मोहम्मद मोहसिन पिछले चार दशकों से काको बाज़ार में सब्ज़ियां बेच रहे थे। वह हर दिन मनियामा पंचायत स्थित अपने घर से करीब 3 किलोमीटर पैदल चलकर बाज़ार पहुंचते और कोने में बैठकर सब्ज़ियां बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। उनकी मामूली कमाई से उनके आठ बच्चों — तीन बेटे और पाँच बेटियों — की परवरिश होती थी।

बिहार के जहानाबाद जिले से एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां सिर्फ पांच रुपये के लिए एक बुजुर्ग मुस्लिम सब्ज़ी विक्रेता की हत्या कर दी गई। 60 वर्षीय मोहम्मद मोहसिन की नगर पंचायत के टोल कलेक्टर से विवाद के बाद पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। वहां मौजूद लोगों ने मीडिया को यह जानकारी दी। घटना मंगलवार शाम काको बाज़ार में हुई। इसके बाद से सोशल मीडिया पर लोगों ने भारी नाराज़गी जताई है।
ऑब्ज़र्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद मोहसिन पिछले चार दशकों से काको बाज़ार में सब्ज़ियां बेच रहे थे। वह हर दिन मनियामा पंचायत स्थित अपने घर से करीब 3 किलोमीटर पैदल चलकर बाज़ार पहुंचते और कोने में बैठकर सब्ज़ियां बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। उनकी मामूली कमाई से उनके आठ बच्चों — तीन बेटे और पाँच बेटियों — की परवरिश होती थी।
परिवार के अनुसार, नगर पंचायत के टैक्स कलेक्टर ने मोहसिन से 20 रुपये रोज़ाना बाज़ार शुल्क मांगा। मोहसिन ने बताया कि बिक्री अभी नहीं हुई है और उन्होंने 15 रुपये देने की पेशकश की, साथ ही बाकी 5 रुपये बाद में देने का अनुरोध किया।
इसके बाद मोहसिन की बहस नगर पालिका सफाई कर्मचारी सुपरवाइज़र विक्की पटेल से हो गई, जो ठेकेदार आदित्य कुमार की ओर से टोल वसूल रहा था।
इस घटना से मुस्लिम समुदाय में गुस्सा है। लोगों ने राहगीरों और अधिकारियों की उदासीनता पर सवाल उठाए हैं। एक नेता, मुजम्मिल इमाम ने सोशल मीडिया पर लिखा — “क्या एक इंसान की जान 5 रुपये से भी कम की है? हम कैसा समाज बन गए हैं, जहां लोग खरीदारी करते रहते हैं जबकि उनके सामने एक आदमी मरा पड़ा है?”
चश्मदीदों का आरोप है कि पटेल ने मोहसिन पर सब्ज़ी तौलने वाले भारी लोहे के बाटों से लगातार पांच वार किए। मोहसिन बेहोश होकर गिर पड़े और कुछ ही देर में उनकी मौत हो गई। चौंकाने वाली बात यह है कि रोज़मर्रा का काम जारी रहने के बावजूद उनका शव इस व्यस्त बाज़ार में घंटों तक लावारिस पड़ा रहा।
परिवारजन मोहसिन को शांत और मेहनती इंसान के रूप में याद करते हैं। उनके बेटे ने ऑब्ज़र्वर पोस्ट को बताया — “वह चुपचाप बैठते, सब्ज़ियां बेचते और घर चले जाते। उन्होंने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। यह सोचकर ही दिल टूट जाता है कि पाँच रुपये के लिए उनकी जान चली गई।”
मोहसिन के सबसे बड़े बेटे, दिहाड़ी मज़दूर मोहम्मद गुड्डू अब परिवार का खर्च उठा रहे हैं। वहीं उनकी पत्नी जमीला खातून यह ख़बर सुनते ही बेहोश हो गईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
स्थानीय समुदाय के लोगों ने पटेल की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। काको के सामाजिक कार्यकर्ता ताबिश वारसी ने कहा —
“यह सिर्फ एक हत्या का मामला नहीं है, बल्कि मानवता के पतन का मामला है। अगर समाज आज चुप रहा, तो कल किसी और के साथ भी यही हो सकता है।”
स्थानीय लोगों का कहना है कि आरोपी राजनीतिक रूप से जुड़ा हुआ है। वर्तमान में वह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से जुड़ा है और पहले नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) में ब्लॉक स्तर का नेता था। आरोप है कि राजनीतिक प्रभाव के कारण ही वह बाजार में मनमानी कर रहा था।
काको के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट ने मोहसिन के परिवार के लिए 2 लाख रुपये मुआवज़े की घोषणा की है। लेकिन स्थानीय मुस्लिम नेताओं का कहना है कि पैसों से इस गंभीर मुद्दे का समाधान नहीं होगा। वारसी ने कहा — “ठेकेदार व्यवस्था अपने आप में दोषपूर्ण है। यह गरीब विक्रेताओं को जबरन वसूली का आसान निशाना बना देती है, जबकि राजनीतिक संपर्क वाले लोग लाभ उठाते हैं। मोहसिन की मौत सिर्फ पाँच रुपये का मामला नहीं है, बल्कि व्यवस्थागत शोषण का मामला है।”
पुलिस ने कहा है कि घटना का संज्ञान लिया गया है और एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। जहानाबाद के एक पुलिस अधिकारी ने ऑब्ज़र्वर पोस्ट को बताया —
