रांची। 2014 में एनडीए नीत मोदी सरकार बनने के बाद से मॉब लिंचिंग की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। अब झारखंड में एक और मॉब लिंचिंग का शिकार बने हैं तबरेज अंसारी। वैल्डर का काम करने वाला 24 वर्षीय युवा तबरेज अंसारी ईद की छुट्टी मनाने घर आया हुआ था। इसी दौरान उसे चोरी का आरोप लगाकर भीड़ ने जमकर पीटा। भीड़ की पिटाई के कारण गंभीर रुप से घायल तबरेज ने 4 दिन हॉस्पीटल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
21 जून, जिस दिन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए झारखंड में थे। उस दिन, भीड़ ने कथित रूप से तबरेज अंसारी उर्फ सोनू को चोरी के आरोप में पकड़ लिया और उसे बिजली के पोल से बांधकर बुरी तरह पीटा। इस घटना का जो वीडियो सामने आया है उससे पता चलता है कि भीड़ ने उसका नाम पूछा और जब उसने सोनू से कहा, तो उन्होंने उसके साथ दुर्व्यवहार किया और असली नाम पूछा। जैसे ही सोनू ने अपना नाम तबरेज बताया, भीड़ ने जय श्री राम का नारा लगाते हुए उसके ऊपर झपट्टा मारा और उसे बेरहमी से पीटा। बाद में उन्होंने उसे छोड़ दिया। जब उसे अस्पताल लाया गया तब तबरेज ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। हालांकि, पुलिस ने कहा कि खरसावां शहर के निवासी तबरेज अंसारी की मौत का कारण अभी तक ज्ञात नहीं है क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी तक प्रस्तुत नहीं की गई है।
झारखंड में 2016 से अब तक तबरेज अंसारी सहित 13 लोग मॉब लिंचिंग का शिकार हुए हैं। तबरेज अंसारी से पहले भीड़ ने एक आदिवासी प्रकाश लाकड़ा को जान से मार डाला था। प्रकाश लाकड़ा को मरे बैल की खाल उतारने के चलते मार डाला गया था। मॉब लिंचिंग का शिकार अधिकांश तौर पर मुस्लिम ही होते हैं। मुस्लिमों के खिलाफ व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 'बीफ खाने' या 'पशु तस्करी' की अफवाह फैलाई जाती है जिसके बाद हिंसक भीड़ जान लेने को उतारू हो जाती है। सोशल मीडिया के कारण कई लोगों को जान गंवानी पड़ी है। इसके साथ ही कई लोगों को चोरी के आरोप में भी मार डाला गया है। मॉब लिंचिंग का शिकार हुए लोगों पर जो आरोप लगाए गए हैं उनके परिजन इनसे इनकार करते हैं। साल 2015 के बाद बीजेपी शासित राज्यों उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा व झारखंड में मॉब लिंचिंग की अनेकों घटनाएं सामने आई हैं।
तबरेज अंसारी के साथ मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस घटना को लेकर तबरेज अंसारी के परिजनों ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई है। तबरेज की पत्नी शाइस्ता परवीन ने वायरल हो रहे वीडियो के आधार पर शिकायत दर्ज कराई है। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने पप्पू मंडल नाम के एक ग्रामीण को गिरफ्तार कर लिया है। पप्पू मंडल के अलावा करीब 100 अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दी गई है। पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा ने स्थानीय मीडिया को इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा, “मैंने कल ही यहां ज्वाइन किया है और मौखिक रूप से घटना की जानकारी दी है। अब तक एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जबकि तीन से चार लोगों को नामजद किया गया है और कई नामजद आरोपियों का भी एफआईआर में उल्लेख किया गया है। ” तबरेज अंसारी के परिवार ने उनके साथ हुए मारपीट के वीडियो के आधार पर एक पुलिस शिकायत दर्ज की है जो सोशल मीडिया पर चल रही है। शिकायत यहाँ पढ़ी जा सकती है:
प्राथमिकी के अनुसार, भीड़ ने तबरेज अंसारी को “जय श्री राम” और “जय हनुमान” का नारा लगाने के लिए मजबूर किया। हालांकि, पुलिस ने इस हमले में किसी भी हिंदूवादी संगठन की संलिप्तता होने से इंकार किया है। पुलिस ने कहा कि पप्पू मंडल बजरंग दल जैसे किसी भी हिंदुत्व संगठन से संबंधित नहीं है। जिला पुलिस प्रमुख कार्तिक एस ने भी अंसारी को नारे लगाने के लिए मजबूर करने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, "मैंने उनमें से कोई भी वीडियो नहीं सुना है," उन्होंने कहा- "यहां स्थिति शांतिपूर्ण है।"
