हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में लोगों की सेहत व स्वाद से खिलवाड़ करने का सनसनीखेज मामला सामने आाय है। यहां एक खाने में इस्तेमाल होने वाले मसाले की फैक्ट्री पकड़ी गई है जिसमें गधे की लीद और खतरनाक एसिड आदि का इस्तेमाल किया जा रहा था। मसाले में चांदी और अन्य बेशकीमती चीजों को मिलाकर तैयार करने का दावा किया जा रहा था। फैक्ट्री संचालक अनूप वार्ष्णेय है जो हिंदू युवा वाहिनी का उप मंडल प्रभारी है। उसे फिलहाल शांति भंग के तहत गिरफ्तार किया है।
फैक्ट्री हाथरस कोतवाली के नवीपुर इलाके में संचालित की जा रही थी। प्रशासन के ज्वाइंट मैजिस्ट्रेट पीपी मीणा के मुताबिक, छापेमारी में कुछ स्थानीय ब्रांडों के नाम पर पैक किए जा रहे 300 किलोग्राम से अधिक नकली मसाले बरामद किए हैं।
छापे में नकली मसाले तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कई नुकसान देह तत्व जैसे गधे की लीद, भूसा, अखाद्य हानिकारक रंग के अलावा एसिड से भरे ड्रम मिले हैं। बरामद मिलावटी मसालों में पिसा धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी और गरम मसाला बनाया जा रहा था। काफी तादाद में मसाला बनाने के लिए एकत्र किया हुआ सामान भी मिला है।
खाद्य विभाग के अफसरों की मानें तो मिलावटी मसाले लंबे वक्त तक खाने में इस्तेमाल करने पर स्वास्थ के लिए खतरनाक साबित होते हैं। अब देखना है कि यह मसाले कब से बन रहे थे और इनकी सप्लाई किस स्तर तक हो रही हैं। ताकि अलग अलग टीम बनाकर मिलावटी मसालों या अन्य माल को बरामद कर आमजन को नुकसान से बचाया जा सके।
अधिकारियों के मुताबिक छापे के दौरान मौके पर विभिन्न ब्रांड के करीब 1000 खाली पैकेट और करीब 100 पैकेट भरे हुए मसालों के पाए गए। फैक्ट्री संचालक अनूप वार्ष्णेय बन रहे मसालों के ब्रांडों का लाइसेंस या उससे जुड़ा कोई कागजात मौके पर दिखाने में नाकाम रहा। जिसके बाद एसडीएम ने फैक्ट्री को सील कर दिया। फैक्ट्री संचालक को फिलहाल शांति भंग की धारा 151 के तहत गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
फैक्ट्री हाथरस कोतवाली के नवीपुर इलाके में संचालित की जा रही थी। प्रशासन के ज्वाइंट मैजिस्ट्रेट पीपी मीणा के मुताबिक, छापेमारी में कुछ स्थानीय ब्रांडों के नाम पर पैक किए जा रहे 300 किलोग्राम से अधिक नकली मसाले बरामद किए हैं।
छापे में नकली मसाले तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कई नुकसान देह तत्व जैसे गधे की लीद, भूसा, अखाद्य हानिकारक रंग के अलावा एसिड से भरे ड्रम मिले हैं। बरामद मिलावटी मसालों में पिसा धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी और गरम मसाला बनाया जा रहा था। काफी तादाद में मसाला बनाने के लिए एकत्र किया हुआ सामान भी मिला है।
खाद्य विभाग के अफसरों की मानें तो मिलावटी मसाले लंबे वक्त तक खाने में इस्तेमाल करने पर स्वास्थ के लिए खतरनाक साबित होते हैं। अब देखना है कि यह मसाले कब से बन रहे थे और इनकी सप्लाई किस स्तर तक हो रही हैं। ताकि अलग अलग टीम बनाकर मिलावटी मसालों या अन्य माल को बरामद कर आमजन को नुकसान से बचाया जा सके।
अधिकारियों के मुताबिक छापे के दौरान मौके पर विभिन्न ब्रांड के करीब 1000 खाली पैकेट और करीब 100 पैकेट भरे हुए मसालों के पाए गए। फैक्ट्री संचालक अनूप वार्ष्णेय बन रहे मसालों के ब्रांडों का लाइसेंस या उससे जुड़ा कोई कागजात मौके पर दिखाने में नाकाम रहा। जिसके बाद एसडीएम ने फैक्ट्री को सील कर दिया। फैक्ट्री संचालक को फिलहाल शांति भंग की धारा 151 के तहत गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।