जतिन दास के 90 वें शहादत दिवस पर राजनैतिक क़ैदियों के अधिकार के लिए हुआ 1 दिन का अनशन

Written by Sabrangindia Staff | Published on: September 13, 2019
13 सितंबर 2019 यह दिन जतिन दास की शहादत की 90वां शहादत दिवस है। लाहौर साजिश मुकदमें में बंदी बनाए हुए जतिन दास, भगत सिंह और उनके साथियों ने राजनैतिक कैदियों के अधिकारों के लिए और ब्रिटिश सरकार के खिलाफ कारागार में ऐतिहासिक अनशन किया। इस अनशन के दौरान 13 सितंबर 1929 को जतिन दास शहीद हुए। जतिन दास और उनके साथियों के संघर्ष और शहादत की याद में राजनैतिक कैदियों के अधिकारों के लिए और फासीवादी हुकूमत के खिलाफ हम बंदी येरवडा मध्यवर्ती कारागार में एक दिन का अनशन कर रहे हैं। 



आज हमारे देश पर फासीवादी हुकूमत ने कब्जा किया है। आम गरीब शोषितों के भूख के सवाल, जीने मरने के सवाल गंभीर हो रहे हैं, पर जनता के ऊपर अंधराष्ट्रवाद, जातीय धार्मिक कट्टरतावाद को थोपा जा रहा है। 

आज पूरा कश्मीर कारागार बनाया गया है। लाखों कश्मीरी जनता उनके घरों में बंद की गई है। हजारों राजकीय दल, संगठन, वकील, शिक्षक, विद्यार्थी, व्यापारी, कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। 


आज सभी राजनैतिक विरोधियों को खत्म करने का सिलसिला शुरू है। प्रस्थापित विरोधी दल पर भी दमन का सिलसिला शुरू है। ईडी, सीबीआई और बाकी सभी यंत्रणाओं की स्वायत्तता अंत में लाकर उन्हें सिर्फि राजनैतिक प्रतिशोध के लिए हथियार बनाया गया है। राजनैतिक विरोधियों की पूछताछ, गिरफ्तारियों का समय और तारीखों से यह स्पष्ट होता है। 

इसीलिए यूपीए कानून में किए गए नए सुधारों के जरिए किसी को भी आतंकवादी घोषित करने की खुली छूट की व्यवस्था कर दी गई है। न्याय व्यवस्था को पूरी तरह वर्जित कर पुलिस और प्रशासकीय व्यवस्थाओं को यह अधिकार देकर न्याय व्यवस्था को कमजोर करके पुलिस राज्य के लोगों के ऊपर अंकुश और दहशत स्थापित करने की तरफ यह कदम है। कोई भी विरोध, असहमतियों को देशद्रोही आतंकवादी घोषित करके उन्हें कुचलने का यह खुला दांव है। 

इस प्रकार पूरे देश पर अघोषित आपातकाल थोप कर, लोगों की आजादी-अधिकार केवल नाममात्र मर्यादित करके, पूरे के पूरे देश को ही जेल बना दिया है और पूरी जनता इस फासीवादी तानाशाही ने बंदी बनाकर रख दी है। 

इस दौर में जनवादी अधिकारों की हिफाजत के लिए जरूरत है सब आवाज उठाएं और संघर्ष करें। 

- सभी राजनैतिक कैदियों की बिना शर्त रिहाई की जाए। 
- UAPA,AFSPA और अन्य गैर जनवादी कानून जल्द से जल्द खारिज किए जाए। 

ऊपर प्रस्तुत मांगों के साथ हम शहीद जतिन दास इनकी याद में 13 सितंबर 2019 को एक दिवसीय अनशन कर रहे हैं। 

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