आखिर संभल के नाई क्यों नहीं काटते दलितों के बाल?
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यूपी के संभल जिले में दलितों ने धर्म परिवर्तन की चेतावनी दी है। दलितों का कहना है अगर उन पर अत्याचार जारी रहे तो वे हिंदू धर्म छोड़ कर मुसलमान बन जाएंगे।
आखिर उनके इस रोष की वजह क्या है? वजह जान कर आप हैरान रह जाएंगे। दरअसल संभल के फतेहपुर शमसोई गांव के दलितों को वहां के नाइयों से बाल-दाढ़ी कटाने की इजाजत नहीं हैं। गांव में पंद्रह हजार ठाकुर और ब्राह्रण हैं और उनका दबदबा है। आजादी के वक्त से ही यहां रहे बाल्मीकि परिवारों को यहां के नाइयों के बाल कटाने नहीं दिया जाता है।
ठाकुरों-ब्राह्मणों का मानना है कि बाल्मीकियों के बाल काटने वाले नाई उनकी भी हजामत बनाते हैं। बाल्मीकियों के लिए इस्तेमाल होने वाले उस्तरे और कैंचियों से उनके भी बाल-दाढ़ी काटे जाते हैं। लिहाजा वे अशुद्ध हो जाएंगे। आज भी इस गांव के बाल्मीकियों को 15-20 किलोमीटर दूर चंदौसी, भजोई और इस्लामनगर जैसे शहरों में जाकर बाल कटाने पड़ते हैं।
एक सप्ताह पहले जब गांव का एक मुस्लिम नाई बाल्मीकि परिवार के बाल काटने को राजी हुआ तो उसे धमकाया गया। ठाकुरों और ब्राह्मणों की धमकी के डर से वह मुकर गया।
एक महीने पहले गांव के तीन बाल्मिकी युवकों ने आसिफ अली से अपने बाल कटवाए थे। इसके कुछ दिन बाद जब वे दाढ़ी बनवाने आए तो ठाकुरों ने आसिफ की पिटाई कर दी। बाल्मीकियों ने पुलिस में शिकायत की। पुलिस पहुंची, इससे पहले गांव के नाई अपनी दुकानें बंद कर भाग गए।
संभल में जारी इस अत्याचार से दलितों में भारी गुस्सा है। इसी रोष में उन्होंने धर्म बदलने की धमकी दी है। बाल्मीकि धर्म समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष लल्ला बाबू द्रविड़ ने चेतावनी दी है कि बाल्मीकियों पर यह अत्याचार जारी रहा तो वे मुसलमान बन जाएंगे।
पिछले सोमवार को लल्ला बाबू द्रविड़ अपने समाज के कुछ नेताओं के साथ फतेहपुर शमसोई गांव पहुंचे और पंचायत बुलाई। गांव के पूर्व प्रधान संजीव शर्मा और भजोई के एसएचओ रंजन शर्मा भी वहां मौजूद थे। द्रविड़ ने पंचायत में चेतावनी दी कि अगर 24 घंटे के अंदर ठाकुरों और ब्राह्मणों ने अपना रवैया नहीं बदला तो बाल्मिकी हिंदू धर्म छोड़ देंगे और मुसलमान बन जाएंगे। फैसला अब ठाकुरों-ब्राह्मणों के हाथ में है।
मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद ही यूपी में दबंग जातियों के मनमानी बढ़ गई है। कट्टर हिंदू ताकतों की शह में दलितों पर इनका अत्याचार बढ़ गया है। शासन इन्हें रोकने की कोई कोशिश करता नहीं दिखता। यही वजह है कि दलित आंदोलन कर रहे हैं और हिंदू धर्म छोड़ने की चेतावनी दे रहे हैं।