वाराणसी में दूसरे चरण में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में दुकानों पर जो नजारा देखने को मिल रहा है उसकी चर्चा वाराणसी सहित देश के कोने - कोने में है। दरअसल वाराणसी के बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में चल रहे हैं कॉरिडोर से पीड़ित दुकानदारों ने मोदी सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल रखा है। छोटे दुकानदारों ने अपने दुकान के बाहर हमारी भूल कमल का फूल और मोदी जी एक काम करो पहले रोटी का इंतजाम करो के पोस्टर लगा रखा है।
जब इस पोस्टर पर लगाए जाने को लेकर हमने दुकानदारों से बात की तो पता चला कि कॉरिडोर के काम के नाम पर छोटे दुकानदारों को निकाला जा रहा है और उन्हें मुआवजे के नाम पर ₹100000 मिल रहे हैं, लेकिन दुकानदारों का कहना है कि वह पिछले तीन पीढ़ी से यहां अपनी रोजी-रोटी चलाते आ रहे है और सरकार चंद रुपए देकर उन्हें विकास के बहाने बेदखल कर रही है।
बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के ज्ञानवापी गली में फुल माली की दुकान लगाकर अपनी आजीविका चलाने वाले बंटी ने बताया कि करीब 90 सालों से उनके पिता की या दुकान थी लेकिन कॉरिडोर के नाम पर इसे खाली कराया जा रहा है उन्होंने बताया कि इस दुकान से उनके पूरे परिवार की आजीविका चलती है लेकिन जब से सरकार द्वारा परिवार के नाम पर तोड़फोड़ किया जा रहा है और हम लोगों को यहां से निकाले जाने के आदेश आए हैं तब से वह बेहद ही दुखी हैं उनका मानना है कि सरकार उन्हें मुआवजे के नाम पर ₹100000 तो दे रही है लेकिन इससे उनके परिवार का कुछ भी नहीं होने वाला है इस वजह से वह अपना विरोध कर रहे हैं।
कॉरिडोर से प्रभावित सिर्फ बंटी ही नहीं बल्कि करीब 700 से 800 ऐसे दुकानदार हैं जो अब जल्द ही विश्वनाथ परिसर से बेदखल कर दिए जाएंगे। बंटी के अलावा विश्वनाथ गली में अपनी छोटी दुकानों को चलाकर अपने परिवार की आजीविका चलाने वाले संतोष, परमेश्वर, विजय और कन्हैया जैसे तमाम दुकानदार सरकार के इस रवैये से नाराज है।
दुकानदारों का कहना है कि 2014 में उन्होंने बीजेपी को वोट दिया था और नरेंद्र मोदी को जिताकर प्रधानमंत्री की गद्दी पर बिठाया था लेकिन जिस तरह से उन्होंने विकास के नाम पर उन्हें बेदखल करने का काम कर रहे हैं तो वह जनता से और वोटरों से अपील कर रहे हैं कि वह कमल के फूल को वोट ना करें। दुकानदारों का कहना है कि उन्हें विकास कार्य से शिकायत नहीं, लेकिन जिन लोगों को पहले बेदखल किया जा रहा है उन्हें सबसे कहीं रोजगार दिलवाना चाहिए तब जाकर उन्हें हटाया जाना चाहिए।
जाहिर है कि बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में देश-विदेश से लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं और जब उन्हें इस बात का पता चल रहा है कि वाराणसी में विकास के नाम पर लोगों को उनके घरों से बेदखल किया जा रहा है। तब यह संदेश सरकार के खिलाफ जा रहा है यही नहीं जिस तरह से दुकानदार बीजेपी को वोट ना करने की अपील कर रहे हैं उससे बीजेपी की चिंता है बढ़ती जा रही है क्योंकि बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में देश के विभिन्न हिस्सों से लोग दर्शन पूजन करने के लिए आते हैं और उनके मन में जो यह संकाय जा रही हैं कहीं ना कहीं बीजेपी के लिए यह घातक साबित हो सकती है।
जब इस पोस्टर पर लगाए जाने को लेकर हमने दुकानदारों से बात की तो पता चला कि कॉरिडोर के काम के नाम पर छोटे दुकानदारों को निकाला जा रहा है और उन्हें मुआवजे के नाम पर ₹100000 मिल रहे हैं, लेकिन दुकानदारों का कहना है कि वह पिछले तीन पीढ़ी से यहां अपनी रोजी-रोटी चलाते आ रहे है और सरकार चंद रुपए देकर उन्हें विकास के बहाने बेदखल कर रही है।
बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के ज्ञानवापी गली में फुल माली की दुकान लगाकर अपनी आजीविका चलाने वाले बंटी ने बताया कि करीब 90 सालों से उनके पिता की या दुकान थी लेकिन कॉरिडोर के नाम पर इसे खाली कराया जा रहा है उन्होंने बताया कि इस दुकान से उनके पूरे परिवार की आजीविका चलती है लेकिन जब से सरकार द्वारा परिवार के नाम पर तोड़फोड़ किया जा रहा है और हम लोगों को यहां से निकाले जाने के आदेश आए हैं तब से वह बेहद ही दुखी हैं उनका मानना है कि सरकार उन्हें मुआवजे के नाम पर ₹100000 तो दे रही है लेकिन इससे उनके परिवार का कुछ भी नहीं होने वाला है इस वजह से वह अपना विरोध कर रहे हैं।
कॉरिडोर से प्रभावित सिर्फ बंटी ही नहीं बल्कि करीब 700 से 800 ऐसे दुकानदार हैं जो अब जल्द ही विश्वनाथ परिसर से बेदखल कर दिए जाएंगे। बंटी के अलावा विश्वनाथ गली में अपनी छोटी दुकानों को चलाकर अपने परिवार की आजीविका चलाने वाले संतोष, परमेश्वर, विजय और कन्हैया जैसे तमाम दुकानदार सरकार के इस रवैये से नाराज है।
दुकानदारों का कहना है कि 2014 में उन्होंने बीजेपी को वोट दिया था और नरेंद्र मोदी को जिताकर प्रधानमंत्री की गद्दी पर बिठाया था लेकिन जिस तरह से उन्होंने विकास के नाम पर उन्हें बेदखल करने का काम कर रहे हैं तो वह जनता से और वोटरों से अपील कर रहे हैं कि वह कमल के फूल को वोट ना करें। दुकानदारों का कहना है कि उन्हें विकास कार्य से शिकायत नहीं, लेकिन जिन लोगों को पहले बेदखल किया जा रहा है उन्हें सबसे कहीं रोजगार दिलवाना चाहिए तब जाकर उन्हें हटाया जाना चाहिए।
जाहिर है कि बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में देश-विदेश से लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं और जब उन्हें इस बात का पता चल रहा है कि वाराणसी में विकास के नाम पर लोगों को उनके घरों से बेदखल किया जा रहा है। तब यह संदेश सरकार के खिलाफ जा रहा है यही नहीं जिस तरह से दुकानदार बीजेपी को वोट ना करने की अपील कर रहे हैं उससे बीजेपी की चिंता है बढ़ती जा रही है क्योंकि बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में देश के विभिन्न हिस्सों से लोग दर्शन पूजन करने के लिए आते हैं और उनके मन में जो यह संकाय जा रही हैं कहीं ना कहीं बीजेपी के लिए यह घातक साबित हो सकती है।