कर्नाटक के गडग जिले निवासी समीर शाहपुर पर सोमवार को कथित तौर पर एक समूह जिसमें बजरंग दल सदस्य भी शामिल थे, ने चाकुओं से हमला किया था बाद में उसकी मौत हो गई।
Image Courtesy:maktoobmedia.com
कर्नाटक के गडग जिले में रहने वाले एक 19 वर्षीय मुस्लिम युवक समीर ने मंगलवार को दम तोड़ दिया जिसे एक समूह, जिसमें हिंदूवादी संगठन बजरंग दल के सदस्य भी शामिल थे, ने सोमवार को उसे और उसके दोस्त 21 वर्षीय शमसीर को कथित तौर चाकू मारकर घायल कर दिया था।
बताया जा रहा है कि हमले से पहले बजरंग दल के सदस्यों ने उसी दिन जिले के नरगुंड पुलिस स्टेशन के बाहर ‘हेट स्पीच’ का इस्तेमाल किया था। पुलिस के मुताबिक, हेट स्पीच और हमला क्षेत्र में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच करीब दो महीने से कथित तौर पर जारी सांप्रदायिक झड़पों का नतीजा हैं।
गडग के पुलिस अधीक्षक (एसपी) शिवप्रकाश देवराजू ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘पिछले दो माह के दौरान नरगुंड में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक झड़पें हुई हैं, दोनों समुदाय स्कूल-कॉलेजों में पढ़ने वाले युवाओं का इस्तेमाल एक-दूसरे को उकसाने के लिए कर रहे हैं।’
उन्होंने बताया, ‘पिछले साल नवंबर से ही इस तरह की घटनाओं के कारण दोनों समुदायों के लोगों के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं। हमें संदेह है कि सोमवार का हमला भी इसी सांप्रदायिक तनाव का नतीजा था।’
बताया जा रहा है कि बजरंग दल के एक कार्यक्रम के तुरंत बाद, जहां संजय नलवाड़ ने कथित तौर पर मुस्लिम विरोधी नफरत को उकसाया था। नलवाड़ ने सभा में कहा कि बजरंग दल उनकी 'रक्षा' करेगा और पुलिस भी 'हमारे साथ' है।
खबरों के मुताबिक सोमवार सुबह गडग जिले के नारागुंड थाने के सामने बजरंग दल का कार्यक्रम और 'विरोध मार्च' निकाला गया। नलवाड़ के ठीक बगल में मंच पर एक पुलिसकर्मी दिखाई देता है जब वह मुस्लिम विरोधी नफरत उगल रहा होता है।
मकतूबमीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक के गडग जिले के नरगुंड के समीर और शमसीर पर कथित तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्यों ने बेरहमी से हमला किया। समीर ने मंगलवार सुबह हुबली के कर्नाटक आयुर्विज्ञान संस्थान (केआईएमएस) अस्पताल में दम तोड़ दिया और शमसीर की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
हुसैन नाम के एक स्थानीय ने कहा कि यह कथित रूप से "आरएसएस के लोग" थे जिन्होंने समीर के सीने में चाकू से वार किया, और शमसीर पर भी हमला किया। समीर और शमसीर दोनों घर लौट रहे थे, तभी उन पर हमला हुआ। सोशल मीडिया यूजर्स ने एक सीसीटीवी फुटेज भी साझा किया है जिसमें दिखाया गया है कि "संगारवारा के पास नरगुंड स्टेट बैंक में इंतजार कर रहे लोगों ने समीर और शमसीर की बाइक को रोका और "उन पर घातक हथियारों से हमला किया"।
समाचार रिपोर्टों के अनुसार, नारागुंड पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है, और बजरंग दल और आरएसएस से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
कर्नाटक हिंदुत्व का अड्डा?
