मज़दूर अधिकारी संघ के अध्यक्ष शिव कुमार को नवदीप कौर की गिरफ्तारी के चार दिन बाद 16 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था
नई दिल्ली। पिछले महीने गिरफ्तार किए गए मज़दूर अधिकारी संघ के अध्यक्ष शिव कुमार की मेडिकल रिपोर्ट आई है। इस रिपोर्ट में कई गंभीर और सामान्य चोटों की बात कही गई है।
मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक, शिव कुमार के हाथों और पैरों में फ्रैक्चर, नाखून टूटे हुए हैं और पोस्ट ट्रॉमैटिक डिसऑर्डर (किसी अप्रिय घटना के बाद लगने वाला सदमा) जैसी बातें हैं। उनके वकील अर्शदीप चीमा के मुताबिक, "पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में पेश की गई शिव कुमार की मेडिकल रिपोर्ट में गंभीर चोटों की बात सामने आई है।"
चीमा ने कहा कि कोर्ट ने हरियाणा पुलिस से पुरानी रिपोर्ट भी माँगी है जिसमें दावा किया गया था कि उनके शरीर पर कोई चोट नहीं है।
हाईकोर्ट इस मामले को सीबीआई को ट्रांसफर करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये चोटें दो हफ़्ते से ज़्यादा पुरानी हैं, मुमकिन है कि ये किसी कुंद हथियार के कारण हुआ हो।
वकीलों के मुताबिक ये बात ग़ौर करने वाली है कि ये चोटें गिरफ़्तारी के एक महीने बाद तक भी मौजूद हैं। हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ के डॉक्टरों से मेडिकल परीक्षण के लिए कहा था। सोनीपत (हरियाणा) के जेल अधिकारियों ने अदालत को बताया कि शिव कुमार को दो फ़रवरी को जेल में लाया गया था। शिव पर सेक्शन 148, 149, 323, 384 और 506 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। ये धाराएं दंगा भड़काने और डराने धमकाने से जुड़ी हैं।
इसके अलावा 12 जनवरी को उनपर हत्या के प्रयास, दंगे और अन्य मामलों में एफ़आईआर दर्ज की गई। तीसरा केस भी उसी दिन कुंडली पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। उच्च न्यायालय ने बुधवार को कुमार के पिछले मेडिकल रिकॉर्ड की मांग की, और अगली सुनवाई 16 मार्च के लिए निर्धारित की। वकीलों के अनुसार, कुमार के लिए जमानत याचिका सभी तीन एफआईआर में जल्द ही लागू होगी।
Related:
मुझे झूठा फंसाया गया, क्योंकि मैं किसानों के समर्थन में लोग इकट्ठा करने में सफल रही: नवदीप कौर
जस्टिस फॉर नवदीप कौर: 24 साल की ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता ने सलाखों के पीछे मनाया जन्मदिन
दलित ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता नवदीप कौर की रिहाई के लिए CJP ने दायर की ऑनलाइन याचिका
नई दिल्ली। पिछले महीने गिरफ्तार किए गए मज़दूर अधिकारी संघ के अध्यक्ष शिव कुमार की मेडिकल रिपोर्ट आई है। इस रिपोर्ट में कई गंभीर और सामान्य चोटों की बात कही गई है।
मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक, शिव कुमार के हाथों और पैरों में फ्रैक्चर, नाखून टूटे हुए हैं और पोस्ट ट्रॉमैटिक डिसऑर्डर (किसी अप्रिय घटना के बाद लगने वाला सदमा) जैसी बातें हैं। उनके वकील अर्शदीप चीमा के मुताबिक, "पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में पेश की गई शिव कुमार की मेडिकल रिपोर्ट में गंभीर चोटों की बात सामने आई है।"
चीमा ने कहा कि कोर्ट ने हरियाणा पुलिस से पुरानी रिपोर्ट भी माँगी है जिसमें दावा किया गया था कि उनके शरीर पर कोई चोट नहीं है।
हाईकोर्ट इस मामले को सीबीआई को ट्रांसफर करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये चोटें दो हफ़्ते से ज़्यादा पुरानी हैं, मुमकिन है कि ये किसी कुंद हथियार के कारण हुआ हो।
वकीलों के मुताबिक ये बात ग़ौर करने वाली है कि ये चोटें गिरफ़्तारी के एक महीने बाद तक भी मौजूद हैं। हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ के डॉक्टरों से मेडिकल परीक्षण के लिए कहा था। सोनीपत (हरियाणा) के जेल अधिकारियों ने अदालत को बताया कि शिव कुमार को दो फ़रवरी को जेल में लाया गया था। शिव पर सेक्शन 148, 149, 323, 384 और 506 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। ये धाराएं दंगा भड़काने और डराने धमकाने से जुड़ी हैं।
इसके अलावा 12 जनवरी को उनपर हत्या के प्रयास, दंगे और अन्य मामलों में एफ़आईआर दर्ज की गई। तीसरा केस भी उसी दिन कुंडली पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। उच्च न्यायालय ने बुधवार को कुमार के पिछले मेडिकल रिकॉर्ड की मांग की, और अगली सुनवाई 16 मार्च के लिए निर्धारित की। वकीलों के अनुसार, कुमार के लिए जमानत याचिका सभी तीन एफआईआर में जल्द ही लागू होगी।
Related:
मुझे झूठा फंसाया गया, क्योंकि मैं किसानों के समर्थन में लोग इकट्ठा करने में सफल रही: नवदीप कौर
जस्टिस फॉर नवदीप कौर: 24 साल की ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता ने सलाखों के पीछे मनाया जन्मदिन
दलित ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता नवदीप कौर की रिहाई के लिए CJP ने दायर की ऑनलाइन याचिका