JNU: हम छात्रों को सुरक्षा नहीं दे पाए, यह कहकर साबरमती हॉस्टल के वार्डन ने दिया इस्तीफा

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 6, 2020
नई दिल्ली: दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में बीती रात हुई तोड़फोड़ एवं हिस्सा के बाद साबरमती हॉस्टल के वॉर्डन ने इस्तीफा दे दिया है। बीती रात हमलावरों द्वारा सबसे ज्यादा इसी हॉस्टल में तोड़फोड़ की गई और छात्रों को बर्बर तरीके से पीटा गया। छात्रों को सुरक्षा मुहैया न करा पाने पर अफसोस जताते हुए साबरमती हॉस्टल के सीनियर वॉर्डन आर मीना ने इस्तीफा दे दिया है। डीन ऑफ स्टूडेंट्स को पत्र लिखकर उन्होंने कहा, ‘मैं सीनीयर वॉर्डन के पद से इस्तीफा देता हूं क्योंकि हमने कोशिश की लेकिन हॉस्टल को सुरक्षा नहीं दे पाए।’



इसके अलावा एक अन्य वॉर्डन प्रकाश चंद्र साहू ने भी इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा, ‘कल साबरमती हॉस्टल पर हमला किया गया। इसके बारे में सुरक्षाकर्मियों को सूचना था। बाद में शाम सात बजे के करीब एक और हमला किया गया। चूंकि हम सामान्य स्तर पर भी छात्रों को सुरक्षा नहीं दे पा रहे हैं, मैं वॉर्डन के पद से इस्तीफा दे रहा हूं।’

बता दें कि बीते रविवार की रात कुछ नकाबपोश लोग जेएनयू कैंपस में घुस आए और विभिन्न हॉस्टलों में तोड़फोड़ की और छात्रों को बर्बर तरीके से पीटा। इस हिंसा में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष के सिर पर गंभीर चोटें आईं और घटना में कुल 26 लोग घायल हुए हैं। जेएनयू के कई छात्रों एवं शिक्षकों का आरोप है कि जिन लोगों ने हमला किया वो एबीवीपी और दक्षिणपंथी समूहों से जुड़े हुए हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने इस मामले को लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ दंगा करने और संपत्ति नष्ट करने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। छात्रसंघ के ट्विटर हैंडल पर यह भी बताया गया कि हमलावरों की इस भीड़ ने कई हॉस्टलों में तोड़फोड़ की और कमरों में घुसकर छात्रों के साथ मारपीट की गई। कैंपस में मौजूद लोगों के अनुसार परिसर में बने घरों के सामने खड़े वाहनों के साथ भी तोड़फोड़ की गई है। छात्रों ने बताया कि हिंसा का केंद्र साबरमती और पेरियार हॉस्टल को बनाया गया था। इसके बाद कई छात्रावासों में हिंसा की गई।

 

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