नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में कोरोना महामारी से हालात बेकाबू हो चुके हैं। दिल्ली हाईकोर्ट राज्य सरकार से लेकर केंद्र को ऑक्सीजन की कमी के लिए लगातार फटकार लगा रही है। ऑक्सीजन की कमी के कारण अस्पतालों में लोगों की मौत हो रही है। दिल्ली हाईकोर्ट मामले पर आज सुनवाई के दौरान केंद्र को सख्त आदेश देते हुए कहा कि वह आज हर हाल में दिल्ली को 490MT ऑक्सीजन उपलब्ध कराए नहीं तो अदालत अवमानना की कार्रवाई कर सकती है। बता दें कि आज दिल्ली के बत्र अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण एक डॉक्टर समेत 8 मरीजों की मौत हो गई है।
राजधानी में ऑक्सीजन की किल्लत पर बेहद सख्त दिख रहे हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को भी फटकार लगाई। अदालत ने अरविंद केजरीवाल सरकार से पूछा कि आपने अबतक आर्मी, नेवी और एयरफोर्स की मदद क्यों नहीं ली? दरअसल, सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा कि सरकार राजधानी में बेडों की संख्या 15 हजार तक बढ़ाने जा रही है लेकिन इन बेडों के लिए हमारे पास ऑक्सीजन ही नहीं है।
अदालत ने केंद्र सरकार को सख्त ताकीद देते हुए कहा कि "किसी भी तरीके आज दिल्ली को 490MT ऑक्सीजन दिया जाए। दिल्ली इंडस्ट्रियल एरिया नही है। इसके पास अपना टैंकर नही है। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर इसका पालन नहीं किया गया तो अदालत अवमानना की कार्रवाई कर सकती है। अगर ये काम पूरा नहीं होता है तो DPIIT के सचिव को अगली सुनवाई में अदालत के सामने हाजिर होना पड़ेगा।''
इधर, हाईकोर्ट की फटकार पर दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने दिल्ली के ऑक्सीजन आवंटन का कोटा बढ़ा दिया है। अब 590 मीट्रिक टन आक्सीजन रोजाना दिल्ली के लिए केन्द्र सरकार की ओर से सप्लाई की जाएगी। इससे पहले 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन रोजाना दिल्ली को सप्लाई की जा रही थी।
इस पूरे मुद्दे पर दिल्ली सरकार ने कोर्ट से कहा है कि दिल्ली के ऑक्सीजन टैंकरों को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है। दिल्ली को हर रोज संघर्ष करना पड़ रहा है। इसे जानने के लिए हमें स्क्रीन के पीछे क्या चल रहा है उसकी तह तक जाना होगा। हमारे अधिकारी हर रोज नर्वस ब्रेकडाउन की कगार पर हैं। इस बीच, अधिवक्ता विराट गुप्ता ने अपनी अपील में कहा है कि वे जानते हैं कि 12 राजनीतिक पार्टियां ऑक्सीजन की ब्लैक मार्केटिंग में लगी हुई हैं।
राजधानी में ऑक्सीजन की किल्लत पर बेहद सख्त दिख रहे हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को भी फटकार लगाई। अदालत ने अरविंद केजरीवाल सरकार से पूछा कि आपने अबतक आर्मी, नेवी और एयरफोर्स की मदद क्यों नहीं ली? दरअसल, सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा कि सरकार राजधानी में बेडों की संख्या 15 हजार तक बढ़ाने जा रही है लेकिन इन बेडों के लिए हमारे पास ऑक्सीजन ही नहीं है।
अदालत ने केंद्र सरकार को सख्त ताकीद देते हुए कहा कि "किसी भी तरीके आज दिल्ली को 490MT ऑक्सीजन दिया जाए। दिल्ली इंडस्ट्रियल एरिया नही है। इसके पास अपना टैंकर नही है। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर इसका पालन नहीं किया गया तो अदालत अवमानना की कार्रवाई कर सकती है। अगर ये काम पूरा नहीं होता है तो DPIIT के सचिव को अगली सुनवाई में अदालत के सामने हाजिर होना पड़ेगा।''
इधर, हाईकोर्ट की फटकार पर दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने दिल्ली के ऑक्सीजन आवंटन का कोटा बढ़ा दिया है। अब 590 मीट्रिक टन आक्सीजन रोजाना दिल्ली के लिए केन्द्र सरकार की ओर से सप्लाई की जाएगी। इससे पहले 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन रोजाना दिल्ली को सप्लाई की जा रही थी।
इस पूरे मुद्दे पर दिल्ली सरकार ने कोर्ट से कहा है कि दिल्ली के ऑक्सीजन टैंकरों को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है। दिल्ली को हर रोज संघर्ष करना पड़ रहा है। इसे जानने के लिए हमें स्क्रीन के पीछे क्या चल रहा है उसकी तह तक जाना होगा। हमारे अधिकारी हर रोज नर्वस ब्रेकडाउन की कगार पर हैं। इस बीच, अधिवक्ता विराट गुप्ता ने अपनी अपील में कहा है कि वे जानते हैं कि 12 राजनीतिक पार्टियां ऑक्सीजन की ब्लैक मार्केटिंग में लगी हुई हैं।