झारखंड में पिछले एक माह से हड़ताल पर बैठे संविदा शिक्षकों ने अब खून से लिखे पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास भेजे हैं। हड़ताली शिक्षक वेतनमान में बढ़ोत्तरी और स्थाई किए जाने की मांग कर रहे हैं। रघुवरदास सरकार हड़ताली शिक्षकों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है, इसलिए अब इन लोगों ने सीधे प्रधानमंत्री से न्याय मांगा है।
उधर, झारखंड सरकार ने पारा शिक्षकों को 25 अक्तूबर तक काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया है, और कह दिया है कि जो शिक्षक काम पर नहीं लौटेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस आशय का पत्र सभी जिलों में भेजा गया है।
झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक संघ के अध्यक्ष संजय कुमार दुबे ने कहा है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, वे आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इसी तरह से शिक्षकों की अनदेखी करती रही तो आंदोलन को और तेज किया जायेगा। उन्होंने कहा है कि इस तरह के अल्टीमेटम से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।
पिछले एक महीने से हजारों शिक्षक रांची के जयपाल स्टेडियम में डटे हुए हैं। अब तक 20,000 से ज्यादा शिक्षक अपनी 6 सूत्री मांगों के लिए खून से पत्र लिखकर प्रधानमंत्री के पास भेज चुके हैं। पुलिस ने स्टेडियम के आस पास सुरक्षा बढ़ा दी है।
Source: India.com
उधर, झारखंड सरकार ने पारा शिक्षकों को 25 अक्तूबर तक काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया है, और कह दिया है कि जो शिक्षक काम पर नहीं लौटेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस आशय का पत्र सभी जिलों में भेजा गया है।
झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक संघ के अध्यक्ष संजय कुमार दुबे ने कहा है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, वे आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इसी तरह से शिक्षकों की अनदेखी करती रही तो आंदोलन को और तेज किया जायेगा। उन्होंने कहा है कि इस तरह के अल्टीमेटम से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।
पिछले एक महीने से हजारों शिक्षक रांची के जयपाल स्टेडियम में डटे हुए हैं। अब तक 20,000 से ज्यादा शिक्षक अपनी 6 सूत्री मांगों के लिए खून से पत्र लिखकर प्रधानमंत्री के पास भेज चुके हैं। पुलिस ने स्टेडियम के आस पास सुरक्षा बढ़ा दी है।
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