी में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को रौंद डाला गया जिसमें 8 की मौत होने की खबर है। गृह राज्य मंत्री के बेटे पर आरोप है। आरोप है कि तिकुनिया के बनवीर गांव में धरना दे रहे किसानों पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र ने कथित तौर पर कार चढ़ा दी। इसमें 8 किसानों की मौत हो गई है और कई घायल बताए जा रहे हैं। दो मृतक किसान बहराइच के हैं।


मामले की गंभीरता को देखते हुए बताया जा रहा है कि मृतकों का आंकड़ा बढ़ भी सकता है। इसके बाद उग्र किसानों ने हंगामा शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि किसानों ने आशीष की गाड़ी में तोड़फोड़ कर उसे आग के हवाले कर दिया। किसानों की पिटाई में आशीष के ड्राइवर की मौत हो गई है, जबकि सांसद पुत्र गन्ने के खेतों से होते हुए जान बचाकर भाग गए। मौके पर कई थानों की फोर्स तैनात है तो एडीजी लॉ एंड ऑर्डर भी लखीमपुर पहुंच रहे हैं। मामले को लेकर किसानों में भारी रोष है तो राजनीति भी गरमा उठी है। कांग्रेस ने कहा कि आज हिंदुस्तान की आत्मा को रौंदा गया है। किसानों को सरकार ने अपने अभिमान के नीचे रौंदा। प्रियंका गांधी व रालोद के जयंत चौधरी ने लखीमपुर जाने का ऐलान किया है।

मामला रविवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के गांव बनवीर में कई योजनाओं के शिलान्यास का कार्यक्रम का था। इसमें बतौर मुख्य अतिथि उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य शामिल हुए। बताया जा रहा है केशव मौर्य का हेलीकॉप्टर जिस हेलीपैड पर उतरना था, वहां सुबह से ही किसानों ने काले झंडे लेकर धरना शुरू कर दिया। काफी मनाने के बावजूद नहीं हट रहे थे। आरोप है कि इसी बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे ने धरने पर बैठे किसानों पर कार चढ़ा दी। इसमें 8 किसानों की मौत और कई किसान घायल हो गए।

हादसे के बाद हंगामे में तीन गाड़ियों में आग लगा दी गई। जिला प्रशासन ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। भारी बवाल के बाद फोर्स मौके पर मौजूद है। इस बारे में अभी तक कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

मामले में लखीमपुर के सांसद व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी का कुछ दिनों पहले मंच से किसानों को लेकर दिया गया बयान भी खूब वायरल हो रहा है। बयान में सांसद कह रहे हैं कि जो किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, अगर मैं पहुंच गया होता तो भागने का रास्ता नहीं मिलता। वह कहते हैं कि लोग जानते हैं कि विधायक, सांसद बनने से पहले मैं क्या था। जिस चुनौती को स्वीकार कर लेता हूं, उसे पूरा करके ही दम लेता हूं। सुधर जाओ...नहीं तो 2 मिनट का वक्त लगेगा। जो कुछ लोग अंधेरे में प्रदर्शन कर रहे हैं, वे मुझसे मदद मांगा करते थे। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के इसी बयान के बाद से किसानों के द्वारा उनका विरोध हो रहा था। रविवार को 8 किसानों को रौंद देने की घटना के बाद, गृह राज्यमंत्री का बयान फिर से वॉयरल हो रहा है।  

लखीमपुर के ज़िलाधिकारी डॉ अरविंद चौरसिया ने बीबीसी से वार्ता में इसकी पुष्टि की है। बीबीसी के सहयोगी पत्रकार समीरात्मज मिश्र के मुताबिक दो लोगों की गाड़ी से कुचलकर और तीन लोगों की गाड़ी पलटने से मौत हो गई। लखीमपुर खीरी में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का परियोजनाओं के लोकार्पण करने का कार्यक्रम था, उसके बाद गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के पैतृक गांव में एक कार्यक्रम में उनको शामिल होना था। ये जानकारी मिलने पर किसान नेता डिप्टी सीएम को काले झंडे दिखाने को लेकर इकट्ठा हुए थे। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया गया। हादसे के बाद हंगामे में तीन गाड़ियों में आग लगा दी गई। भारी बवाल के बाद फोर्स मौके पर मौजूद है। हालांकि बाद में डीएम ने 6 लोगों के मरने की पुष्टि की है। 

टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के गांव बनवीर में रविवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद पहुंचने वाले थे। किसानों ने गांव के मैदान में बने हेलिपैड पर कब्जा जमा लिया था। किसान मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रहे थे। तिकुनिया में किसान उप मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने के लिए खड़े हुए थे। संयुक्त किसान मोर्चा का आरोप है कि लखीमपुर खीरी के सांसद और गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष ने कथित तौर पर किसानों पर कार चढ़ा दी। कार चालक ने किसानों पर पीछे से गाड़ी चढ़ाई। जिसमें किसानों की मौत हो गई। वहीं कार्यक्रम स्थल पर जा रहे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का काफिला वापस हो गया है। उधर, बीकेयू ने दावा किया है कि किसान मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रहे थे। हादसे के बाद हंगामा शुरू हो गया है। मौके पर तीन गाड़ियों में आग लगा दी गई है। किसान संगठन का कहना है कि राकेश टिकैत भी गाजीपुर से लखीमपुर खीरी के लिए निकल रहे हैं। इलाके में हालात बिगड़ने के बाद योगी सरकार ने एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार को लखीमपुर खीरी भेजा है।

मामले में राजनीति भी गरमा उठी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया है कि "जो इस अमानवीय नरसंहार को देखकर भी चुप है, वो पहले ही मर चुका है।"लेकिन हम इस बलिदान को बेकार नहीं होने देंगे- किसान सत्याग्रह ज़िंदाबाद!

मामले पर यूपी के पूर्व सीएम व सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा है। कृषि कानूनों का शांतिपूर्ण विरोध कर रहे किसानों को भाजपा सरकार के गृह राज्यमंत्री के पुत्र द्वारा, गाड़ी से रौंदना घोर अमानवीय और क्रूर कृत्य है। उप्र दंभी भाजपाइयों का ज़ुल्म अब और नहीं सहेगा। यही हाल रहा तो उप्र में भाजपा के लोग न तो गाड़ियों से चल पाएंगे न ही उतर पाएंगे।

जयंत चौधरी ने भी ट्वीट कर लिखा है, लखीमपुर खीरी से दिल दहलाने वाली खबरें आ रहीं हैं! केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का काफिला आंदोलनकारी किसानों पर चढ़ा दिया गया! 2 किसानों की मौत हो गई और कई घायल हैं। विरोध को कुचलने का काला कृत्य जो किया है, साजिश जब गृह मंत्री रच रहे हैं, फिर कौन सुरक्षित है।

प्रियंका गांधी ने कहा कि भाजपा देश के किसानों से कितनी नफ़रत करती है? उन्हें जीने का हक नहीं है? यदि वे आवाज उठाएँगे तो उन्हें गोली मार दोगे, गाड़ी चढ़ाकर रौंद दोगे? बहुत हो चुका। ये किसानों का देश है, भाजपा की क्रूर विचारधारा की जागीर नहीं है। किसान सत्याग्रह मजबूत होगा और किसान की आवाज और बुलंद होगी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लखीमपुर में प्रदर्शन कर रहे किसानो को गाड़ी से कुचलना हिंसक और अन्यायपूर्ण है। 
कई किसान भाइयों के मारे जाने खबर मिल रही है। प्रभु उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। दुःख की इस घड़ी में किसान भाइयों के साथ हूँ।ऐसा घोर अपराध करने वाले दोषियों को सख़्त से सख़्त सजा दी जाय। सांसद संजय सिंह ने कहा कि सत्ता का ऐसा नशा पहले कभी नहीं देखा।

भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ट्वीट किया है कि लखीमपुर खीरी में हुई घटना बहुत ही दुखद है। ‌इस घटना ने सरकार के क्रूर और अलोकतांत्रिक चेहरे को एक बार फिर उजागर कर दिया है। किसान आंदोलन को दबाने के लिए सरकार किस हद तक गिर सकती है, सरकार और सरकार में बैठे लोगों ने आज फिर बता दिया। लेकिन सरकार भूल रही है कि अपने हक के लिए हम मुगलों और फिरंगियों के आगे भी नहीं झुके। सरकार किसान के र्धर्य की और परीक्षा न ले। किसान मर सकता है पर डरने वाला नहीं है। सरकार होश में आए और किसानों के हत्यारों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी सुनिश्चित करे। किसानों से अपील है कि शांति बनाएं रखें, जीत किसानों की ही होगी। सरकार होश में ना आई तो भाजपा के एक भी नेता को घर से नहीं निकलने दिया जाएगा।

उधर, संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया कि लखीमपुर खीरी हिंसा के विरोध में कल सोमवार को देशभर में डीएम दफ्तरों के बाहर किसान धरना देंगे ।

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