हालांकि, अंसारी की पत्नी ने आरोप लगाया पुलिस ने उसके पति का उचित इलाज नहीं कराया। उनके चाचा मकसूद अंसारी ने कहा कि ग्रामीणों ने उनके भतीजे की बेरहमी से हत्या कर दी और पुलिस पर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में देरी करने का आरोप लगाया। मकसूद अंसारी ने दावा किया कि उनके भतीजे की जेल में मौत हो गई, लेकिन जेल अधिकारियों ने खुद को बचाने के लिए उन्हें अस्पताल भेज दिया। उन्होंने जेल और जिला पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
इस मामले को पुलिस पूरी तरह चोरी का एंगल दे रही है। पुलिस का कहना है कि अंसारी को धकतीडीह गांव से बाइक चुराते पकड़ा गया था। पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने मुंबई स्थित स्क्रॉल डॉट कॉम को बताया, "उसके दो साथी फरार हो गए।" “लेकिन ग्रामीणों द्वारा अंसारी के साथ बुरा व्यवहार किया गया। जब पुलिस को सूचना मिली, तो वे मौके पर गए और उसे मोटरसाइकिल सहित हिरासत में ले लिया।”
एक स्थानीय कार्यकर्ता अफजल अनीस के मुताबिक, अंसारी को बाइक चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया था जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस के मुताबिक, शनिवार को अंसारी को तबियत खराब होने के चलते अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया था, जहां उसकी मौत हो गई। जबकि, अफजल अनीस का दावा है कि अंसारी की पुलिस हिरासत में ही मौत हो गई थी।
कल ही अमेरिका ने धार्मिक आजादी को लेकर एक आधिकारिक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में अल्पसंख्यक समुदायों, विशेष रूप से मुस्लिमों के खिलाफ "हिंसक चरमपंथी हिंदू समूहों" द्वारा भीड़ के हमले 2018 में भी जारी रहे। ये हमले गोमांस और गाय तस्करी की अफवाहों के चलते किये गए। हालांकि यह रिपोर्ट भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा रिपोर्ट द्वारा खारिज कर दी गई।
21 जून, जिस दिन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए झारखंड में थे। उस दिन, भीड़ ने कथित रूप से तबरेज अंसारी उर्फ सोनू को चोरी के आरोप में पकड़ लिया और उसे बिजली के पोल से बांधकर बुरी तरह पीटा। इस घटना का जो वीडियो सामने आया है उससे पता चलता है कि भीड़ ने उसका नाम पूछा और जब उसने सोनू से कहा, तो उन्होंने उसके साथ दुर्व्यवहार किया और असली नाम पूछा। जैसे ही सोनू ने अपना नाम तबरेज बताया, भीड़ ने जय श्री राम का नारा लगाते हुए उसके ऊपर झपट्टा मारा और उसे बेरहमी से पीटा। बाद में उन्होंने उसे छोड़ दिया। जब उसे अस्पताल लाया गया तब तबरेज ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। हालांकि, पुलिस ने कहा कि खरसावां शहर के निवासी तबरेज अंसारी की मौत का कारण अभी तक ज्ञात नहीं है क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी तक प्रस्तुत नहीं की गई है।
झारखंड में 2016 से अब तक तबरेज अंसारी सहित 13 लोग मॉब लिंचिंग का शिकार हुए हैं। तबरेज अंसारी से पहले भीड़ ने एक आदिवासी प्रकाश लाकड़ा को जान से मार डाला था। प्रकाश लाकड़ा को मरे बैल की खाल उतारने के चलते मार डाला गया था। मॉब लिंचिंग का शिकार अधिकांश तौर पर मुस्लिम ही होते हैं। मुस्लिमों के खिलाफ व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 'बीफ खाने' या 'पशु तस्करी' की अफवाह फैलाई जाती है जिसके बाद हिंसक भीड़ जान लेने को उतारू हो जाती है। सोशल मीडिया के कारण कई लोगों को जान गंवानी पड़ी है। इसके साथ ही कई लोगों को चोरी के आरोप में भी मार डाला गया है। मॉब लिंचिंग का शिकार हुए लोगों पर जो आरोप लगाए गए हैं उनके परिजन इनसे इनकार करते हैं। साल 2015 के बाद बीजेपी शासित राज्यों उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा व झारखंड में मॉब लिंचिंग की अनेकों घटनाएं सामने आई हैं।