2019 के चुनावों में, दक्षिण भारत की 130 सीटों में से, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने केवल 30 सीटें जीतीं। हालांकि, भाजपा ने कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में से 25 पर जीत हासिल की।
कर्नाटक, दक्षिण भारत में एकमात्र भाजपा शासित राज्य है, और हिंदुत्व का केंद्र भी है। मुसलमानों और ईसाइयों को अक्सर हिंदुत्ववादी समूहों द्वारा विभिन्न तरीकों से निशाना बनाया जाता है। हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने तीन मीडियाकर्मियों को प्रवेश से वंचित कर दिया, जो आरएसएस के एक कार्यक्रम को कवर करने गए थे। इन मीडिया कर्मियों को "गणवेश" या संघ की वर्दी नहीं पहनने के चलते प्रवेश नहीं करने दिया गया था। यह कार्यक्रम कर्नाटक के कलबुर्गी में था, और कथित तौर पर पत्रकारों को संघ के वार्षिक संक्रांति उत्सव को कवर करने से रोक दिया गया था। आरएसएस कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर मीडिया कर्मियों से कहा कि कार्यक्रम को कवर करने वालों को भी संघ की वर्दी पहननी चाहिए। कलबुर्गी के एक प्रचारक विजय महतेश ने कथित तौर पर कहा कि उन्होंने संक्रांति उत्सव को कवर करने वाले सभी पत्रकारों को अनिवार्य वर्दी में आने के लिए कहा था।
फिर कर्नाटक के चिक्कमगलुरु जिले के बालागड़ी गाँव में सरकारी कॉलेज है, जिसने 12 जनवरी, 2022 को "मुस्लिम और हिंदू समुदायों के छात्रों के बीच जारी संघर्ष को हल करने" के लिए परिसर में हिजाब और भगवा स्कार्फ पर प्रतिबंध लगा दिया था। परेशानी दिसंबर 2021 में शुरू हुई, जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों ने भगवा स्कार्फ पहनकर विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि उनके मुस्लिम सहपाठी कक्षाओं के दौरान हिजाब पहनना बंद कर दें।
हिंदुत्व समूह मुख्यधारा के राजनेताओं जैसे भाजपा के अपने चिक्कमगरवल्ली थिम्मे गौड़ा रवि से भी ताकत हासिल करते हैं जिन्होंने "देश के गद्दारो को गोली मारो!" का नारा दिया था। वह भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव हैं और चिकमगलूर से चार बार विधायक भी हैं। लेकिन वह कोई साधारण पार्टी कार्यकर्ता नहीं है, क्योंकि वह महाराष्ट्र और तमिलनाडु के अलावा, चुनावी राज्य गोवा के प्रभारी भी हैं, और उन्होंने अब पंजाब को विभिन्न षड्यंत्र के सिद्धांतों को हवा देने के लिए चुना है।
कर्नाटक सरकार ने अन्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों के अनुरूप एक धर्मांतरण विरोधी कानून भी पारित किया है, जहां पहले से ही ऐसा कानून है। कर्नाटक धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार विधेयक, 2021 कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र द्वारा 21 दिसंबर को पेश किया गया था।
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कर्नाटक के गडग जिले में रहने वाले एक 19 वर्षीय मुस्लिम युवक समीर ने मंगलवार को दम तोड़ दिया जिसे एक समूह, जिसमें हिंदूवादी संगठन बजरंग दल के सदस्य भी शामिल थे, ने सोमवार को उसे और उसके दोस्त 21 वर्षीय शमसीर को कथित तौर चाकू मारकर घायल कर दिया था।
बताया जा रहा है कि हमले से पहले बजरंग दल के सदस्यों ने उसी दिन जिले के नरगुंड पुलिस स्टेशन के बाहर ‘हेट स्पीच’ का इस्तेमाल किया था। पुलिस के मुताबिक, हेट स्पीच और हमला क्षेत्र में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच करीब दो महीने से कथित तौर पर जारी सांप्रदायिक झड़पों का नतीजा हैं।
गडग के पुलिस अधीक्षक (एसपी) शिवप्रकाश देवराजू ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘पिछले दो माह के दौरान नरगुंड में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक झड़पें हुई हैं, दोनों समुदाय स्कूल-कॉलेजों में पढ़ने वाले युवाओं का इस्तेमाल एक-दूसरे को उकसाने के लिए कर रहे हैं।’
उन्होंने बताया, ‘पिछले साल नवंबर से ही इस तरह की घटनाओं के कारण दोनों समुदायों के लोगों के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं। हमें संदेह है कि सोमवार का हमला भी इसी सांप्रदायिक तनाव का नतीजा था।’
बताया जा रहा है कि बजरंग दल के एक कार्यक्रम के तुरंत बाद, जहां संजय नलवाड़ ने कथित तौर पर मुस्लिम विरोधी नफरत को उकसाया था। नलवाड़ ने सभा में कहा कि बजरंग दल उनकी 'रक्षा' करेगा और पुलिस भी 'हमारे साथ' है।
खबरों के मुताबिक सोमवार सुबह गडग जिले के नारागुंड थाने के सामने बजरंग दल का कार्यक्रम और 'विरोध मार्च' निकाला गया। नलवाड़ के ठीक बगल में मंच पर एक पुलिसकर्मी दिखाई देता है जब वह मुस्लिम विरोधी नफरत उगल रहा होता है।
मकतूबमीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक के गडग जिले के नरगुंड के समीर और शमसीर पर कथित तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्यों ने बेरहमी से हमला किया। समीर ने मंगलवार सुबह हुबली के कर्नाटक आयुर्विज्ञान संस्थान (केआईएमएस) अस्पताल में दम तोड़ दिया और शमसीर की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
हुसैन नाम के एक स्थानीय ने कहा कि यह कथित रूप से "आरएसएस के लोग" थे जिन्होंने समीर के सीने में चाकू से वार किया, और शमसीर पर भी हमला किया। समीर और शमसीर दोनों घर लौट रहे थे, तभी उन पर हमला हुआ। सोशल मीडिया यूजर्स ने एक सीसीटीवी फुटेज भी साझा किया है जिसमें दिखाया गया है कि "संगारवारा के पास नरगुंड स्टेट बैंक में इंतजार कर रहे लोगों ने समीर और शमसीर की बाइक को रोका और "उन पर घातक हथियारों से हमला किया"।
समाचार रिपोर्टों के अनुसार, नारागुंड पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है, और बजरंग दल और आरएसएस से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
कर्नाटक हिंदुत्व का अड्डा?
