हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड और लॉरियल अपने उत्पादों से हटाएंगी 'फेयर' और 'लाइटनिंग' जैसे शब्द

Written by sabrang india | Published on: June 27, 2020
नई दिल्ली। अमेरिकी अफ्रीकी समुदाय के अश्वेत जॉर्ज फ्लायड की मौत के बाद दुनियाभर में रंगभेद को लेकर बहस छिड़ गई है। इस बहस ने अब गोरेपन और स्कीन को सुंदर करने वाली क्रीम को भी लपेटे में लिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए ब्यूटी ब्रैंड अपनी योजना में बदलाव कर रही हैं। हिन्दुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) ने अपने 45 साल पुराने ब्रैंड फेयर एंड लवली से 'फेयर' शब्द को हटाने का निर्णय लिया। इसके बाद अब इमामी और लोरियल ने  भी अपने उत्पाद से 'फेयर', लाइटनिंग  जैसे शब्द हटाने की बात कही है।



कृत्रिम सौंदर्य प्रसाधन बनाने वाली फ्रांस की कंपनी लोरियल ग्रुप ने शुक्रवार को कहा कि वह त्वचा के रखरखाव से संबंधित अपने उत्पादों से श्वेत, गोरे और हल्के जैसे शब्दों को हटाएगी। दरअसल, यूनिलीवर ने भी एक दिन पहले इसी तरह की घोषणा की थी और कहा था कि वह अपने लोकप्रिय ब्रांड ‘फेयर एंड लवली’ से ‘फेयर’ शब्द को हटाएगी। नस्लीय रुढ़ियों के खिलाफ उठती आवाजों के बीच त्वचा के गोरेपन से संबंधित सौंदर्य प्रसाधन बनाने वाली कंपनियां दबाव में हैं। यह ऐसे समय में महत्वपूर्ण हो जाता है, जब अमेरिका से शुरू हुआ ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन कई देशों में फैल चुका है।

लॉरियल कंपनी भी अपने ब्रैंड्स से व्हाइट, लाइट और फेयर जैसे शब्दों को हटाएगी। लॉरियल ग्रुप ने अपने सभी स्किन केयर उत्पादों से व्हाइटनिंग, लाइटनिंग और फेयरनेस जैसे शब्दों को हटाने का फैसला किया है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि लॉरियल ने स्किन प्रोडक्ट में उपयोग होने वाले टर्म को लेकर चिंता जताई है और इसे समझा भी है। इसलिए यह फैसला किया गया है।

साथ ही, कई और कंपनियों भी इस तरह के कदम उठा रही हैं। अमेरिका की स्वास्थ्य देखभाल और एफएमसीजी कंपनी जॉनसन एण्ड जॉनसन ने भी त्वचा को गोरा बनाने वाली क्रीम की भारत सहित दुनियाभर में बिक्री को रोक दिया। वहीं, कोलकाता स्थित एफएमसीजी कंपनी इमामी ने भी कहा है कि वह स्थिति का मूल्यांकन कर रही है। कंपनी गोरापन लाने वाले ब्रांड ‘फेयर एण्ड हैंडसम’ का उत्पादन करती है।

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