तबरेज अंसारी के साथ मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस घटना को लेकर तबरेज अंसारी के परिजनों ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई है। तबरेज की पत्नी शाइस्ता परवीन ने वायरल हो रहे वीडियो के आधार पर शिकायत दर्ज कराई है। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने पप्पू मंडल नाम के एक ग्रामीण को गिरफ्तार कर लिया है। पप्पू मंडल के अलावा करीब 100 अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दी गई है। पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा ने स्थानीय मीडिया को इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा, “मैंने कल ही यहां ज्वाइन किया है और मौखिक रूप से घटना की जानकारी दी है। अब तक एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जबकि तीन से चार लोगों को नामजद किया गया है और कई नामजद आरोपियों का भी एफआईआर में उल्लेख किया गया है। ” तबरेज अंसारी के परिवार ने उनके साथ हुए मारपीट के वीडियो के आधार पर एक पुलिस शिकायत दर्ज की है जो सोशल मीडिया पर चल रही है। शिकायत यहाँ पढ़ी जा सकती है:
प्राथमिकी के अनुसार, भीड़ ने तबरेज अंसारी को “जय श्री राम” और “जय हनुमान” का नारा लगाने के लिए मजबूर किया। हालांकि, पुलिस ने इस हमले में किसी भी हिंदूवादी संगठन की संलिप्तता होने से इंकार किया है। पुलिस ने कहा कि पप्पू मंडल बजरंग दल जैसे किसी भी हिंदुत्व संगठन से संबंधित नहीं है। जिला पुलिस प्रमुख कार्तिक एस ने भी अंसारी को नारे लगाने के लिए मजबूर करने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, "मैंने उनमें से कोई भी वीडियो नहीं सुना है," उन्होंने कहा- "यहां स्थिति शांतिपूर्ण है।"
हालांकि, अंसारी की पत्नी ने आरोप लगाया पुलिस ने उसके पति का उचित इलाज नहीं कराया। उनके चाचा मकसूद अंसारी ने कहा कि ग्रामीणों ने उनके भतीजे की बेरहमी से हत्या कर दी और पुलिस पर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में देरी करने का आरोप लगाया। मकसूद अंसारी ने दावा किया कि उनके भतीजे की जेल में मौत हो गई, लेकिन जेल अधिकारियों ने खुद को बचाने के लिए उन्हें अस्पताल भेज दिया। उन्होंने जेल और जिला पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
इस मामले को पुलिस पूरी तरह चोरी का एंगल दे रही है। पुलिस का कहना है कि अंसारी को धकतीडीह गांव से बाइक चुराते पकड़ा गया था। पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने मुंबई स्थित स्क्रॉल डॉट कॉम को बताया, "उसके दो साथी फरार हो गए।" “लेकिन ग्रामीणों द्वारा अंसारी के साथ बुरा व्यवहार किया गया। जब पुलिस को सूचना मिली, तो वे मौके पर गए और उसे मोटरसाइकिल सहित हिरासत में ले लिया।”
एक स्थानीय कार्यकर्ता अफजल अनीस के मुताबिक, अंसारी को बाइक चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया था जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस के मुताबिक, शनिवार को अंसारी को तबियत खराब होने के चलते अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया था, जहां उसकी मौत हो गई। जबकि, अफजल अनीस का दावा है कि अंसारी की पुलिस हिरासत में ही मौत हो गई थी।
कल ही अमेरिका ने धार्मिक आजादी को लेकर एक आधिकारिक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में अल्पसंख्यक समुदायों, विशेष रूप से मुस्लिमों के खिलाफ "हिंसक चरमपंथी हिंदू समूहों" द्वारा भीड़ के हमले 2018 में भी जारी रहे। ये हमले गोमांस और गाय तस्करी की अफवाहों के चलते किये गए। हालांकि यह रिपोर्ट भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा रिपोर्ट द्वारा खारिज कर दी गई।