“हम मामले की जांच कर रहे हैं। आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।”
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बिहार के जहानाबाद जिले से एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां सिर्फ पांच रुपये के लिए एक बुजुर्ग मुस्लिम सब्ज़ी विक्रेता की हत्या कर दी गई। 60 वर्षीय मोहम्मद मोहसिन की नगर पंचायत के टोल कलेक्टर से विवाद के बाद पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। वहां मौजूद लोगों ने मीडिया को यह जानकारी दी। घटना मंगलवार शाम काको बाज़ार में हुई। इसके बाद से सोशल मीडिया पर लोगों ने भारी नाराज़गी जताई है।
ऑब्ज़र्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद मोहसिन पिछले चार दशकों से काको बाज़ार में सब्ज़ियां बेच रहे थे। वह हर दिन मनियामा पंचायत स्थित अपने घर से करीब 3 किलोमीटर पैदल चलकर बाज़ार पहुंचते और कोने में बैठकर सब्ज़ियां बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। उनकी मामूली कमाई से उनके आठ बच्चों — तीन बेटे और पाँच बेटियों — की परवरिश होती थी।
परिवार के अनुसार, नगर पंचायत के टैक्स कलेक्टर ने मोहसिन से 20 रुपये रोज़ाना बाज़ार शुल्क मांगा। मोहसिन ने बताया कि बिक्री अभी नहीं हुई है और उन्होंने 15 रुपये देने की पेशकश की, साथ ही बाकी 5 रुपये बाद में देने का अनुरोध किया।
इसके बाद मोहसिन की बहस नगर पालिका सफाई कर्मचारी सुपरवाइज़र विक्की पटेल से हो गई, जो ठेकेदार आदित्य कुमार की ओर से टोल वसूल रहा था।
इस घटना से मुस्लिम समुदाय में गुस्सा है। लोगों ने राहगीरों और अधिकारियों की उदासीनता पर सवाल उठाए हैं। एक नेता, मुजम्मिल इमाम ने सोशल मीडिया पर लिखा — “क्या एक इंसान की जान 5 रुपये से भी कम की है? हम कैसा समाज बन गए हैं, जहां लोग खरीदारी करते रहते हैं जबकि उनके सामने एक आदमी मरा पड़ा है?”
चश्मदीदों का आरोप है कि पटेल ने मोहसिन पर सब्ज़ी तौलने वाले भारी लोहे के बाटों से लगातार पांच वार किए। मोहसिन बेहोश होकर गिर पड़े और कुछ ही देर में उनकी मौत हो गई। चौंकाने वाली बात यह है कि रोज़मर्रा का काम जारी रहने के बावजूद उनका शव इस व्यस्त बाज़ार में घंटों तक लावारिस पड़ा रहा।
परिवारजन मोहसिन को शांत और मेहनती इंसान के रूप में याद करते हैं। उनके बेटे ने ऑब्ज़र्वर पोस्ट को बताया — “वह चुपचाप बैठते, सब्ज़ियां बेचते और घर चले जाते। उन्होंने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। यह सोचकर ही दिल टूट जाता है कि पाँच रुपये के लिए उनकी जान चली गई।”
मोहसिन के सबसे बड़े बेटे, दिहाड़ी मज़दूर मोहम्मद गुड्डू अब परिवार का खर्च उठा रहे हैं। वहीं उनकी पत्नी जमीला खातून यह ख़बर सुनते ही बेहोश हो गईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
स्थानीय समुदाय के लोगों ने पटेल की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। काको के सामाजिक कार्यकर्ता ताबिश वारसी ने कहा —
“यह सिर्फ एक हत्या का मामला नहीं है, बल्कि मानवता के पतन का मामला है। अगर समाज आज चुप रहा, तो कल किसी और के साथ भी यही हो सकता है।”
स्थानीय लोगों का कहना है कि आरोपी राजनीतिक रूप से जुड़ा हुआ है। वर्तमान में वह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से जुड़ा है और पहले नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) में ब्लॉक स्तर का नेता था। आरोप है कि राजनीतिक प्रभाव के कारण ही वह बाजार में मनमानी कर रहा था।
काको के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट ने मोहसिन के परिवार के लिए 2 लाख रुपये मुआवज़े की घोषणा की है। लेकिन स्थानीय मुस्लिम नेताओं का कहना है कि पैसों से इस गंभीर मुद्दे का समाधान नहीं होगा। वारसी ने कहा — “ठेकेदार व्यवस्था अपने आप में दोषपूर्ण है। यह गरीब विक्रेताओं को जबरन वसूली का आसान निशाना बना देती है, जबकि राजनीतिक संपर्क वाले लोग लाभ उठाते हैं। मोहसिन की मौत सिर्फ पाँच रुपये का मामला नहीं है, बल्कि व्यवस्थागत शोषण का मामला है।”
पुलिस ने कहा है कि घटना का संज्ञान लिया गया है और एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। जहानाबाद के एक पुलिस अधिकारी ने ऑब्ज़र्वर पोस्ट को बताया —
“हम मामले की जांच कर रहे हैं। आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।”
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