2019 के चुनावों में, दक्षिण भारत की 130 सीटों में से, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने केवल 30 सीटें जीतीं। हालांकि, भाजपा ने कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में से 25 पर जीत हासिल की।
कर्नाटक, दक्षिण भारत में एकमात्र भाजपा शासित राज्य है, और हिंदुत्व का केंद्र भी है। मुसलमानों और ईसाइयों को अक्सर हिंदुत्ववादी समूहों द्वारा विभिन्न तरीकों से निशाना बनाया जाता है। हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने तीन मीडियाकर्मियों को प्रवेश से वंचित कर दिया, जो आरएसएस के एक कार्यक्रम को कवर करने गए थे। इन मीडिया कर्मियों को "गणवेश" या संघ की वर्दी नहीं पहनने के चलते प्रवेश नहीं करने दिया गया था। यह कार्यक्रम कर्नाटक के कलबुर्गी में था, और कथित तौर पर पत्रकारों को संघ के वार्षिक संक्रांति उत्सव को कवर करने से रोक दिया गया था। आरएसएस कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर मीडिया कर्मियों से कहा कि कार्यक्रम को कवर करने वालों को भी संघ की वर्दी पहननी चाहिए। कलबुर्गी के एक प्रचारक विजय महतेश ने कथित तौर पर कहा कि उन्होंने संक्रांति उत्सव को कवर करने वाले सभी पत्रकारों को अनिवार्य वर्दी में आने के लिए कहा था।
फिर कर्नाटक के चिक्कमगलुरु जिले के बालागड़ी गाँव में सरकारी कॉलेज है, जिसने 12 जनवरी, 2022 को "मुस्लिम और हिंदू समुदायों के छात्रों के बीच जारी संघर्ष को हल करने" के लिए परिसर में हिजाब और भगवा स्कार्फ पर प्रतिबंध लगा दिया था। परेशानी दिसंबर 2021 में शुरू हुई, जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों ने भगवा स्कार्फ पहनकर विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि उनके मुस्लिम सहपाठी कक्षाओं के दौरान हिजाब पहनना बंद कर दें।
हिंदुत्व समूह मुख्यधारा के राजनेताओं जैसे भाजपा के अपने चिक्कमगरवल्ली थिम्मे गौड़ा रवि से भी ताकत हासिल करते हैं जिन्होंने "देश के गद्दारो को गोली मारो!" का नारा दिया था। वह भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव हैं और चिकमगलूर से चार बार विधायक भी हैं। लेकिन वह कोई साधारण पार्टी कार्यकर्ता नहीं है, क्योंकि वह महाराष्ट्र और तमिलनाडु के अलावा, चुनावी राज्य गोवा के प्रभारी भी हैं, और उन्होंने अब पंजाब को विभिन्न षड्यंत्र के सिद्धांतों को हवा देने के लिए चुना है।
कर्नाटक सरकार ने अन्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों के अनुरूप एक धर्मांतरण विरोधी कानून भी पारित किया है, जहां पहले से ही ऐसा कानून है। कर्नाटक धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार विधेयक, 2021 कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र द्वारा 21 दिसंबर को पेश किया गया था।
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