यूपी: हाई कोर्ट ने 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम पर लगाई अंतरिम रोक

Written by sabrang india | Published on: May 31, 2019
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती परीक्षा के परिणाम जारी करने पर अंतरिम रोक लगा दी है। साथ ही हाईकोर्ट ने सरकार को परीक्षा की उत्तर-कुंजी जारी करने की छूट दी है। इस मामले में सरकार की ओर से बेसिक शिक्षा विभाग सहित अभ्यर्थियों द्वारा 15 से अधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई जुलाई के पहले हफ्ते के लिए रखी है।

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से महाधिवक्ता राघवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि किसी परीक्षा के लिए क्वालिफाइंग अंक निर्धारित करना सरकार का विशेषाधिकार बताया गया। साथ ही कहा गया कि इसे अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती है। हाईकोर्ट में सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि छह जनवरी 2019 को हुई सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के आयोजक परीक्षा नियामक प्राधिकरण ने प्रश्नपत्र की उत्तर कुंजी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई थी। यह एक क्वालिफाइंग परीक्षा थी और इसके आधार पर अभी तक कोई भर्ती नहीं की गई है।

गौरतलब है कि सरकार ने एकल जज के 7 जनवरी को आए उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें सरकार द्वारा कट ऑफ तय करने को कोर्ट ने कानूनी रूप से वैध नहीं माना था। साथ ही कहा था कि इसकी वजह से समान वर्ग के अभ्यर्थियों में दो श्रेणियां बन जाती हैं। उस वक्त कोर्ट ने कहा था कि अचानक कट ऑफ बढ़ाने की कोई वैध वजह नहीं दी गई है, न ही इसका कोई जस्टिसफिकेशन सरकार ने दिया है।

याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2017 को अपने निर्णय में शिक्षा मित्रों को दो दफा लगातार होने वाली शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया था। ऐसे में एक परीक्षा होने के बाद दूसरी परीक्षा में कट ऑफ बढ़ाकर अतिरिक्त योग्यता की शर्त नहीं लगाई जा सकती। भले ही सरकार को इसका अधिकार हो, लेकिन सरकार ऐसा करती है तो यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निष्प्रभावी करने जैसा होगा। याची शिक्षामित्र प्रतियोगिता से बाहर हो जाएंगे। ऐसे में अपील पर अंतिम निर्णय आने पर सरकार को परिणाम जारी करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

बता दें कि हाईकोर्ट में राघवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि इस परीक्षा से उत्तर प्रदेश में कुल 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती की जा रही है। इसे लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में दायर याचिका से करीब 6900 अभ्यर्थी प्रभावित हो रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं से करीब 15 हजार अभ्यर्थी प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में समस्त चयन प्रक्रिया पूरी करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

फिलहाल मामले पर और सोच-विचार करने के लिए कोर्ट ने समय लिया है। साथ ही सरकार को अंतरिम तौर पर उत्तरकुंजी जारी करने की अनुमति दे दी है। लेकिन परीक्षा के अंतिम परिणाम कोर्ट की अनुमति मिलने या विशेष अपील याचिकाओं पर अंतिम निर्णय होने तक जारी न करे। अगली सुनवाई जुलाई के पहले हफ्ते में की जाएगी।  

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